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कम कैरेट वाला सोना क्यों लुभा रहा है Gen-Z को?

Gen-Z और शहरी जनता इन दिनों सोने के 9 कैरेट और 14 कैरेट के आभूषण खरीदने में अचानक ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है

सोने के 9 कैरेट और 14 कैरेट के आभूषणों की मांग बढ़ रही है (फोटो : चंद्रदीप कुमार)
अपडेटेड 24 सितंबर , 2025

अब जबकि इस त्योहारी सीजन में सोने की कीमतें नई ऊंचाइयां छू रही हैं तो ऐसे में भारत की जूलरी दुकानों में एक अलग बदलाव दिख रहा है.  खरीदार, खासतौर पर Gen-Z और शहरों के पेशेवर लोग 9 कैरेट और 14 कैरेट के सोने के सस्ते आभूषणों को तेजी से गले लगा रहे हैं.

जिसे पारंपरिक रूप से खराब निवेश मानकर खारिज किया जाता था, उस कम कैरेट वाले सोने के जेवरों को अब रोजमर्रा के लिए व्यावहारिक और स्टाइलिश विकल्प माना जा रहा है. युवा खरीदारों की सोच साफ है: जूलरी पहनने के लिए होती है, ताले में बंद करने के लिए नहीं.

इंद्रिया-आदित्य बिड़ला ज्वैलरी के सीईओ संदीप कोहली इस रुझान के बारे में बताते हैं: शादियों और त्योहारों में ज्यादा कैरेट वाले सोने की मांग अभी-भी ज्यादा है, लेकिन प्रतिदिन के उपयोग के लिए हलकी, कम कैरेट वाली ज्वैलरी लोकप्रिय हो रही है. कोहली कहते हैं, "जब हीरे और अन्य मूल्यवान या कम कीमती रत्न डिजाइन का हिस्सा होते हैं, तो भी कम कैरेट वाले आभूषणों को प्राथमिकता दी जाती है. यही कारण है कि इंद्रिया अधिक और कम कैरेट दोनों तरह के आभूषण उपलब्ध कराता है."

14 कैरेट के आभूषणों को लेकर रुझान मजबूत है. पीपी ज्वैलर्स बाइ पवन गुप्ता के निदेशक पीयूष गुप्ता बताते हैं, "हम युवा खरीदारों के बीच 14 कैरेट के आभूषणों के प्रति बढ़ता आकर्षण देख रहे हैं क्योंकि ये ट्रेंडी हैं और कम दाम में उपलब्ध हैं. ये खरीदारों की उस नई पीढ़ी के मन को भाते हैं जो सोने के डिजाइन, क्वालिटी या आकर्षण से समझौता किए बिना कम दाम पर लक्जरी चाहती है. "

इस बढ़ती मांग ने बड़े ब्रांडों और पारिवारिक ज्वैलरों, दोनों को अपनी रेंज का दायरा बढ़ाने के लिए मजबूर किया है. अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (GJC) के अध्यक्ष राजेश रोकड़े कहते हैं, "हालांकि ये कैरेट सीमित स्वरूप में पहले भी थे, मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजारों या चुनिंदा नवीनतम फैशन कलेक्शन में, लेकिन भारत में व्यवस्थित तरीके से इनकी शुरुआत पहुंच वाली लक्जरी में नया चलन है."

दो और कारकों ने इस रुझान को बढ़ावा दिया है : 9 कैरेट सोने की हॉलमार्किंग के लिए सरकार की मंजूरी, जिससे भरोसा बढ़ा है और निर्यात मांग भी. रोकड़े बताते हैं कि यूरोप के उपभोक्ता भी इस बदलाव की ओर रुख कर रहे हैं. वे बताते हैं, "सोने के आभूषणों के लिए 18 कैरेट को प्राथमिकता दी जा रही है और डायमंड के लिए वे 9 कैरेट सोने का ऑर्डर दे रहे हैं क्योंकि यह टिकाऊ होता है." उनकी अपनी जूलरी चेन, रोकड़े ज्वैलर्स ने हाल में रेअर नाम से 14 कैरेट के स्वर्ण आभूषणों की रेंज उतारी है.

9 कैरेट के आभूषणों की लोकप्रियता, खासकर उपहार के विकल्प के रूप में, किफायती होने के कारण भी बढ़ रही है. रोकड़े कहते हैं, "यह विविधता सकारात्मक है क्योंकि इससे आबादी के विभिन्न हिस्सों और हर तरह के आय वर्ग के उपभोक्ताओं की आभूषणों तक पहुंच बढ़ रही है.”

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