जून की 12 तारीख को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई. यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक एक्सीडेंट था. इस हादसे ने अमेरिका की दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी का क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम और कॉरपोरेट कल्चर को लेकर चली आ रही पुरानी शंकाओं को फिर से ताजा कर दिया है.
इस त्रासदी ने दो अन्य बड़ी कंपनियों, टाटा समूह और एयर इंडिया की प्रतिष्ठा को भी दांव पर लगा दिया है. जनवरी 2022 से एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है. हादसे के तुरंत बाद टाटा समूह ने नुकसान की भरपाई करनी शुरू कर दी. टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने विमान हादसे में मारे गए प्रत्येक पीड़ित के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजे की घोषणा की.
एयर इंडिया ने विमान में सवार कुल 242 लोगों (यात्रियों और चालक दल) में से 241 लोगों की मौत की पुष्टि की है. यह विमान 12 जून की दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विमान शहर के मेघानीनगर इलाके में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर में जा गिरा था. वहां कम से कम 24 लोगों की मौत की खबर है. टाटा समूह ने मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के पुनर्निर्माण की पेशकश की है.
टाटा समूह ने एक बयान में कहा है, "एयर इंडिया फ्लाइट 171 से जुड़ी दुखद घटना से हम बहुत दुखी हैं. इस समय हम जो दुख महसूस कर रहे हैं, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और जो घायल हुए हैं."
दुर्घटना क्यों हुई, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन बोइंग के लिए यह एक बुरे समय पर हुआ है, क्योंकि उसे वर्षों तक जांच, व्हिसलब्लोअर्स के दावों और खराब होती पब्लिक इमेज का सामना करना पड़ रहा है.
हाल के वर्षों में बोइंग और उसकी प्रतिष्ठा को बहुत मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा है. 2018 और 2019 में दो 737 मैक्स जेट विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इन विमानों को पूरी दुनिया में उड़ान भरने से रोक दिया गया था. तब कंपनी को अपने MCAS सॉफ्टवेयर और आंतरिक सिस्टम में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा.
जब यह मामला थोड़ा शांत होने लगा था कि तभी 2024 की शुरुआत में एक 737 मैक्स की उड़ान के दौरान इसका दरवाज़ा उड़ गया, और बोइंग की निर्माण प्रक्रियाओं पर फिर से सवाल उठने लगे.
अब ताजा संकट के केंद्र में बोइंग का ड्रीमलाइनर है, जो लंबी दूरी का, चौड़ी बॉडी वाला फ्लैगशिप विमान है. 787 अब तक अपनी सुरक्षा के रिकॉर्ड के लिए जाना जाता था, लेकिन यह विवादों से मुक्त नहीं था. विवादों का ये सिलसिला 2017 से शुरू हुआ. जॉन बार्नेट, जो साउथ कैरोलिना के चार्ल्सटन में बोइंग के 787 संयंत्र में क्वालिटी मैनेजर थे, उन्होंने अमेरिकी नियामक को इसके बारे में गोपनीय शिकायत दर्ज की थी.
बार्नेट के अनुसार, प्रोडक्शन को चालू रखने के लिए विमानों में खराब हिस्से लगाए गए थे और कंपनी के बड़े संचालन में निगरानी और पारदर्शिता की कमी थी.
चेतावनियों में यह चिंता भी शामिल थी कि कुछ जेट विमानों में यात्रियों को आपातकालीन ऑक्सीजन देने वाले क्विक-डॉनिंग सिस्टम का एक चौथाई हिस्सा ठीक से काम नहीं कर सकता. लेकिन उस समय इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया. बार्नेट ने इस साल मार्च में बोइंग के साथ कानूनी लड़ाई के बीच आत्महत्या कर ली.
एक और व्हिसलब्लोअर, सैम सालेहपुर ने 2014 में ड्रीमलाइनर से संबंधित अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जब उन्होंने शिकायत की थी कि विमान के धड़ पर कुछ हिस्सों को अनुचित तरीके से लगाया गया था, जिसका मतलब है कि ये समय के साथ कमजोर हो सकते हैं.
अहमदाबाद दुर्घटना के समय से बोइंग ने जिम्मेदारी से काम किया है, खेद जाहिर किया है और भारतीय अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करने का वादा किया है. लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया बहुत कठोर रही है. 12 जून को दुर्घटना की खबर के बाद कंपनी के शेयर अमेरिकी मार्केट में तेजी से गिरे, जो 8 फीसद तक नीचे चले गए, क्योंकि विश्लेषकों ने कहा कि यह निवेशकों के बीच कानूनी जिम्मेदारी और विमान की भविष्य की बिक्री में संभावित नुकसान को लेकर चिंताएं बढ़ाएगा.
भारत के एविएशन रेगुलेटर, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने ड्रीमलाइनर के बेड़े को उड़ान से रोकने का आपातकालीन आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन उसने एयर इंडिया द्वारा संचालित चौड़े-बॉडी ड्रीमलाइनर के संचालन की विस्तृत जांच का निर्देश दिया है.
बोइंग के लिए यह समय इतना जोखिम भरा इसलिए है क्योंकि इसमें लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. कंपनी पहले से ही डिलीवरी में देरी, हड़तालों के कारण प्रोडक्शन में मंदी और इंडस्ट्री पर भरोसे के सामान्य संकट से जूझ रही है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग के कमर्शियल ग्राहकों ने भी डिलीवरी शेड्यूल में गड़बड़ियों के बारे में चिंता जताना शुरू कर दिया है.
इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि इस समय ड्रीमलाइनर बेड़े को ग्राउंड करने (उड़ान भरने से रोकने) की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन जांच चल रही है. संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) संभवतः जांच के आगे बढ़ने के साथ भारतीय अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में रहेगा.
फिर भी, संकट का समय इससे बुरा नहीं हो सकता था. विमान क्रैश ने बोइंग के सेफ्टी नैरेटिव को बिगाड़ दिया है, जबकि उसे एयरलाइनों, रेगुलेटर्स, निवेशकों और यात्रियों का विश्वास जीतने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिनका धैर्य अब जवाब देता जा रहा है.
अगर इस दुर्घटना और पहले से ज्ञात किसी अन्य सुरक्षा चूक के बीच कोई संबंध है, तो इसके परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं, न सिर्फ बोइंग के वित्तीय भविष्य के लिए, बल्कि पूरी दुनिया में विमानन सुरक्षा के नियमों के लिए भी.