scorecardresearch

लाल किला ब्लास्ट पर अपने पहले के बयान से कैसे पलटा अमेरिका?

अमेरिका ने अपने पहले बयान में लाल किला के पास हुए ब्लास्ट को आतंकी हमला नहीं बताया था, लेकिन बाद में अमेरिकी विदेश मंत्री ने इसे आतंकी हमला बताया है

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (फाइल फोटो)
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (फाइल फोटो)
अपडेटेड 13 नवंबर , 2025

पिछले दो दिनों में भारत और पाकिस्तान की राजधानी में दो विस्फोट हुए. 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के ठीक सामने एक विस्फोट हुआ, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए.

इस घटना के ठीक 24 घंटे के भीतर 11 नवंबर को इस्लामाबाद के एक कोर्ट कैंपस को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया, जिसमें 12 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए.

इन दोनों ही घटनाओं के बाद अमेरिका की ओर से बयान जारी हुए, लेकिन भारत और पाकिस्तान की घटना पर जारी इन बयानों में बड़ा अंतर देखने को मिला.

लाल किला के पास हुए विस्फोट के बाद भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा, "हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं कल रात नई दिल्ली में हुए भयानक विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ हैं. हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं."

वहीं, पाकिस्तान के कोर्ट कैंपस में हुए धमाके के तुरंत बाद वहां स्थित अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में अमेरिका पाकिस्तान के साथ एकजुटता से खड़ा है. आज के इस कायराने हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति हमारी संवेदना है. हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. हम इस हमले और आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं और पाकिस्तान सरकार के देश में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

साफ है कि एक ओर पाकिस्तान में हुए ब्लास्ट को अमेरिकी दूतावास ने आतंकी घटना माना था, जबकि भारत की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में अमेरिकी दूतावास ने आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. अब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने दूतावास के बयान को सुधारते हुए दिल्ली के लाल किला विस्फोट को आतंकी हमला बताया है.

अमेरिका विदेश मंत्री ने इस घातक विस्फोट की जांच में भारत को सहायता देने की भी पेशकश की है. साथ ही उन्होंने जांच में भारत के पेशेवर रवैये की सराहना की है.

उन्होंने कहा, "भारतीयों की सराहना की जानी चाहिए. वे इस जांच को बहुत सोच-समझकर, सावधानी से और पेशेवर तरीके से अंजाम दे रहे हैं. यह जांच जारी है." इसके साथ ही रुबियो ने कहा, "यह साफ तौर से एक आतंकवादी हमला था. यह अत्यधिक विस्फोटक पदार्थों से भरी एक कार थी, जिसमें विस्फोट हुआ और कई लोग मारे गए."

बता दें कि 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. इस घटना की भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर जांच शुरू कर दी है. फॉरेंसिक टीमें और आतंकवाद निरोधी इकाइयां लगातार सबूतों की जांच कर रही हैं और अधिकारी इसके पीछे के मकसद और जिम्मेदार लोगों का पता लगाने में लगे हैं.

दिल्ली लाल किला विस्फोट पर इंडिया टुडे की ये खबर भी पढ़िए- 

लाल किला ब्लास्ट: दिल्ली में 11 घंटे घूमती रही विस्फोटक भरी कार; इंटेलिजेंस एजेंसियां कहां चूकीं?

लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जिस कार में धमाका हुआ, वह यहां पहुंचने से पहले दिल्ली के करीब 13 थाना क्षेत्रों और कम से कम 6 पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरी. इंडिया टुडे हिंदी पर पढ़िए कि कैसे उमर दिल्ली में 11 घंटे तक बिना किसी रोक-टोक के विस्फोटक से लदी कार लेकर घूमा, लेकिन एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी. पूरी स्टोरी यहां क्लिक कर पढ़िए. 

कार ब्लास्ट
कार ब्लास्ट

 

Advertisement
Advertisement