5 दिसंबर को देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की 500 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. पायलटों और क्रू सदस्यों की भारी कमी के कारण यह लगातार चौथा दिन है, जब एयरलाइन गंभीर परेशानी का सामना कर रही है.
इससे न केवल दिल्ली बल्कि बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद सहित कई हवाई अड्डों पर उड़ानें प्रभावित हुईं. राहुल गांधी ने इंडिगो संकट के लिए मोदी सरकार के एकाधिकार मॉडल को जिम्मेदार ठहराया है.
राहुल ने इंडिगो संकट को मोदी सरकार के एकाधिकार का देन क्यों बताया है?
5 दिसंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने और आम लोगों को हो रही समस्या को लेकर केंद्र सरकार के "एकाधिकार मॉडल" को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने देश में इस तरह की अराजकता दोबारा पैदा न हो, इसके लिए विमानन क्षेत्र में "निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा" का आह्वान किया है.
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "इंडिगो की विफलता इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत है. एक बार फिर, आम भारतीयों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है."
राहुल गांधी जिस एकाधिकार मॉडल की बात कर रहे हैं, उसको लेकर JNU की प्रोफेसर जयती घोष बताती हैं, "जब कोई सेक्टर एक-दो कंपनियों पर निर्भर हो जाता है, तो इनकी आंतरिक कमियां पूरे बाजार को ठप कर देती हैं." जैसा कि हम इंडिगो के मामले में देख रहे हैं.
घोष के मुताबिक, "कॉर्पोरेट एकाधिकार के मॉडल को अगर सबसे ज्यादा किसी चीज से बढ़ावा मिलता है, तो वह सरकार की नीतियां हैं. यह 'क्रॉनी कैपिटलिज्म' का लक्षण है, जहां बड़े खिलाड़ियों को रेगुलेटरी ढील मिलती है, लेकिन इसमें असफलता की कीमत जनता चुकाती है."
अगर यहां आप यह सोच रहे हैं कि क्रोनी कैपिटलिज्म क्या है, तो बता दें कि यह एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है जहां व्यापार की सफलता सरकार और कुछ चुनिंदा व्यवसायों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर निर्भर करती है.
यही वजह है कि राहुल गांधी ने इंडिगो क्राइसिस के लिए मोदी सरकार के एकाधिकार मॉडल को जिम्मेदार बताया है. हालांकि, एक राजनेता होने के नाते उनकी यह राजनीतिक टिप्पणी है, जिसे हमने अर्थशास्त्री के जरिए समझने की कोशिश की है.
किन शहरों में कितने विमान कैंसिल हुए हैं?
दिल्ली में सबसे ज्यादा 225 फ्लाइट्स रद्द हुई हैं. इंडिगो ने दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली सभी घरेलू फ्लाइट्स शुक्रवार रात तक रद्द कर दी हैं. बेंगलुरु में 102, पुणे में 32 और हैदराबाद में 32 उड़ानें रद्द हुई हैं. उड़ान कैंसिल होने और देरी के कारण देश भर में हजारों यात्री परेशान है.
कई एयरपोर्ट्स पर लोग 24-24 घंटे से फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं. सीढ़ियों और कुर्सियों पर बैठकर रात गुजारने को मजबूर हैं. इधर, इंडिगो ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नियमों से 10 फरवरी 2026 तक छूट देने की अपील की है.
500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल होने के क्या कारण हैं?
इंडिगो फ्लाइट्स के कैंसिल व देर होने के पीछे 4 मुख्य वजह सामने आ रहे हैं-
1. चालक दल की भारी कमी: DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। इसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नाम दिया गया है. इसका पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ. वहीं 1 नवंबर से दूसरा चरण लागू हुआ, जिसके कारण एयरलाइन कंपनियों के पास पायलटों समेत अन्य क्रू मेंबर्स की अचानक कमी पड़ गई. इसका सबसे ज्यादा असर इंडिगो पर पड़ा है.
2. नए रोस्टर नियम (FDTL मानदंड): भारत में उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) में बदलाव किया गया है. इस नियम के मुताबिक, 7 दिन काम के बाद लगातार 48 घंटे पायलट को आराम देने की बात कही गई है. दरअसल, पायलट के थकान को कम करने और हवाई यात्रा की सुरक्षा में सुधार के लिए डिजाइन किया गया है. इस नियम के लागू होने पर एशिया की बड़ी एविएशन कंपनियों में से एक, इंडिगो को रोस्टर बनाने में दिक्कतें हुईं. संभव है कि इसका असर इंडिगो के उड़ानों पर पड़ा है.
3. प्रमुख हवाई अड्डों पर तकनीकी गड़बड़ियां: 3 दिसंबर को दिल्ली और पुणे समेत कई हवाई अड्डों पर चेक-इन और बोर्डिंग प्रोसेस में समस्या की सूचना मिली. इससे एयरपोर्ट पर लंबी कतारें लग गईं और इंडिगो के कई विमानों के प्रस्थान में देरी हुई. इससे इंडिगो के शेड्यूल पर असर हुआ और पूरे दिन विमानों की टाइमिंग बदलती रही. इसका असर 4 और 5 दिसंबर को भी विमानों के शेड्यूल पर पड़ा. अब हाल ये है कि 5 दिसंबर को इंडिगो ने दिल्ली से अपने सभी विमान कैंसिल कर दिए हैं.
4. हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ और सर्दियों में उड़ान भरने की समस्या: यात्रियों की भारी संख्या, सर्दियों में कोहरे के कारण उड़ान भरने में समस्या और प्रमुख एयरपोर्ट पर व्यस्त समय में भीड़भाड़ के कारण भी इंडिगो फ्लाइट के उड़ान की टाइमिंग बदलती रही.
पायलट, क्रू मेंबर्स को लेकर लागू होने वाला नया नियम क्या है?
DGCA के नए नियमों में ये अहम बदलाव किए गए हैं-
साप्ताहिक आरामः 7 दिन काम करने के बाद लगातार 48 घंटे का रेस्ट. 2. नाइट ड्यूटी: अब रात 12 से सुबह 6 तक शिफ्ट, पहले सुबह 5 तक थी. 3. नाइट लैंडिंग पर लिमिट: पहले पायलट 6 लैंडिंग तक करते थे, अब सिर्फ 2 की इजाजत है. 4. लगातार नाइट शिफ्ट पर रोकः लगातार 2 रातों से ज्यादा ड्यूटी नहीं लग सकती है. 5. फ्लाइट ड्यूटी पीरियड लिमिटः प्री-फ्लाइट और पोस्ट-फ्लाइट में अतिरिक्त 1 घंटे से अधिक काम नहीं. 6. लंबी उड़ानों के बाद ज्यादा रेस्टः कनाडा-यूएस जैसी लंबी उड़ानों के बाद पायलट को 24 घंटे का रेस्ट.

