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स्कैल्प, हैमर: पाकिस्तान के आतंकी शिविरों को बर्बाद करने के लिए भारत ने इन हथियारों को क्यों चुना?

'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम देने के लिए भारत ने SCALP क्रूज मिसाइलों और हैमर प्रिसिजन-गाइडेड हथियारों से लैस राफेल जेट विमानों का इस्तेमाल किया

राफेल विमानों ने स्कैल्प मिसाइलों और हैमर बमों से पाक आतंकी शिविरों पर हमला किया (एएफपी)
राफेल विमानों ने स्कैल्प मिसाइलों और हैमर बमों से पाक आतंकी शिविरों पर हमला किया (एएफपी)
अपडेटेड 7 मई , 2025

6-7 मई की दरम्यानी रात करीब 1:44 बजे PIB ने एक नोटिस जारी किया. इसमें बताया गया कि इंडियन आर्मी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर जबरदस्त हमला किया. 25 मिनट की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 9 आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया.

पड़ोसी मुल्क के भीतर घुसकर आतंकी शिविरों पर किए गए ये मिसाइल हमले न केवल सोच-समझकर किए गए, बल्कि उनका असर भी जबरदस्त था. सूत्रों ने बताया कि भारत के पसंदीदा हथियार स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर प्रिसिजन-गाइडेड म्यूनिशन थे, जो राफेल लड़ाकू विमानों पर लगे थे.

मध्य रात्रि के कुछ ही क्षणों बाद पाकिस्तान में नौ जगहों पर मिसाइलें गिरीं, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके इलाके भी शामिल थे. ये क्रमशः आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ हैं.

इस ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना के अलावा नौसेना और थलसेना भी शामिल थीं. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 25 सैलानी और एक नेपाली व्यक्ति मारे गए थे.

ऑपरेशन सिंदूर के लिए स्कैल्प क्रूज मिसाइलों और हैमर प्रिसिजन-गाइडेड हथियारों का चयन, खास आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमला करने और नागरिक हताहतों से बचने के लिए भारत के रणनीतिक कदम को बताता है.

इस बार भारत के शस्त्रागार में राफेल भी शामिल है. 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए पुराने मिराज-2000 जेट विमानों को तैनात किया था.

स्कैल्प/स्टॉर्म शैडो

स्कैल्प, जिसे स्टॉर्म शैडो के नाम से भी जाना जाता है, एक एयर-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल है (एपी)
स्कैल्प, जिसे स्टॉर्म शैडो के नाम से भी जाना जाता है, एक एयर-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल है (एपी)

स्कैल्प, जिसे स्टॉर्म शैडो के नाम से भी जाना जाता है, एक एयर क्रूज मिसाइल है जो अपनी स्टील्थ खासियतों के लिए जानी जाती है. इसे लंबी दूरी तक 'डीप स्ट्राइक' (गहरा और सटीक हमला) के लिए डिजाइन किया गया है.

यह दुनिया भर के डिफेंस फोर्स में पसंदीदा मिसाइल है, जिसे रात में और सभी मौसमों में ऑपरेट किया जा सकता है. 300 किलोमीटर की रेंज वाली स्कैल्प मिसाइल की सटीकता का श्रेय इसके एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम को जाता है, जो INS, GPS और टेरेन रेफरेंसिंग का इस्तेमाल करता है.

इस मिसाइल का निर्माण MBDA करती है, जो यूरोपीय संघ का कंसोर्टियम है. इसे हार्ड बंकरों और गोला-बारूद के भंडारों को भेदने के लिए एक आदर्श हथियार माना जाता है. वास्तव में, इसी मिसाइल का इस्तेमाल पिछले साल यूक्रेन ने पहली बार रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए किया था.

लक्ष्य के करीब पहुंचने पर मिसाइल में लगा इन्फ्रारेड सीकर टार्गेट इमेज से मेल खाता है, जो सटीकता तय करने और आसपास के इलाकों को कम-से-कम नुकसान पहुंचाने के लिए इसमें फीड किया जाता है. मिसाइल का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि जेट से दागे जाने पर यह 'लो' यानी नीचे उड़ती है.

हैमर एयर टू ग्राउंड बम

हैमर का निर्माण फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान ने किया है
हैमर का निर्माण फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान ने किया है

'ऑपरेशन सिंदूर' में इस्तेमाल किया गया दूसरा हथियार हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज) है, जो सभी मौसम में हवा से जमीन पर 'प्रीसिजन गाइडेड' यानी सटीक वार करने वाला हथियार है. इसे ग्लाइड बम के नाम से भी जाना जाता है. इसकी मारक क्षमता 70 किलोमीटर तक है और इसे स्टैंडर्ड बमों में फिट किया जा सकता है.

इसे फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान ने बनाया है. यह बम जैमिंग के प्रति इंसेंसिटिव (असंवेदनशील) है और इसे कम ऊंचाई से उबड़-खाबड़ इलाकों में लॉन्च किया जा सकता है. तथ्य यह है कि इसे रोकना मुश्किल है और यह किलेबंद संरचनाओं जैसे हार्ड बंकरों को भेद सकता है, और यही बात इसे इतना प्रभावी बनाती है.

यही वजह है कि भारत पाकिस्तान में आतंकी बुनियादी ढांचे को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाने में सफल रहा, और जैश और लश्कर के मुख्यालयों को ध्वस्त कर दिया जो क्रमशः पुलवामा और पहलगाम आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार थे.

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