
सप्ताह भर भी नहीं हुआ जब अखबार, टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर देश की दो बहादुर बेटियां - वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी - छाई हुई थीं. इन दोनों ने मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत के सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में मीडिया को विस्तृत जानकारी दी थी.
लेकिन जब सांप्रदायिकता का चश्मा आंखों पर लगा होता है तब इंसानियत धुंधली, और नफरत साफ नजर आती है. फिर वो लोगों के कामों में भी झलकता है. 13 मई को मध्य प्रदेश के आदिवासी कल्याण मंत्री कुंवर विजय शाह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने की कोशिश की, लेकिन इसका उल्टा ही असर हुआ.
पीएम मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इन मंत्री ने कर्नल सोफिया के बारे में न सिर्फ अनर्गल टिप्पणी की, बल्कि उनका कमेंट सांप्रदायिकता की सारी हदों को पार कर गया.

13 मई को महू के पास मानपुर कस्बे में एक सभा में बोलते हुए विजय शाह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया, और कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान में रहने वालों की तरह ही "उसी समुदाय की एक बहन" को भेजा था.
शाह जहां बोल रहे थे, वो एक प्रमुख सैन्य छावनी है. तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शाह ने कहा, "मोदी जी समाज के लिए प्रयास कर रहे हैं. जिन्होंने (पहलगाम में) हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा, हमने उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई."
पहलगाम में आतंकियों ने सैलानियों के कपड़े उतरवाए थे और धार्मिक पहचान के आधार पर चिह्नित कर गोली मार दी थी. इस मामले को उठाते हुए शाह ने कहा, "अब, मोदी जी तो कपड़े उतार नहीं सकते थे. इसलिए उन्होंने उनके समाज से एक बहन को भेजा - ताकि अगर तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज से एक बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी."
भाजपा तुरंत यह बताए कि क्या विजय शाह की घटिया सोच से उसकी सहमति है?@DrMohanYadav51 : जवाब दें!@narendramodi : मंत्री का इस्तीफा लें! pic.twitter.com/zCtVcHZKf4
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) May 13, 2025
जाहिर है बवाल मचना तय था. शाह की टिप्पणी तुरंत वायरल हो गई और कई लोगों को इससे झटका लगा. विपक्षी कांग्रेस ने इसे महिलाओं और सशस्त्र बलों का अपमान बताया. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने कहा, "कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह का बयान अपमानजनक है और सांप्रदायिकता की सभी हदें पार कर गया है. कांग्रेस मांग करती है कि मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए. वे महिलाओं के खिलाफ बोलने के आदी हैं."
ध्यान देने की बात है कि कर्नल कुरैशी, जिनका भारतीय सेना में एक खास रिकॉर्ड है और जिनकी पृष्ठभूमि सैन्य परिवार से है, ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे के खिलाफ भारत के सैन्य अभियान का हिस्सा नहीं थीं. उन्होंने और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ नई दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग की थी.
बाद में शाह ने सफाई दी कि उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया है. उन्होंने कहा, "कुछ लोग मेरे बयान को दूसरे संदर्भ में ले रहे हैं. मेरा ऐसा मतलब नहीं था. वह (कर्नल कुरैशी) मेरी बहन हैं और उन्होंने आतंकवादियों के कृत्यों का बदला लिया है."
विजय शाह ने 'आजतक' से बातचीत के दौरान माफी मांगते हुए कहा, "मैं सपने में भी कर्नल सोफिया बहन के बारे में गलत नहीं सोच सकता. न ही मैं सेना के अपमान की बात सोच सकता हूं. सोफिया बहन ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश की सेवा की और आतंकियों को जवाब दिया, मैं उन्हें सलाम करता हूं. मेरा पारिवारिक बैकग्राउंड भी सेना से जुड़ा है. मैंने उन बहनों के दर्द को ध्यान में रखकर बयान दिया था, जिनके सिंदूर आतंकियों ने उजाड़े. अगर जोश में मेरे मुंह से कुछ गलत निकल गया, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं."
लेकिन शाह का बयान इतना दोयम दर्जे का था कि दूसरे राजनीतिक दल भी इसके विरोध में उतर पड़े. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की.
मायावती ने 'एक्स' पर लिखा, "पहले विदेश सचिव और फिर उसके बाद सेना की महिला अफसर के लिए नफरती, असभ्य और अमर्यादित बयान, वास्तव में जोश और उमंग के उस पूरे अच्छे माहौल को नष्ट करने वाला है, जो पूरा देश भारतीय सेना की पाकिस्तान के खिलाफ 'आपरेशन सिंदूर' की सफलता से उत्साहित है. यह बयान बेहद दुखद और शर्मनाक है."
1. पहले विदेश सचिव और फिर उसके बाद सेना की महिला अफसर के प्रति घृणित, असभ्य व अमर्यादित टिप्पणी, वास्तव में जोश व उमंग के उस पूरे अच्छे माहौल को नष्ट करने वाली है जो पूरा देश भारतीय सेना की पाकिस्तान के विरुद्ध ’आपरेशन सिंदूर’ की सफलता से उत्साहित है, जो यह अति-दुखद व शर्मनाक।
— Mayawati (@Mayawati) May 14, 2025
उन्होंने आगे कहा कि इस क्रम में मध्य प्रदेश के एक सीनियर मंत्री द्वारा मुस्लिम महिला सेना प्रवक्ता के संबंध में की गई अभद्र टिप्पणी को बीजेपी और केंद्र सरकार गंभीरता से लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूर करे, जिससे दुश्मनों के नापाक मंसूबे नाकाम हों और देश में आपसी भाईचारा और समरसता न बिगड़ने पाए.
बवाल बढ़ने के बाद बीजेपी ने मामले को शांत करने के लिए कुछ नेताओं को कर्नल सोफिया कुरैशी के घर भेजा. मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का संदेश लेकर बीजेपी के कई नेता कर्नल सोफिया के घर पहुंचे. वीडी शर्मा के निर्देश के बाद पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह सहित बीजेपी नेताओं ने सोफिया कुरैशी के नौगांव छतरपुर स्थित घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और सोफिया को देश की बेटी बताया.
लेकिन मामला इतने से शांत नहीं हुआ. इसमें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की भी एंट्री हुई. कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए बयान पर स्वतः संज्ञान लेते हुए 4 घंटे के भीतर विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया. जस्टिस अतुल श्रीधरन की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को आदेश देते हुए साफ किया कि विजय शाह पर तत्काल FIR दर्ज होनी चाहिए.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार सुबह सबसे पहले करने की बात कही है. अदालत के इस आदेश के बाद राज्य प्रशासन और पुलिस महकमे में हलचल तेज हो गई है.
कौन हैं कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह?
विजय शाह 1990 से लगातार आठ बार विधायक रहे हैं. वे 2003 से राज्य मंत्री हैं, सिवाय उस अवधि के जब 2019-20 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश पर शासन किया. शाह अक्सर विवादों में फंसते रहे हैं, और खास तौर पर महिलाएं उनके निशाने पर रही हैं.
2013 में उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी.
शाह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन फिर से उन्हें बहाल कर दिया गया. आम तौर पर उनकी बहाली के पीछे यह कारण बताया जाता है कि बीजेपी को इस बात की आशंका थी कि उनके हटाए जाने से पश्चिमी मध्य प्रदेश में पार्टी के आदिवासी वोटों पर असर पड़ेगा.