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धोनी, सचिन पायलट समेत 50 हजार जवानों वाली 'प्रादेशिक सेना' के लिए क्या नोटिफिकेशन जारी हुआ?

पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने 'प्रादेशिक सेना' के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किया है

प्रादेशिक सेना के जवान महेंद्र सिंह धोनी और सचिन पायलट (फाइल फोटो)
प्रादेशिक सेना के जवान महेंद्र सिंह धोनी और सचिन पायलट (फाइल फोटो)
अपडेटेड 9 मई , 2025

7 मई की रात से लगातार पाकिस्तानी सेना की ओर से भारतीय शहरों पर हवाई हमलों की कोशिश हो रही है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे इन हमलों को नाकाम कर मुंहतोड़ जवाब दिया है.

इसके साथ ही भारत सरकार अब हर मोर्चे पर तैयारी में जुट गई है. भारतीय सेना को मजबूती देने के लिए भारत सरकार ने 'प्रादेशिक सेना' से जुड़े एक नियम में बड़ा बदलाव किया है.

'प्रादेशिक सेना' में महेंद्र सिंह धोनी, सचिन पायलट समेत करीब 50 हजार से ज्यादा जवान हैं. ऐसे में सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले को बेहद अहम माना जा रहा है.

भारत सरकार ने ‘प्रादेशिक सेना’ के लिए क्या फैसला लिया है?

केंद्र सरकार ने 9 मई 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी कर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को प्रादेशिक सेना के नियमों के तहत विशेष शक्तियां प्रदान की हैं.

अब भारतीय सेना के अध्यक्ष प्रादेशिक सेना के किसी भी जवान या अधिकारी को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा या नियमित सेना में सेवा देने के लिए बुला सकते हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि इससे भारतीय सेना को किसी विशेष परिस्थिति में हालात से निपटने में आसानी होगी. इसके लिए भारत सरकार ने ‘टेरिटोरियल आर्मी’ रूल्स 1948 के नियम 33 में बदलाव किए हैं. इसके बाद भारत सरकार ने गैजेट में किए गए बदलाव का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

भारत सरकार ने यह फैसला अभी क्यों लिया?

पाकिस्तान के साथ जारी तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने ये फैसला लिया है. ऐसा माना जा रहा है कि भारत सरकार ने किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए इस तरह की तैयारी की है.

भारत सरकार के इस फैसले के बाद नियमित सेना अपना ध्यान सैन्य ऑपरेशन में लगा सकेगी. मोर्चे पर तैनात सेना को हर तरह की सहायता के लिए इन प्रादेशिक सेना को तैनात किया जाएगा. इससे प्रादेशिक सेना की तैनाती से भारत की रक्षा प्रणाली में लचीलापन बढ़ेगा.

प्रादेशिक सेना क्या है और इसे क्यों बनाया गया है?

दरअसल, भारतीय प्रादेशिक सेना नियमित भारतीय सेना का एक सहायक सैन्य संगठन है. प्रादेशिक सेना का गठन 9 अक्टूबर 1949 को हुआ है.

कुछ समय के लिए देश में चलाए जाने वाली किसी सामाजिक काम में प्रादेशिक सेना के जवान आगे बढ़कर अपनी भूमिका निभाते हैं. 50 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों से बना यह एक सैन्य रिजर्व बल है, जो किसी भी विशेष परिस्थिति में भारतीय सेना को सहायता सेवाएं प्रदान करता है.

प्रादेशिक सेना की तैनाती संवेदनशील क्षेत्रों में सीमा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ-साथ मणिपुर और नागालैंड को जोड़ने वाले पूर्वोत्तर में रेलवे परियोजनाओं को भी सुरक्षा प्रदान करने के लिए की जाती रही हैं.

इसके अलावा कई राज्यों में सीमा पर सुरक्षा, युद्ध और आपदा के दौरान सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ भी इनकी तैनाती की जाती है.

प्रादेशिक सेना का स्ट्रक्चर क्या होता है?

प्रादेशिक सेना में पैदल सेना, इंजीनियरिंग, सिग्नल्स और रसद जैसे विभिन्न विभाग शामिल हैं. इसमें इकाइयां जैसे इन्फैंट्री बटालियन, इकोलॉजिकल टास्क फोर्स और रेलवे इंजीनियर रेजिमेंट शामिल हैं.

इस वक्त देश में प्रादेशिक सेना की 6 बटालियन और 65 यूनिट हैं. इस सेना की कमान पूरी तरह से प्रादेशिक सेना के महानिदेशक के हाथों में होती है. महानिदेशक एक तीन सितारा रैंक के अधिकारी होते हैं. वे भारतीय सेना से प्रतिनियुक्ति पर गए एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी होते हैं. इसका नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग के तहत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ करते हैं.

प्रादेशिक सेना में देश के कौन-कौन से सेलिब्रिटी शामिल हैं?

प्रादेशिक सेना में देश के कई बड़े नाम या कहें कि मशहूर सेलिब्रिटी शामिल हैं. पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी.

धोनी के अलावा इस लिस्ट में कपिल देव, अभिनव बिंद्रा, मलयालम अभिनेता मोहनलाल, फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर आदि के नाम शामिल हैं.
 

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