scorecardresearch

मोहन भागवत ने मुस्लिम और ईसाईयों के RSS में शामिल होने पर क्या कहा?

मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करता, बल्कि नीतियों का समर्थन करता है

मोहन भागवत (फाइल फोटो)
मोहन भागवत (फाइल फोटो)
अपडेटेड 10 नवंबर , 2025

8 और 9 नवंबर को बेंगलुरु के विश्व संवाद केंद्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल पूरे होने पर एक लेक्चर सीरीज का आयोजन हुआ. इस लेक्चर सीरीज का नाम '100 इयर्स ऑफ संघ जर्नी: न्यू होराइजन्स' रखा गया था.

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे थे. यहां उन्होंने सभी धर्मों के लोगों के संघ शाखा में शामिल होने पर कहा कि संघ की सोच समावेशी है. शाखा में मुस्लिम भी आते हैं, ईसाई भी आते हैं.

RSS में मुसलमानों को शामिल किए जाने के सवाल पर भागवत ने कहा, "किसी भी ब्राह्मण को संघ में शामिल नहीं किया जा सकता. किसी अन्य जाति को संघ में शामिल नहीं किया जा सकता. किसी भी मुसलमान या ईसाई को संघ में शामिल नहीं किया जा सकता... केवल हिंदुओं को ही संघ में शामिल किया जा सकता है." हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी धर्मों के लोग इसमें भाग लेने के लिए स्वागत है, बशर्ते वे “भारत माता के पुत्र” के रूप में आएं.

इसके आगे भागवत ने कहा कि हम यह नहीं पूछते कि कौन क्या है. हम सब भारत माता के पुत्र हैं. यही संघ की कार्यशैली है. उन्होंने कहा, "इसलिए विभिन्न संप्रदायों के लोग मुसलमान, ईसाई या फिर किसी भी संप्रदाय के लोग, संघ में आ सकते हैं. लेकिन, अपनी जाति, धर्म की प्राथमिकता को बाहर रखें. जब आप शाखा में आते हैं, तो आप सबसे पहले भारत माता के पुत्र हैं, संघ में आप हिंदू समाज के सदस्य के रूप में आते हैं."

उन्होंने कहा, "हमारा किसी एक दल से कोई विशेष लगाव नहीं है. संघ की कोई पार्टी नहीं है. कोई भी पार्टी हमारी नहीं और सभी पार्टियां हमारी हैं क्योंकि वे भारतीय दल हैं."

भागवत ने कहा कि संघ राष्ट्रनीति का समर्थन करता है, राजनीति का नहीं. हम देश को एक दिशा देना चाहते हैं. जो उस दिशा में काम करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे. बता दें कि इससे पहले भागवत ने कहा था कि संघ भगवा झंडे को मानता है, तिरंगे को नहीं, इस मुद्दे पर भागवत ने कहा कि संघ में भगवा को गुरु मानते हैं, लेकिन हम तिरंगे का बहुत सम्मान करते हैं. उनकी यह टिप्पणी RSS के इस कार्यक्रम में आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान आई.

Advertisement
Advertisement