29 जुलाई को संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात की पुष्टि की है कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले सभी तीन आतंकवादी मारे गए. उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव में उन आतंकियों को मार गिराया. इस तरह हमने अपने 26 लोगों की मौत का बदला ले लिया है.
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए शाह ने कहा, "बैसरन घाटी में निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मारा गया था... अब सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर हमले में शामिल तीनों आतंकवादियों को मार गिराया है."
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीनों आतंकवादियों की पहचान शीर्ष लश्कर कमांडर सुलेमान शाह, अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है.
कैसे हुई मारे गए आतंकवादियों की पहचान?
अमित शाह ने सदन में कहा कि मारे गए आतंकियों की पहचान उन लोगों ने की है जिन्होंने 22 अप्रैल के नरसंहार के बाद उन्हें आश्रय दिया था.
उन्होंने कहा, "जो लोग उन्हें (आतंकवादियों को) खाना मुहैया कराते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था. जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों ने हिरासत में रखे गए लोगों से उनकी पहचान कराई."
दरअसल, पिछले महीने दो स्थानीय नागरिक परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद को हमलावरों को कथित तौर पर शरण देने के आरोप में NIA ने गिरफ्तार किया था.
ऑपरेशन का ब्यौरा देते हुए शाह ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि वे आतंकवादियों को देश छोड़ने न दें.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकवादियों की पहचान पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों से मिलाने के लिए काफी प्रयास किए.
शाह ने आगे कहा, "आतंकी हमले के कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से ही तैयार थी... कल, तीन आतंकवादियों की राइफलें जब्त कर ली गईं और FSL रिपोर्ट के साथ उनका मिलान किया गया... इसके बाद, यह पुष्टि हुई कि इन तीनों ने ही आतंकी हमला किया था."
अमित शाह ने कहा कि आतंकियों के पास से बरामद वोटर ID और चॉकलेट के पैकेट्स आदि कई ऐसी जरूरी चीजें मिली हैं, जो उनके पाकिस्तान से होने का पुख्ता सबूत हैं.
अमित शाह के भाषण की अन्य खास और अहम बातें-
- लोकसभा में लगातार नारेबाजी के बीच शाह विपक्ष पर निशाना साधने से खुद को नहीं रोक पाए. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद थी कि जब वे पहलगाम आतंकवादियों के मारे जाने की खबर सुनेंगे तो खुश होंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे इससे खुश नहीं हैं."
- अमित शाह ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर भी कटाक्ष किया, जब वे उठकर बीच-बचाव करने लगे. शाह ने कहा, "अखिलेश जी... कृपया बैठ जाइए, मैं हर सवाल का जवाब दूंगा. आतंकवादियों के धर्म पर दुखी मत होइए."
- अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा, “कल ये (विपक्षी सांसद) मुझसे पूछ रहे थे कि पहलगाम के दोषी कहां गए. ये 10 जो नाम पढ़े हैं, उनमें से आठ चिदंबरम एंड कंपनी के जमाने में आतंकी घटनाएं घटाते थे. इन्हें हमारी सेना ने चुन-चुनकर मारा है. उन्होंने कहा कि राजनाथ जी बोले हैं, वो ऑथेंटिक शब्द हैं. इसको मैं बढ़ा नहीं सकता. कम से कम सौ आतंकी मारे गए.”
- अमित शाह ने बताया कि 7 मई को 1 बजकर 26 मिनट पर हमारा काम समाप्त हो गया था. हमारे डीजीएमओ ने उनके डीजीएमओ को बता दिया कि हमने इन आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. मनमोहन सिंह की तरह ऐसा नहीं हो सकता कि वो हम पर हमला करें और हम चुपचाप बैठे रहें. हमने आतंकी ठिकानों पर जो हमला किया, उसे पाकिस्तान ने अपने ऊपर हमला मान लिया. उससे ये गलती हो गई.
- गृहमंत्री ने बताया कि दूसरे दिन इनकी श्रद्धांजलि का कार्यक्रम हुआ और सेना के आला अफसर वहां उपस्थित हुए और कंधा दिया. सिंदूर ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में एक्सपोज कर दिया कि पाकिस्तान का आतंक स्टेट स्पांसर टेररिज्म है. आठ मई को पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया लेकिन कोई मिसाइल ठिकाने पर नहीं पहुंची.
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अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान के पास हमारे शरण में आने के अलावा कोई चारा नहीं था. 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को फोन किया और शाम पांच बजे हमने संघर्ष विराम किया. युद्ध करना या न करना सोच कर करना पड़ता है.
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ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान लोकसभा में बोलते हुए शाह ने कहा, "कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहां से आए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है. बेशक, यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सत्ता में हैं. कल पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया - क्या सबूत है कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे? मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान को बचाकर उन्हें क्या मिलेगा. जब वह ऐसा कहते हैं, तो इसका मतलब है कि वे पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं."
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कांग्रेस को ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के अस्तित्व के लिए जिम्मेदार ठहराया और उस पर भारत के राष्ट्रीय हितों से बार-बार समझौता करने का आरोप लगाया. शाह ने कहा, "कल वे (कांग्रेस) सवाल उठा रहे थे कि युद्ध क्यों नहीं हुआ...आज PoK केवल जवाहरलाल नेहरू की गलती के कारण मौजूद है. 1960 में उन्होंने सिंधु नदी का 80 फीसदी पानी पाकिस्तान को दे दिया...1971 में शिमला समझौते के दौरान वे (कांग्रेस) PoK के बारे में भूल गए. अगर उन्होंने उस समय PoK ले लिया होता, तो हमें अब वहां शिविरों पर हमले नहीं करने पड़ते."