scorecardresearch

इसरो का सबसे भारी सैटेलाइट लॉन्च के लिए तैयार, भारत का समुद्र अब और सुरक्षित होगा!

इसरो 2 नवंबर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है

Isro LVM-3 CMS-03 launch
इस सैटेलाइट को इसरो का सबसे ताकतवर रॉकेट LVM-3 से लॉन्च किया जाएगा
अपडेटेड 27 अक्टूबर , 2025

इसरो 2 नवंबर को अपने LVM-3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3)  रॉकेट के जरिए एक एडवांस्ड कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 लॉन्च करने जा रहा है. इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा. रॉकेट पूरी तरह से तैयार होकर 26 अक्टूबर को लॉन्च पैड पर पहुंच गया है. 

इसरो के इस मिशन में LVM-3 पांचवीं बार उड़ान भरेगा और भारत के अब तक के सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट, जिसका वज़न 4,400 किलोग्राम है, को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित करेगा. GTO किसी पृथ्वी की वह कक्षा होती है जिसमें स्थापित होने के बाद सैटेलाइट बाद में खुद अपना फ्यूल इस्तेमाल करके ऊपर की कक्षाओं में जा सकता है.

CMS-03 सैटेलाइट क्या है?

CMS-03 इसरो द्वारा विकसित एक मल्टी बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसे पूरे भारत और उपमहाद्वीप के आसपास के विशाल समुद्री क्षेत्र में मज़बूत दूरसंचार कवरेज प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसके पेलोड में ट्रांसपोंडर शामिल हैं जो C, विस्तारित C और KU कम्युनिकेशन बैंड पर ध्वनि, डेटा और वीडियो लिंक को सपोर्ट कर सकता है.

यह सैटेलाइट उन्नत प्लेटफ़ॉर्म कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, तेज़ और उच्च क्षमता वाली बैंडविड्थ प्रदान करेगा, और दूर-दराज के क्षेत्रों तक डिजिटल पहुंच में सुधार करेगा. इससे नागरिक सेवाओं और भारतीय नौसेना के लिए संचार जैसे रणनीतिक इस्तेमाल, दोनों में सुविधा होगी.
यह सैटेलाइट, जिसे कुछ रिपोर्टों में जीसैट-7R भी कहा जा रहा है, नौसेना के जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों के बीच सुरक्षित कम्युनिकेशन संपर्क स्थापित करके भारत की समुद्री सुरक्षा को मज़बूत करेगा.

LVM-3 लॉन्च की अहमियत

यह मिशन भारत के सबसे शक्तिशाली हेवी-लिफ्ट लॉन्चर के रूप में LVM-3 के बढ़ते कद को दर्शाता है. इसी रॉकेट से चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया था जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुप पर ऐतिहासिक लैंडिंग की थी. 
LVM-3 के जरिए CMS-03 का लॉन्च इसरो की बड़े और एडवॉन्स्ड पेलोड लॉन्च करने की क्षमता में एक मील का पत्थर है. इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की धमक और बढ़ेगी. 

Advertisement
Advertisement