पाकिस्तान और PoK में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिए जाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव है. दोनों देशों के लड़ाकू विमान सीमा पर उड़ान भर रहे हैं.
बौखलाए पाकिस्तान ने 7 मई की रात भारत के 15 शहरों पर हमले की कोशिश की, जिसे भारतीय एयर फोर्स और एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया.
इस घटना के बाद से ही भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल रूस के S-400 मिसाइल सिस्टम को भारत का "सुदर्शन कवच" बताया जा रहा है, जो दुश्मनों के हर हमले को विफल करने में सक्षम है.
ऐसे में जानते हैं कि हमारे देश का ‘एयर डिफेंस सिस्टम’ कितना मजबूत है और क्या यह पाकिस्तानी मिसाइलों और लड़ाकू विमान के हमले को रोकने में सक्षम है?
कितना मजबूत है भारत का 'एयर डिफेंस सिस्टम'?
दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के मिसाइल और हवाई हमले से बचने के लिए भारत ने अपने 'एयर डिफेंस सिस्टम' पर काफी काम किया है.
जिस तरह इजराइल का 'आयरन डोम' रॉकेट्स, आर्टिलरी गोले और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराता है, उसी तर्ज पर भारत भी 'मल्टी लेयर एयर डिफेंस' सिस्टम बनाने के लिए काम कर रहा है.
इसके बाद भारत के पास पृथ्वी एयर डिफेंस, एडवांस्ड एयर डिफेंस और तीसरा लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल होगा.
अभी भारत के पास रूस से खरीदा गया S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है. इसके अलावा भारत ने पिछले साल 2024 में एयर डिफेंस सिस्टम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की.
देश ने इजरायल के प्रसिद्ध ‘आयरन डोम’ की तर्ज पर विकसित अपने स्वदेशी वर्जन का सफल परीक्षण किया. इस उन्नत प्रणाली को वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम यानी VSHORADS कहते हैं. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO ने बनाया है. यह ड्रोन, हेलिकॉप्टर या कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है.
भारत ने आकाश एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात किए हैं, जिसकी सिंगल यूनिट में 4 मिसाइलें होती हैं. भारत के पास इसके 3 वैरिएंट हैं, जो 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर अधिकतम 80 किलोमीटर की दूरी पर दुश्मनों के मिसाइल को आसमान में ही ध्वस्त कर सकते हैं.
‘S-400’ और ‘आकाश’ के अलावा भारत के पास स्पाइडर एयर डिफेंस सिस्टम के भी दो वैरिएंट है. यह हल्का, घातक और सटीक सिस्टम है, जो हवा में मिसाइल को मार गिराने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
भारतीय सेना अपनी सीमा पर आसमान से होने वाले हमलों की सुरक्षा के लिए ‘पेचोरा’ मिसाइल का भी इस्तेमाल करती है. भारत के पास इसके 30 स्क्वॉड्रन्स और 12 वैरिएंट्स हैं.
ऐसे में साफ है कि अपने आसमान की हिफाजत के लिए भारत ने मल्टी लेयर एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर रखा है.
‘S-400’ को क्यों कहा जा रहा है भारत का ‘सुदर्शन’
S-400 न सिर्फ रॉकेट, मिसाइल और क्रूज मिसाइलों के हमले से बचाता है, बल्कि इसकी रेंज इजराइल के आयरन डोम से ज्यादा है. भारत इजराइल की तुलना में क्षेत्रफल के लिहाज से बड़ा देश है, लिहाजा ऐसे सिस्टम भारत के लिए ज्यादा जरूरी हैं.
यह रूसी एयर डिफेंस सिस्टम 600 किलोमीटर दूर ही लक्ष्यों को ट्रैक करके 400 किलोमीटर की दूरी पर उसे रोकने में सक्षम है. एक लक्ष्य को भेदने के लिए S-400 से एक साथ दो मिसाइल को दागा जा सकता है. इतना ही नहीं भारत एक S-400 से कुल 70 से 80 मिसाइल दाग सकता है.
भारत ने इस एयर डिफेंस सिस्टम के चार स्क्वाड्रन तैनात किए हैं. इनमें से एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा पंजाब की रक्षा के लिए पठानकोट में तैनात है. वहीं, तीसरा राजस्थान और चौथा गुजरात में सीमा से लगे क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं.
7-8 मई की रात पाकिस्तान के सुनियोजित हमले को इस एयर डिफेंस सिस्टम ने फेल कर दिया. एक तरफ भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी मिसाइल को हवा में ध्वस्त कर दिया, वहीं दूसरी तरफ इजराइल से मिले 'हार्पी ड्रोन' ने लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से तबाह कर दिया.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तनाव बढ़ाने की पाकिस्तान की कोशिशों का भारत ने उचित जवाब दिया है. बयान में यह भी कहा, "भारतीय सशस्त्र बल तनाव न बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, बशर्ते पाकिस्तानी सेना इसका सम्मान करे."