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‘मेरे खिलाफ पेड कैंपेन चलाया जा रहा है...’ नितिन गडकरी ने E20 पेट्रोल विवाद पर ऐसा क्यों कहा?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में आयोजित सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के एक कार्यक्रम में यह बात कही है

नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
अपडेटेड 11 सितंबर , 2025

11 सितंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया कि E20 पेट्रोल को लेकर सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ पेड कैंपेन चलाया जा रहा है.

गडकरी ने दिल्ली में आयोजित सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 65वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बात कही है.

कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “E20 पेट्रोल में पारंपरिक फ्यूल के साथ 20 फीसद एथेनॉल मिलाया जाता है. यह ईंधन सुरक्षित है और इसके इस्तेमाल का सरकारी नियामक एजेंसियों और ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने भी समर्थन किया है. ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट ने भी E20 कार्यक्रम को लेकर पूरी स्पष्टता दे दी है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए पेड कैंपेन चलाया जा रहा है, इसलिए मैं इस कैंपेन पर कोई ध्यान नहीं देता.”

पेट्रोल में इथेनॉल मिलाए जाने और E20 पेट्रोल की अनिवार्य बिक्री को लेकर हाल के हफ्तों में केंद्रीय मंत्री गडकरी को सोशल मीडिया पर बढ़ती आलोचना का सामना करना पड़ा है.

वाहन मालिकों का दावा है कि उच्च इथेनॉल मिश्रण वाला ईंधन माइलेज कम करता है और पुराने वाहनों को नुकसान पहुंचाता है, जो एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल के लिए नहीं बने हैं. विशेषज्ञों और कुछ सर्विस सेंटर्स ने भी 2023 से पहले के मॉडल के वाहनों के मालिकों की शिकायतें दर्ज की हैं.

इन सबके बावजूद नितिन गडकरी लगातार एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल का बखान करते रहे हैं. पिछले महीने एक कार्यक्रम में उन्होंने आलोचकों को चुनौती दी थी कि वे E20 से किसी कार को हुए नुकसान का "एक भी उदाहरण" दिखाएं. उन्होंने कहा कि न तो ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) और न ही SIAM ने इस तरह के किसी नुकसान की बात कही है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में पेट्रोल पंप पर बेचे जाने वाले एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल के खिलाफ दर्ज याचिका को खारिज कर दी थी. इससे भारत सरकार की स्वच्छ ऊर्जा नीति के लिए एक बड़ी कानूनी बाधा दूर हो गई.

सरकार का कहना है कि इथेनॉल मिलाने से तेल आयात में कमी आएगी. इतना ही नहीं, यह वायु प्रदूषण कम करेगा और E20 नीति की सफलता से किसानों की आय बढ़ेगी.

उन्होंने कहा, "हमने मक्के से इथेनॉल बनाने का फैसला लिया. नतीजतन, उत्तर प्रदेश, बिहार और पूरे देश में मक्के की खेती तीन गुना बढ़ गई है." उन्होंने आगे कहा, "भारत की कृषि विकास दर पारंपरिक रूप से कम रही है. ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में कृषि के इस विविधता से किसानों को सीधा लाभ होता है और अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है."

उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि वे उन उपभोक्ताओं को GST का लाभ दें जो अपने पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग कराकर नए वाहन खरीदते हैं."

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