भारत के रूस से तेल आयात के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने लगा है. इस बीच भारतीय सेना ने इतिहास के 5 दशक पुराने अध्याय को याद करते हुए अमेरिका को जवाब दिया है.
भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने 5 अगस्त 2025 को 1971 की एक अखबार की कटिंग शेयर की, जिसमें जंग से पहले पाकिस्तान को अमेरिकी हथियार भेजे जाने की खबर छपी थी. इंडियन आर्मी ने "दिस डे दैट ईयर" लिखकर यह पोस्ट शेयर की है.
दरअसल, आज से करीब 54 साल पहले 5 अगस्त, 1971 के दिन यह खबर छपी थी. अखबार में इस खबर की हेडलाइन थी, "1954 से अब तक 2 अरब डॉलर के अमेरिकी हथियार पाकिस्तान भेजे गए."
यह आर्टिकल उस वक्त के रक्षा उत्पादन मंत्री वी.सी. शुक्ला के संसद में दिए गए भाषण के आधार पर लिखा गया था. इस भाषण में शुक्ला ने इस बात का जिक्र किया था कि फ्रांस और सोवियत संघ ने पाकिस्तान को हथियार बेचने से इनकार कर दिया था. जबकि अमेरिका ने हथियार आपूर्ति जारी रखी.
शुक्ला ने NATO पर बांग्लादेश में इस्लामाबाद की आक्रामकता को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया था. लेख में दावा किया गया कि अमेरिका और चीन दोनों ने पाकिस्तान को "औने-पौने दामों" पर हथियार बेचे थे, जिसका अर्थ था कि पाकिस्तान ने 1971 का युद्ध अमेरिकी और चीनी हथियारों के दम पर लड़ा था.
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— EasternCommand_IA (@easterncomd) August 5, 2025
"This Day That Year" Build Up of War - 05 Aug 1971 #KnowFacts.
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सेना की यह पोस्ट ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की धमकी के ठीक 24 घंटे बाद आई है. ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत ने रूसी तेल खरीदना बंद नहीं किया, तो वे भारत से आने वाले सामानों पर लगाए गए 25 फीसद टैरिफ के ऊपर भी टैरिफ लगाएंगे.
ट्रंप भारत को भारी शुल्क लगाने की धमकी तो दे रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं. अपने नए कार्यकारी आदेश में उन्होंने पाकिस्तानी सामानों पर टैरिफ 29 फीसद से घटाकर 19 फीसद कर दिया है, जबकि भारत सहित दर्जनों अन्य देशों के लिए टैरिफ की दरें बढ़ा दी हैं.
टैरिफ में यह राहत इस्लामाबाद और ट्रंप खेमे के बीच कई दौर की बातचीत के बाद आई है. 18 जून को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ लंच किया था. ट्रंप और मुनीर की यह मुलाकात भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष के बमुश्किल एक महीने बाद हुई थी.
जुलाई में ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' करार दिया और पाकिस्तान के साथ कई व्यापारिक समझौतों की घोषणा की. इन समझौते के मुताबिक अमेरिका पाकिस्तान में तेल खोज में मदद करेगा.