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बेंगलुरू में कैसे तैयार हुआ सबसे सस्ता AI कंप्यूटर; इसे बड़ी उपलब्धि क्यों माना जा रहा है?

ओपन-सोर्स प्रोसेसर से संचालित 18,999 रुपये की इस डिवाइस ने उद्योग जगत के दिग्गजों क्रिस गोपालकृष्णन और किरण मजूमदार-शॉ तक का ध्यान खींचा है

school student watching computer screen
यह AI कंप्यूटर देश में डिजिटल खाई पाटने में मददगार साबित हो सकता है
अपडेटेड 21 नवंबर , 2025

बेंगलुरु में 18 नवंबर को शुरू हुए वार्षिक टेक फेस्ट में KEO ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा, ये एक ऐसा कॉम्पैक्ट और किफायती पर्सनल कंप्यूटर है जिसे AI के इस्तेमाल के लिहाज से डिजाइन किया है. इसे बेंगलुरु में ही विकसित किया गया है. यह कंप्यूटिंग डिवाइस डिजिटल डिवाइड पाटने को ध्यान में रखकर विकसित की गई है, क्योंकि कर्नाटक में 15 फीसद से भी कम घरों में पर्सनल कंप्यूटर है और केवल 45 फीसद स्कूलों में ही कंप्यूटर हैं. राज्य के आईटी मंत्रालय के मुताबिक, 10 में 6 छात्र कंप्यूटरों के अभाव में ऑनलाइन शिक्षा हासिल करने में सक्षम नहीं हैं.

बेंगलुरु टेक समिट 2025 में औपचारिक तौर पर लॉन्च KEO को देश का सबसे किफायती, AI-capable कंप्यूटर बताया गया है. ‘Knowledge-driven, Economical and Open-source’ को संक्षिप्त करके ही इसे KEO नाम दिया गया है. कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने लॉन्च के बाद मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत का सबसे किफायती AI पर्सनल कंप्यूटर आधिकारिक तौर पर लॉन्च हो गया है. ये भारत में अब तक की सबसे कॉम्पैक्ट, शक्तिशाली AI डिवाइस है, जो पूरी तरह ओपन सोर्स पर आधारित है और इसमें AI कोर प्रोसेसर है.”

एक कॉम्पैक्ट आयताकार बॉक्स के आकार वाला KEO कर्नाटक राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (KEONICS) के साल भर के प्रयासों का नतीजा है; इसके क्वाड-कोर RISC-V 64-बिट प्रोसेसर की क्लॉक स्पीड 1.8 GHz है और इसे बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर फैबलेस निर्माता Exaleap ने डिजाइन किया था.

यह डिवाइस Ubuntu Linux operating system पर चलती है और इसमें सिम कार्ड स्लॉट के जरिये 4G कनेक्टिविटी की सुविधा दी गई है. इसमें 8GB LPDDR-4 की रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) और 32GB की स्टोरेज है, जिसे एक्सटर्नल ड्राइव के जरिये आसानी से बढ़ाया भी जा सकता है. डिवाइस की कीमत 18,999 रुपये है (मॉनिटर और कीबोर्ड शामिल नहीं). खरगे ने कहा, “18,999 रुपये की कीमत पर दुनिया में कहीं भी इस तरह का कंप्यूटर नहीं बनाया जा सकता.”

KEONICS के चेयरमैन शरत बचेगौड़ा के मुताबिक, सेमीकंडक्टर मेमोरी-इंटीग्रेटेड सर्किट की वैश्विक कीमतों में बदलाव के आधार पर उपकरण की लागत को और बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं. मांग के कारण मेमोरी बाजार में कीमतें तीन गुना बढ़ गई हैं और KEONICS को उम्मीद है कि बाजार स्थिर होने के बाद KEO कंप्यूटर की कीमतें और कम हो जाएंगी. बचेगौड़ा ने कहा, “हम कंप्यूटिंग की कीमतें तय करने की एक नई दिशा निर्धारित करना चाहते थे. हमने देखा है कि हर कोई अधिक शक्तिशाली उपकरणों की ओर बढ़ रहा है, उनमें और अधिक विशिष्टताएं जोड़ रहा है...50,000 रुपये का उपकरण अब 75,000 रुपये का हो गया है और 75,000 रुपये के उपकरण की कीमतें 1.5 लाख रुपये तक पहुंच गई हैं. इसलिए, पूरा ध्यान इस पर केंद्रित किया गया कि कंप्यूटर को सबकी पहुंच में लाने के लिए क्या किया जाए. इसीलिए हमने ओपन-सोर्स का रास्ता अपनाया.”

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले के शोधकर्ताओं की तरफ से विकसित और 2015 में जारी RISC-V (रिस्क-5) प्रोसेसर के लिए एक ओपन-सोर्स आर्किटेक्चर है, जिसका इस्तेमाल इसकी flexibility और कम लागत के कारण तेजी से बढ़ा भी है क्योंकि इसमें रॉयल्टी या लाइसेंस शुल्क नहीं लगता है.

KEO की RISC-V चिप ताइवान निर्मित है और दूसरे पुर्जे मलेशिया जैसे देशों से मंगाए गए हैं. KEONICS ने keonext.in वेबसाइट पर प्री-ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है, हालांकि, डिवाइस की डिलीवरी में 60 दिन का समय लगेगा. बचेगौड़ा के मुताबिक, KEONICS कंप्यूटर असेंबलिंग के लिए विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन कर रहा है, जिसमें भारत में मैसूर जैसे कुछ स्थान भी शामिल हैं.

KEONICS को अब तक इस डिवाइस के लिए 1,500 प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं, जिनमें बेंगलुरु के उद्योग जगत के दिग्गज क्रिस गोपालकृष्णन और किरण मजूमदार-शॉ की तरफ से दिए 1,000 यूनिट के ऑर्डर भी शामिल हैं. ये कारोबारी हस्तियां लॉन्च के दौरान मौजूद थीं और उनकी योजना स्कूलों में कंप्यूटर लगाने की है. दरअसल, KEO में बुद्ध नामक एक AI इंजन भी है, जिसका इस्तेमाल कर्नाटक के स्कूलों में कक्षा 8-10 के पाठ्यक्रम के लिए एक ऑफलाइन लर्निंग सपोर्ट मॉड्यूल के तौर पर किया जा सकता है.

- अजय सुकुमारन

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