राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में उस समय बड़ी सफलता मिली, जब मेघालय पुलिस ने 9 जून को राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी को हिरासत में लिया. हत्या की मुख्य आरोपी सोनम को फरार होने के दौरान उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया.
सोनम के साथ उसके चार कथित साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है. इनमें से तीन मध्य प्रदेश और एक उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. मेघालय पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया था.
9 जून को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि सोनम की गिरफ्तारी के साथ ही उनके राज्य की पुलिस ने इस हत्याकांड मामले को सुलझा लिया है.
इंदौर के रहने वाले राजा और सोनम अपनी शादी के बाद पिछले महीने हनीमून के लिए मेघालय गए थे, जहां से वे लापता हो गए. 2 जून को राजा का शव वेई सावडोंग झरने के पास एक खाई में मिला. उनका रेन कोट और घड़ी बरामद की गई, और मृतक की पहचान टैटू के जरिए की गई क्योंकि शव काफी हद तक सड़ चुका था.
पूर्वी खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सियेम ने बताया कि हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया चाकू, जिसे स्थानीय बोली में दाव कहा जाता है, गुवाहाटी से खरीदा गया था और उसे बरामद कर लिया गया है.
ऐसा लगता है कि हत्या 23 मई को की गई, जिस दिन सोनम ने आखिरी बार अपनी सास से बात की थी. राजा का शव पुलिस ने ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल करके बरामद किया था.
सोनम को 9 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक, सोनम का प्लाईवुड कारखाने में काम करने वाले राज कुशवाह से प्रेम संबंध था. पुलिस ने दावा किया कि शादी के बाद भी दोनों के बीच प्रेम संबंध जारी रहा और दोनों ने राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश रची.
राज कुशवाहा ने विशाल सिंह, आनंद कुर्मी और आकाश राजपूत को हत्या करने के लिए भेजा. यह तिकड़ी गुवाहाटी के रास्ते शिलांग पहुंची और दंपति का पीछा किया. पुलिस के मुताबिक, राजा की हत्या कर उसका शव खाई में फेंक दिया गया.
राजा रघुवंशी की हत्या के चारों आरोपियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने राजा रघुवंशी की हत्या की है और हत्या के बाद उनका शव एक गहरी खाई में फेंक दिया था. इंदौर क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के इस कबूलनामे की पुष्टि की, जिसमें राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता बताई जा रही है.
पुलिस ने जब तीनों हत्यारों को पकड़ लिया तब सोनम एक ढाबे पर पहुंची और उसके मालिक से फोन करने की अनुमति मांगी. उसने अपने माता-पिता को फोन किया और उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर मार्ग का इस्तेमाल करके नेपाल भागने की योजना बनाई जा रही थी.
हालांकि, यह मामला एक तरह से दो राज्यों के बीच की लड़ाई बन गया था और सोशल मीडिया पर इस पर खूब बहस हुई थी. राजा और सोनम के लापता होने के शुरुआती एक हफ्ते में स्थानीय मीडिया समेत मध्य प्रदेश में लोगों ने मेघालय पुलिस पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया, और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की थी. मेघालय के असुरक्षित होने के दावे भी सोशल मीडिया पर खूब हुए थे.
इसके जवाब में, मेघालय के पर्यटन मंत्री पॉल लिंगदोह ने हत्या के संदर्भ में अपने राज्य की छवि को खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. उन्होंने पीटीआई को बताया कि मेघालय की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी, जबकि यह एक सुरक्षित पर्यटन स्थल है.
मंत्री ने कहा, "राज्य सरकार ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन सभी अपराधियों को सजा मिले."
- राहुल नोरोन्हा.