scorecardresearch

किस देश की जेल में बंद हैं सबसे ज्यादा भारतीय, इनको छुड़ाने के लिए सरकार क्या करती है?

साल 2014 के बाद से, अलग-अलग कोशिशों के जरिए भारत सरकार ने 4,597 भारतीय नागरिकों की विदेशों में सजा को कम कराने या माफ कराने में कामयाबी हासिल की है

Woman caught with nearly 2 kg Hashish on Doha flight in 2018 granted bail
विदेशों की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की संख्या हजारों में है
अपडेटेड 20 दिसंबर , 2023

शाहरुख खान की फिल्म 'डंकी' कल यानी 21 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. यह इस साल शाहरुख की तीसरी फिल्म है. अनाउंसमेंट के बाद से ही यह अपने अनोखे नाम और सब्जेक्ट को लेकर चर्चा में बनी हुई है. गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने के तरीके को 'डंकी ट्रैवल' कहा जाता है. ऐसे लोगों को जब उन देशों में पकड़ लिया जाता है तो आमतौर पर उन्हें कुछ वक्त के लिए जेल भेज दिया जाता है. बाद में उन्हें उनके मूल देश वापस भेजा जाता है. 

इसके अलावा अगर विदेशों में रह रहे किसी भारतीय पर कोई आपराधिक मामला दर्ज होता है तो ज्यादातर मामलों में उन्हें जेल जाना पड़ता है. भारतीय नौसेना के कुछ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाए जाने और फिलहाल उनके जेल में रहने का मामला बीते कुछ समय से चर्चा में है ही. यह मामला इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि ये भारत के पूर्व नौसैनिक थे और इन्हें मौत की सजा सुनाई गई है. ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि और किन देशों में, कितने भारतीय जेलों के भीतर हैं.

जुलाई 2023 में सांसद विजय सांवत के एक सवाल का जवाब देते हुए संसद में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बताया था कि विदेशों में बंद भारतीय कैदियों की संख्या 8,330 है. यह आंकड़ा अलग-अलग 90 देशों की जेलों का था. विदेश मंत्री ने बताया था कि इस संख्या में दोषी और विचाराधीन दोनों ही कैदी शामिल हैं. भारतीय कैदियों की सबसे ज्यादा संख्या संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की जेलों में है. यहां पर 1,611 भारतीय कैदी हैं. इसके बाद सऊदी अरब की जेलों में 1,461 भारतीय कैदी हैं. 

भारत के पड़ोसी देशों नेपाल, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार में कुल 1,851 भारतीय कैदी हैं. नेपाल में भारतीय कैदियों की तादाद 1,222 और पाकिस्तान में 308 है. वहीं यूके में 249,  इटली में 157, साइप्रस में 51 और फ्रांस में 40 भारतीय कैदी सजा काट रहे हैं. 

जुलाई 2023 में संसद में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि विदेश में भारतीय दूतावास काफी सतर्कता से काम करते हैं. वे कानूनों को तोड़ने की दशा में भारतीयों को विदेशी जेलों में डाले जाने की घटनाओं पर बारीक नजर रखते हैं. जैसे ही इनको किसी भारतीय की हिरासत या गिरफ्तारी के बारे में पता चलता है वे तुरंत ही उस देश के विदेशी मामलों के ऑफिस और दूसरे संबंधित अधिकारियों से संपर्क करते हैं. वे हिरासत में लिए गए व्यक्ति की सुरक्षा और उनकी रिहाई या फिर उन तक कानूनी सहायता पहुंचाने की कोशिश भी करते हैं. साथ ही साथ उनको काउंसलर और वित्तीय सहायता भी पहुंचाई जाती है.

सरकार भारतीय कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी पर भी नजर रखती है और उनकी सजा माफ कराने या कम कराने के लिए भी कोशिश करती है. साल 2014 के बाद से, अलग अलग कोशिशों के जरिए भारत सरकार ने 4,597 भारतीय नागरिकों की विदेशों में सजा को कम कराने या माफ कराने में कामयाबी हासिल की है. भारत ने 31 देशों के साथ सजायाफ्ता लोगों की वतन वापसी के लिए टीएसपी संधि पर हस्ताक्षर भी किया है. इस संधि के मुताबिक भारतीय कैदियों को उनकी बाकी की सजा के लिए भारत वापस लाया जा सकता है. हालांकि यह संधि सजा-ए-मौत पर लागू नहीं होती. इसके अलावा भारत ने कैदियों की वतन वापसी के लिए अंतर-अमेरिकी सम्मेलन और यूरोप परिषद सम्मेलन पर भी हस्ताक्षर किया है. भारत ने 50 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि और 12 देशों के साथ प्रत्यर्पण समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं. प्रत्यर्पण अधिनियम 1962, काूननी आधार बनाता है जिस पर भारत और विदेशी देश के बीच प्रत्यर्पण कार्यवाही की जाती है. 

Advertisement
Advertisement