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GST स्लैब में बदलाव कैसे आपकी फिटनेस के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है?

स्वस्थ भारत के सपने को ध्यान में रखकर GST में सुधार किया गया है. इसके तहत फिटनेस और स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है

अब जिम करना होगा सस्ता (सांकेतिक तस्वीर)
अब जिम करना होगा सस्ता (सांकेतिक तस्वीर)
अपडेटेड 4 सितंबर , 2025

3 सितंबर को GST काउंसिल की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हुई. इसमें GST स्लैब में बदलाव को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनमें से एक स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स कम करना भी शामिल है.

नए GST स्लैब के तहत फिटनेस, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वस्थ खाद्य पदार्थों पर टैक्स घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है. साफ है कि सरकार भारत में हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़े सामानों को आम लोगों के लिए बजट में लानाा चाहती है.  

ऐसे में GST स्लैब में यह बदलाव न सिर्फ आर्थिक तौर पर उठाया गया मजबूत कदम है, बल्कि एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण और बढ़ते मोटापे की समस्या से निपटने की दिशा में भी लिया गया सही फैसला है.

नए GST स्लैब के तहत हेल्दी रहने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सामान और सर्विस जैसे- जिम, योग सर्विसेज और साइकिल पर GST 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी सामानों पर भी टैक्स कम कर दिया गया है.

इसके अलावा रोजमर्रा के सामानों जैसे हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथब्रश और टूथपेस्ट की टैक्स दर 18 फीसद या 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हो गई हैं. खाने-पीने के सामानों जैसे दूध, छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा. पहले सरकार इन सामानों  पर 5 फीसदी टैक्स वसूलती थी.  

परांठे पर अभी तक 18 फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब इस पर कोई जीएसटी लगेगा. मधुमेह रोगियों के खाने-पीने में इस्तेमाल होने वाले खास तरह के सामानों पर टैक्स 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी है कि अब से सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर GST नहीं लगेगा. बीमा प्रीमियम पर अब तक लगने वाला 18 फीसद टैक्स खत्म हो जाएगा.

इसके उलट सेहत के लिए नुकसानदेह चीजें जैसे- कैफीन युक्त ड्रिंक्स, कार्बोनेटेड वेबरेजेज और बाकी कार्बोनेशन वाले सामानों पर GST को 28 से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है.

इस बार स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगाह करते हुए कहा था, "मोटापा हमारे देश के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में उभर रहा है. हर परिवार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. आने वाले वर्षों में हर तीन में से एक भारतीय मोटापे से ग्रस्त हो सकता है. ऐसे में हमें खाना पकाने के तेल की खपत में 10 फीसद की कमी लाने की जरूरत है."

ऐसे में नए GST सुधार में जिम, योग केंद्रों, फिटनेस सेवाओं और हेल्दी प्रोडक्ट पर कम टैक्स लगाना पीएम मोदी के स्वस्थ भारत सपने को साकार करने की दिशा में एक जरूरी कदम के रूप में देखा जा रहा है.

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