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'ये मोदी का युद्ध है'; यूक्रेन जंग पर ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने क्यों कही ये बात?

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन में शांति का रास्ता 'कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर गुजरता है.'

ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो (फाइल फोटो)
ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो (फाइल फोटो)
अपडेटेड 28 अगस्त , 2025

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में जोर देकर कहा, "यूक्रेन संघर्ष मुख्य रूप से मोदी का युद्ध है." नवारो ने भारत पर रियायती तेल खरीदकर रूस को समर्थन करने का आरोप लगाया.

इसके आगे इस इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे , तो उसे अमेरिकी टैरिफ में सीधे 25 फीसद की छूट मिल जाएगी. नवारो ने इस बात का भी जिक्र किया कि यूक्रेन में शांति का रास्ता "कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर जाता है."

हालांकि, 'मोदी वॉर' कहने पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, " मैं मोदी का युद्ध इसलिए कह रहा हूं क्योंकि शांति का रास्ता कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर ही जाता है."

नवारो की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब डोनाल्ड ट्रंप सरकार के जरिए भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया 50 फीसद टैरिफ वसूलना 27 अगस्त से शुरू हो गया है. यह कदम पश्चिमी दबाव के बावजूद रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखने पर भारत को दंडित करने के लिए उठाया गया है.

अमेरिका के साथ संबंधों में आई गिरावट के कारण भारत ने चीन के साथ अपने संबंधों को दोबारा से स्थापित करने का प्रयास किया है. सीमा विवाद को पीछे रख दिया है, जबकि रूस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.

नवारो ने आगे कहा, "अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दें और वॉर मशीनरी को हराने में मदद करे, तो उसे कल 25 फीसद की छूट मिल सकती है. लोकतांत्रिक देशों का साथ देने के बजाय भारत सत्तावादियों के साथ मिल रहे हैं. भारत दशकों से चीन के साथ एक तरह के कोल्ड वॉर में है. चीन ने आपकी जमीन अक्साई चीन में हमला किया, वे आपके मित्र नहीं हो सकते हैं!"

नवारो ने भारत के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया

जब नवारो से पूछा गया कि क्या अमेरिका भारत के साथ बातचीत कर रहा है और क्या टैरिफ कम होने की कोई संभावना है, तो व्हाइट हाउस के सलाहकार ने भारत के रुख पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, "मैं हैरान हूं, क्योंकि मोदी एक महान नेता हैं. भारत एक परिपक्व लोकतंत्र है और इसे परिपक्व लोग चला रहे हैं."

ब्लूमबर्ग के अनुसार, नवारो ने कहा, "मुझे इस बात से परेशानी है कि भारतीय इस मामले में बहुत अहंकारी हैं. वे कहते हैं, 'ओह, हम ज्यादा टैरिफ नहीं लेते हैं. ओह, यह हमारी संप्रभुता है कि हम जिससे चाहें तेल खरीद सकते हैं."

'भारत के उच्च टैरिफ से खतरे में अमेरिकी नौकरियां'

नवारो ने भारत पर रूस को जंग के दौरान मदद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "भारत रूस से सस्ता तेल खरीदता है, जबकि रूस उसी पैसे का इस्तेमाल अपनी युद्ध मशीनरी को और ज्यादा मजबूत कर यूक्रेनियों को मारने में करता है."

उन्होंने तर्क दिया कि इसका असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है. उन्होंने आगे कहा, "उपभोक्ता, व्यवसाय और हर चीज को नुकसान होता है, और कामगारों को भी नुकसान होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत के ऊंचे टैरिफ की वजह से हमें नौकरियां, कारखाने, आमदनी और ज्यादा मजदूरी का नुकसान होता है. फिर करदाताओं को भी नुकसान होता है क्योंकि हमें मोदी वॉर के लिए धन जुटाना पड़ता है."

पिछले सप्ताह, नवारो ने नई दिल्ली पर रिफाइनरी से मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया था. उन्होंने आगे कहा, "भारत हमें सामान बेचकर जो पैसा कमाता है, उससे वह रूसी तेल खरीदता है, जिसे रिफाइनर प्रोसेस करते हैं और वहां खूब पैसा कमाते हैं. लेकिन फिर रूसी इस पैसे का इस्तेमाल हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं. इसलिए अमेरिकी करदाताओं को यूक्रेनियों को सैन्य तरीके से और अधिक सहायता देनी पड़ती है. ऐसे में भारत जो कर रहा है, वह पागलपन है."

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