अमेरिका बीते कुछ महीनों से भारत पर इस बात का दबाव डाल रहा है कि उसे रूस से क्रूड ऑयल का आयात बंद कर देना चाहिए. इस मामले में अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका की आलोचना की है. इसके साथ ही दो अक्टूबर को उन्होंने चेतावनी दी कि रूस के ऊर्जा क्षेत्र के साझेदार भारत और चीन पर अमेरिका का दबाव पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बुरा साबित हो सकता है.
ब्लैक सी के तट पर स्थित सोची रिजॉर्ट में मॉस्को के एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में बोलते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका की कोशिशें खुद उसकी आर्थिक सेहत पर उलटा असर डालेंगी. पुतिन के मुताबिक रूस के व्यापारिक साझेदारों पर ज़्यादा टैरिफ लगाए गए तो इससे पूरी दुनिया में ऊर्जा की कीमतें बढ़ेंगी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची रखने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था धीमी हो जाएगी.
पुतिन ने भारत का सीधा ज़िक्र करते हुए ज़ोर दिया कि नई दिल्ली के पास बाहरी दबाव के आगे झुकने का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा, "भारत खुद को कभी अपमानित नहीं होने देगा." इसके आगे रूसी राष्ट्रपति का यह भी कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कदम कभी नहीं उठाएंगे.
रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि अगर भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देता है तो उसे करीब 9-10 अरब डॉलर का नुकसान होगा. उन्होंने कहा, "विश्वास कीजिए, भारत जैसे देश की जनता राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए फ़ैसलों पर कड़ी नज़र रखेगी और किसी के सामने किसी भी तरह का अपमान नहीं होने देगी. और फिर मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं; वे ख़ुद भी इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएंगे."
पुतिन ने कहा कि अगर विदेशी दबाव में रूसी तेल न ख़रीदने का फैसला किया तो भारतीय लोग अपने नेतृत्व के इस कदम को अस्वीकार कर देंगे. उन्होंने ऐसे किसी भी फैसले को आर्थिक लिहाज से "निरर्थक" भी बताया.
पुतिन ने अमेरिका के दोहरे रवैए की ओर इशारा किया
रूसी नेता ने अमेरिका पर दोहरा रवैया रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका रूसी ऊर्जा आयात को लेकर भारत जैसे देशों पर दबाव डालता है, जबकि वह अन्य संसाधनों के लिए मॉस्को पर निर्भर है.
पुतिन ने कहा, "अमेरिका सबसे ज्यादा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग करने वाले देशों में से है. इसके लिए बड़ी मात्रा में ईंधन की जरूरत होती है. अमेरिका को यूरेनियम सप्लाई करने में हम दूसरे नंबर पर आते हैं."
पुतिन ने रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार भुगतान संबंधी मुद्दों को सुलझाने की जरूरत पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को ब्रिक्स के ढांचे के भीतर या अन्य तंत्रों के माध्यम से सुलझाया जा सकता है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "हमें इसका समाधान ढूंढ़ना होगा." उन्होंने संकेत दिया कि भुगतान विवादों को सुलझाकर दोनों देशों को अपनी आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने में मदद मिलेगी.