अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में खबर आई कि गुरुग्राम में डीएलएफ के रिहायशी प्रोजेक्ट डीएलएफ केमेलियाज में एक फ्लैट 100 करोड़ रुपए में बिका जिसका क्षेत्रफल करीब 10,000 वर्गफुट है. रेट के लिहाज से देखा जाए तो यह 1 लाख रु. वर्गफुट बैठता है जो कि लुटियंस दिल्ली और साउथ मुंबई जैसे भारत के सबसे आलीशान इलाकों के दामों से मेल खाता है.
डीएलएफ केमेलियाज और डीएलएफ मंगोलिया रईसों की पसंद है. गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स और उसके पार अरावली के व्यू वाली इस प्रॉपर्टी की डिमांड ज्यादा है. तमाम टेक कंपनियों के सीईओ और बड़े कारोबारी यहीं रहना चाहते हैं. दरअसल, इन दिनों आलीशान रेजिडेंशियल मकानों की बिक्री में तेजी देखी जा रही है.
दस साल पहले जब यह प्रोजेक्ट आया था, तब इसकी कीमत 32 करोड़ रु. बताई गई थी. चार महीने पहले इसकी कीमत 60 करोड़ रुपए थी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 100 करोड़ रु. में बिके इस फ्लैट में 15 करोड़ का इंटीरियर है. इससे पहले मार्च के महीने में डीएलएफ ने गुरुग्राम के गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन में द आर्बर प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग से पहले ही 7 करोड़ रुपए कीमत वाले चार बेडरूम के इसके 1137 फ्लैट तीन दिन में बेच दिए थे. इनमें हर फ्लैट के साथ तीन पार्किंग देने की बात कही गई है जिनमें से एक ईवी चार्जिंग वाली होगी. मार्च में ही मुंबई के मालाबार हिल इलाके में बजाज ऑटो के चेयरमैन नीरज बजाज ने 252 करोड़ में ट्रिपलेक्स अपार्टमेंट खरीदा था जो कि देश का सबसे महंगा ट्रिपलेक्स सौदा कहा गया. इसमें 8 कार पार्किंग हैं. यह लोढा डेवलपर्स का प्रोजेक्ट है.
इससे पहले फरवरी में खबर आई थी कि रिटेल स्टोर डीमार्ट के मालिक अरबपति राधाकृष्ण दमाणी ने दक्षिण मुंबई में थ्री सिक्सटी वेस्ट प्रोजेक्ट में 28 लग्जरी अपार्टमेंट 1238 करोड़ रुपए में खरीदे. इसे देश काअब तक का सबसे बड़ा रिहायशी रियल एस्टेट सौदा कहा गया. बजट से पहले हुए इन सौदों के बारे में कहा गया कि सरकार ने कैपिटल गेन टैक्स डिडक्शन में 10 करोड़ रुपए की रिइन्वेस्टमेंट सीमा तय की गई थी जो कि 1 अप्रैल से लागू है, इसलिए ये सौदे हो रहे हैं. लेकिन हाल के सौदे और आंकड़े बताते हैं कि आलीशान रिहायशी प्रॉपर्टी की राह में कोई भी प्रावधान रोड़ा नहीं बन सकता.
रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म नाइट फ्रैंक की हाल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक करोड़ रु. और उससे अधिक की रिहायशी इकाइयों की बिक्री पिछली सात तिमाहियों में लगातार बढ़ती हुई दिखी है और एक साल पहले के 28% की तुलना में 2023 की तीसरी तिमाही में यह बढ़कर 35% हो गई है. इसके विपरीत 50 लाख रु. वाले मकानों की बिक्री 2022 के 36% के मुकाबले अब घटकर 29% रह गई है. इस बढ़त की मुख्य वजह यह है कि लोग अब ज्यादा बड़े और बेहतर सुविधाओं वाले मकान में रहना पसंद कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 की तीसरी तिमाही में 82,612 यूनिट घरों की बिक्री हुई जो कि इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 7 प्रतिशत और पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है. इसके और विस्तार में जाएं तो दिल्ली-एनसीआर में बिक्री में 27% की बढ़ोतरी देखी गई. निवेश फर्म जेएलएल के मुताबिक 2023 की पहली छमाही में रिहायशी इकाइयों की बिक्री 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और इस दौरान 1.26 लाख से अधिक यूनिटों की बिक्री हुई. इसके पीछे प्रमुख शहरों-एनसीआर, मुंबई या एमएमआर, बेंगलूरू, चेन्नै, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे में अच्छी खासी डिमांड का होना बड़ी वजह है.
रियल एस्टेट में तेजी का सबसे बड़ा गवाह निफ्टी रियल्टी इंडेक्स है. निफ्टी रियल्टी (nifty realty) इंडेक्स 15 साल के उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहा है. जाहिर है आलीशान और महंगे मकानों के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ गई है और ये ट्रेंड पूरे देश में देखा जा रहा है.