
महामारी का दौर बुरा तो था, लोगों की जान पर बन आई थी. लेकिन हर पल अपडेट्स के ओवरडोज़ के बीच उस दौरान कुछ ऐसे हादसे भी हुए जिन्होंने पूरे देश की सामूहिक चेतना पर चोट की. ऐसी ही एक खबर 14 जून, 2020 को आई जब बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत अपने मुंबई के बांद्रा वाले अपार्टमेंट में मृत पाए गए. उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. उनकी करीबी रहीं एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती शायद उस सदमे को ठीक से समझ भी नहीं पाई थीं कि तभी सारा दोष उनके सिर मढ़ दिया गया. रिया चक्रवर्ती वाले प्रकरण ने ज्यादातर भारतीयों के कोष में 'विच हंटिंग' शब्द शामिल कर दिया.
'विच हंट' शब्द 15वीं शताब्दी के यूरोप से आया है जब महिलाओं को जादू-टोना करने के शक पर मार दिया जाता था. अगर आप तब के यूरोप से ज्यादा परिचित नहीं हैं तो भी आपने अपने गांव में दबंगों को किसी महिला को डायन बताकर उसकी जमीन या घर हड़पते हुए तो देखा ही होगा. सुशांत को हत्या के लिए उकसाने से लेकर तमाम तरह के आरोप रिया पर लगे मगर 23 मार्च को सीबीआई ने मामले को आत्महत्या बताते हुए सुशांत की फाइल बंद करने का फैसला लिया है. सुशांत से जुड़े इस केस में सबसे ज्यादा राहत रिया चक्रवर्ती को ही मिली जिन्हें मीडिया और सुशांत के परिवार से लेकर देश की एक बड़ी आबादी गुनहगार मान चुकी थी.
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला रिया चक्रवर्ती तक कैसे पहुंचा?
सुशांत 14 जून, 2020 को मुंबई में अपने घर पर मृत पाए गए थे. 34 साल की उम्र में अभिनेता ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. उस समय रिया एक साल से सुशांत के साथ रिलेशनशिप में थी और उनकी मौत से एक हफ़्ते पहले तक उनके घर में रह रही थीं. उसी दिन विले पार्ले, मुंबई के कूपर अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ जिसमें बताया गया कि उनकी मौत दम घुटने की वजह से हुई. अगले दिन उनका मुंबई में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया.
26 जून को मुंबई पुलिस को पांच डॉक्टरों की टीम ने अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया था कि सुशांत के शरीर पर किसी तरह के संघर्ष या बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए, यह आत्महत्या का स्पष्ट मामला था और इसमें कोई अन्य गड़बड़ी नहीं थी.
इस दौरान 18 जून से 25 जुलाई के बीच मुंबई पुलिस ने करण जौहर, रिया चक्रवर्ती, संजय लीला भंसाली, महेश भट्ट और घर के हॉउसहेल्प समेत कुल 56 लोगों के बयान दर्ज किए. 25 जुलाई को सुशांत के परिवार ने पटना में रिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, गलत तरीके से रोकने, गलत तरीके से बंधक बनाने, चोरी, आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. इसके अगले ही दिन बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सुशांत का मामला सीबीआई को सौंपने की गुजारिश की.
28 जुलाई को सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह की तरफ से रिया चक्रवर्ती के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर बिहार पुलिस की चार सदस्यीय टीम मुंबई पहुंची. इसमें उनके पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती, मां संध्या चक्रवर्ती और भाई शौविक चक्रवर्ती का भी नाम था. एफआईआर में यह भी कहा गया था कि सुशांत के बैंक खाते से 15 करोड़ रुपये कुछ अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे, जिनका सुशांत से किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं था.
सुशांत सिंह राजपूत का मामला तमाम मीडिया चैनलों के माध्यम से घर-घर तक उतर चुका था और सोशल मीडिया पर #justiceforssr जैसे ग्रुप सुशांत की मौत से ज्यादा रिया के चरित्र की बात करने लगे थे. हर तरफ से सीबीआई जांच की मांग तेज हो गई थी. 30 जुलाई को महाराष्ट्र के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की मांग की लेकिन महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इससे इनकार कर दिया था.
फिर 4 अगस्त को जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह मामला सीबीआई को सौंपे जाने की बात कही तब सीबीआई को केस सौंप दिया गया. दो दिन बाद सीबीआई ने सुशांत सिंह मामले में उनके पिता की बिहार पुलिस को दी गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली.
सीबीआई ने मामला संभाला ही था कि इसी बीच ईडी ने भी सुशांत के बैंक खाते से लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 7 अगस्त को रिया और उसके भाई से पूछताछ की. इसके बाद 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मौत की जांच मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी. लगभग उसी समय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने भी सुशांत की मौत से जुड़े नशीले पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग के आरोपों की साथ ही साथ जांच शुरू कर दी.
रिया की गिरफ़्तारी और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का घिनौना खेल
8 सितंबर, 2020 को रिया को एनसीबी ने सुशांत को गांजा सप्लाई करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. 7 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत मिलने से पहले वह लगभग एक महीने तक न्यायिक हिरासत में रहीं. उसी दिन उन्हें रिहा कर दिया गया.
सुशांत के मामले में रिया का नाम सामने आने के तुरंत बाद ही उन्हें लेकर तमाम तरह की बातें पहले सोशल मीडिया पर और फिर टीवी चैनलों और न्यूज़ वेबसाइट पर सुर्खियां बटोरने लगीं. रेप से लेकर जान से मारने तक की धमकियां रिया को दी गईं. कोई मीम्स में उन्हें 'गोल्ड-डिगर' कहता तो कोई 'हत्यारा'. टीवी चैनलों के एंकरों ने तो रिया को अदालतों से बहुत पहले ही दोषी ठहरा दिया था. अभी भी आप रिया चक्रवर्ती से जुड़े उस दौर के न्यूज़ थंबनेल्स देखेंगे तो कोई उन्हें काला जादू करने वाली बता रहा था तो कोई उनके चरित्र को तार-तार करने में लगा था. कुछ रिपोर्टर तो रिया के घर के आगे घूम-घूम कर रिपोर्टिंग कर रहे थे और चीख-चीखकर रिया के 'जुर्मों' का हिसाब दे रहे थे.
सितंबर, 2024 में 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' को दिए एक इंटरव्यू में रिया चक्रवर्ती ने जेल में बिताए अपने समय और सुशांत की मौत के बाद हुई ऑनलाइन ट्रोलिंग पर अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा, "शुरू में, मुझे नहीं लगा कि जो कुछ भी हुआ उसे माफ़ करने की हिम्मत मेरे दिल में होगी. लेकिन एक लंबे वक्त तक गुस्से में रहने के बाद माफ़ करना ही मुझे शांति पाने का आसान तरीका लगा. गुस्से की वजह से मुझे पेट की समस्याएं और एसिडिटी भी हुई. मैं लगभग तीन साल तक एसिडिटी से बहुत बुरी तरह पीड़ित रही. माफ़ी ही इकलौता रास्ता बन गया था. मुझे माफ़ी के रास्ते पर चलने के लिए लगभग मजबूर होना पड़ा. लेकिन अगर मैं पूरी ईमानदारी से कहूं तो मैंने सभी को माफ़ नहीं किया है." रिया का केस बंद होने के बाद अब सोशल मीडिया पर कुछ लोग उन न्यूज़ एंकरों पर केस करने की बात कह रहे हैं जिन्होंने रिया के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था.
सीबीआई ने सुशांत का केस क्यों बंद किया?
सीबीआई ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में दो अलग-अलग क्लोजर रिपोर्ट दायर की हैं. एक क्लोजर रिपोर्ट सुशांत के पिता के.के. सिंह की ओर से दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले से संबंधित है, जबकि दूसरी रिपोर्ट रिया चक्रवर्ती की तरफ से उनकी बहनों के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत से संबंधित है.
गहन जांच के बाद, सीबीआई को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए किसी ने मजबूर किया था. विशेषज्ञों की राय, क्राइम सीन के विश्लेषण, गवाहों के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर, एजेंसी ने निष्कर्ष निकाला कि मामले में चक्रवर्ती पर मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं था. एम्स फोरेंसिक विशेषज्ञों की ओर से सीबीआई को सौंपी गई रिपोर्ट में भी मामले में जहर या गला घोंटने की संभावना से इनकार किया गया था.
सीबीआई की ओर से केस बंद किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने सीबीआई के प्रति आभार जताते हुए कहा, "हम सभी कोणों से मामले के हर पहलू की गहन जांच करने और मामले को बंद करने के लिए सीबीआई के आभारी हैं."
रिया को लेकर हुई ट्रोलिंग पर सतीश मानेशिंदे का कहना था, "सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में झूठी कहानियां फैलाना पूरी तरह से गलत है. महामारी के कारण, देश में सबकुछ बंद होने की वजह से हर कोई टीवी और सोशल मीडिया से चिपका हुआ था. मीडिया और जांच एजेंसियों ने निर्दोष लोगों को खूब परेशान किया. खुद रिया को जमानत मिलने से पहले बिना किसी गलती के 27 दिनों तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा था."
मानेशिंदे ने बताया कि रिया के परिवार ने उनके सैनिक स्कूल के दिनों से परिचित करीबी दोस्तों और डिफेंस के लोगों के माध्यम से उनसे संपर्क किया था. उन्होंने आगे बताया कि कैसे रिया के परिवार के साथ-साथ उनकी कानूनी टीम को लगातार धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, लेकिन वे न्याय की तलाश में लगे रहे.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में सीबीआई की ओर से क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद, अभिनेत्री दीया मिर्जा ने ट्रायल के दौरान रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को हुई 'पीड़ा' के लिए मीडिया से माफ़ी की मांग की. दीया ने लिखा, "मीडिया में कौन है जो रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार से लिखित माफ़ी मांग सके? आप विच हंट करने चले गए. आपने सिर्फ़ टीआरपी के लिए गहरी यातना दी और उत्पीड़न किया. माफ़ी मांगिए. आप कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं."

सानिया मिर्जा के अलावा आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने भी रिया को क्लीन चिट मिलने के बाद अपनी बात रखी. उन्होंने इंस्टाग्राम पर क्लीन चिट के बारे में एक पोस्ट शेयर किया और लिखा, "बेचारी लड़की को जेल में डालने और उसकी प्रतिष्ठा को बर्बाद करने से पहले ही यह तय कर लेना चाहिए था. यह आधुनिक समय की विच हंटिंग के अलावा और कुछ नहीं था. सवाल यह है कि... जवाबदेही कहां है? कौन भुगत रहा है?"

केस में तो क्लोजर मिला मगर रिया के करियर का क्या?
सुशांत की मौत के समय रिया बॉलीवुड स्टार भले ही ना हों मगर अच्छा काम पा रही थीं. लेकिन सुशांत से जुड़ी जांच में उनका नाम आने के बाद, उनके काम पर बहुत बुरा असर पड़ा. 2020 के बाद से यह खबर लिखे जाने तक रिया की तरफ से एक भी नई फिल्म को साइन करने की खबर नहीं है. उसके बाद से उनकी एकमात्र रिलीज़ 'चेहरा' है, जिसे कोरोना से पहले शूट किया गया था.
हालांकि रिया चक्रवर्ती ने 2023 में रियलिटी शो एमटीवी रोडीज़ में एक गैंग लीडर के रूप में टीवी पर नजर आईं. इसके बाद इस साल की शुरुआत में, रिया ने अपना पॉडकास्ट चैप्टर 2 शुरू किया, जिसमें सुष्मिता सेन, आमिर खान, जाकिर खान और तन्मय भट, और फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर जैसे लोगों से उन्होंने इंटरव्यू लिया. अब रिया सोशल मीडिया पर भी नजर आने लगी हैं. एक हफ्ते पहले उन्होंने टीवी शो एमटीवी रोडीज़ से जुड़ी कुछ तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट कीं.
साफ है कि साल 2020 में हुए सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण के बाद से जिस तरह अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को मीडिया और जांच एजेंसियों द्वारा तोड़ा गया, उन्हें जलील किया गया, उनका चरित्र हनन किया गया, धमकियां दी गईं, उसके बाद अब वापस खुद को खड़ा करने में उन्हें बड़ी वक्त और मेहनत लगने वाली है. अगर आपको ऐसा लगता है कि रिया के निर्दोष साबित होने के बाद इस तरह का 'विच हंट' दोबारा नहीं होगा तो आप गलत हैं. यह फिर-फिर होगा क्योंकि जिन्होंने टीआरपी या किसी को यातना देने के अपने क्षणिक सुख के चक्कर में उनका जीवन बर्बाद किया, उनकी कोई जवाबदेही नहीं है. वे आजाद हैं और अपने अगले शिकार की तलाश में भी हैं.