संसद का मॉनसून सत्र अगले सोमवार यानी 21 जुलाई से शुरू होने वाला है. पहलगाम आतंकवादी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन समेत कई मुद्दों पर विपक्ष के रुख को देखते हुए इस बात की पूरी संभावना है कि मॉनसून सत्र में पक्ष और विपक्ष में भारी टकराव दिखेगा.
लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण विधायी कार्यों की योजना बनाई है. संसद के मॉनसून सत्र में प्रस्तावित आठ विधेयकों से कई महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं.
टैक्सेशन कानून (संशोधन) विधेयक
सरकार इसके माध्यम से टैक्स कोड को सरल बनाकर पूरी कर प्रक्रिया को आसान बनाना चाहती है. इस प्रस्तावित विधेयक के जरिए 1961 के आयकर कानून के प्रावधानों को बदलने की योजना बनाई गई है. इसमें एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह है कि अब वित्तीय वर्ष को 'कर वर्ष' माना जाएगा. साथ ही इस पूरे कानून की भाषा सरल करने की बात भी सरकार की तरफ से कही जा रही है ताकि करदाताओं और आयकर अधिकारियों को आयकर कानून के प्रावधानों को समझने में कोई दिक्कत न हो.
जन विश्वास (संशोधन) विधेयक
इसके जरिए सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबारी परिस्थितियों को सरल बनाना चाहती है. सरकार की मानें तो इस संशोधन के माध्यम से कारोबारों पर लागू होने वाले विभिन्न कानूनों के तहत छोटे-मोटे अपराधों को सजामुक्त करने का काम किया जाना है. प्रस्तावित संशोधनों में कारावास की सजा को आर्थिक दंड में बदलने की बात शामिल है. साथ ही इसमें अधिकारियों के विवेकाधिकार को कम करने का प्रस्ताव भी हो सकता है.
राष्ट्रीय स्पोर्ट्स गवर्नेंस विधेयक
हाल ही में केंद्र सरकार राष्ट्रीय खेल नीति लेकर आई. उसमें यह बात कही गई थी कि अगर जरूरत पड़ी तो खेल संघों के कामकाज में पारदर्शिता और सुधार लाने के लिए एक विधेयक लाया जाएगा.
अब सरकार यह विधेयक लेकर आ रही है. इसमें कई ऐसे प्रावधान हैं जिनके बारे में सरकार का दावा है कि इनसे खेल संघों में पारदर्शिता तो आएगी ही साथ ही साथ पूरा खेल प्रशासन खिलाड़ी केंद्रित बनेगा.
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक
भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी की कोशिश कर रहा है. इस राह में जो बाधाएं हैं, उनमें एक भारत में डोपिंग के मामलों का बार-बार सामने आना भी है. केंद्र सरकार इस स्थिति को बदलने के लिए वैश्विक मानदंडों के हिसाब से डोपिंग कानून में संशोधन करने जा रही है. इस संशोधन विधेयक का मकसद डोपिंग रोधी प्रयासों के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना और डोपिंग रोधी अपील पैनल की स्वायत्तता बढ़ाना है.
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक
हाल के दिनों में चीन ने भारत को रेयर अर्थ मटेरियल्स की सप्लाई पर आंशिक पाबंदी लगाई है. इसके बाद से महत्वपूर्ण खनिजों के लिए दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं. उनमें से एक है यह संशोधन विधेयक. इसके जरिए खनन मानदंडों को सरल बनाने की योजना है. गहरे खनिजों के खनन की अनुमति देने के नियमों को और सरल बनाने का प्रस्ताव इस संशोधन विधेयक में शामिल हो सकता है. इसमें प्राइवेट सेक्टर के निवेश को और प्रोत्साहित करने संबंधित प्रावधान भी हो सकते हैं.
भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक
भारत के भूवैज्ञानिक इतिहास के संरक्षण के लिहाज से इस विधेयक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सरकारी अधिकारियों की मानें तो इस विधेयक में जियो- हेरिटेज साइट्स यानी भू-विरासत स्थलों को परिभाषित और संरक्षित करने के प्रस्ताव हैं. इसके माध्यम से सरकार इन स्थलों के बारे में शिक्षा, शोध और संरक्षण को प्रोत्साहित करने संबंधित प्रावधान कर सकती है.
भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक
इस प्रस्तावित विधेयक के जरिए आईआईएम, गुवाहाटी को आईआईएम अधिनियम के तहत लाने का प्रावधान किया गया है. साथ ही यह संशोधन विधेयक इस संस्थान को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने वाला है. इसके बाद आईआईएम, गुवाहाटी के अपने कामकाज में अधिक स्वायत्तता मिल पाएगी.
मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक
इस प्रस्तावित विधेयक के माध्यम से मणिपुर के राज्य जीएसटी कानूनों को केंद्रीय जीएसटी ढांचे के अनुरूप बनाने की योजना है. विधायी कार्यों की भाषा में इसे केंद्र सरकार एक तकनीकी संशोधन मान रही है. इसका मकसद कर संग्रह, प्रशासन और नियमों के पालन में सामंजस्य स्थापित करना है.