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गौतम गंभीर, हेमा मालिनी समेत इन पांच सेलिब्रिटीज का टिकट काट सकती है भाजपा!

भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी गठबंधन की रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए कुछ सेलिब्रिटी सांसदों के टिकट काट सकती है तो कुछ की सीटें बदल सकती है

पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद गौतम गंभीर
अपडेटेड 28 जनवरी , 2024

इस साल लोकसभा चुनावों को देखते हुए टिकट बंटवारे को लेकर केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में मंथन का दौर शुरू हो गया है. हालांकि, उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी जो सर्वेक्षण कराती है, उनमें से कुछ के अंतिम नतीजे अभी आने बाकी हैं. 

इसके बावजूद कई सीटों पर मौजूदा सांसदों के टिकट काटने और कई सांसदों की सीट बदलने को लेकर पार्टी के अंदर अलग-अलग स्तर पर चर्चा चल रही है. इनमें कुछ सेलिब्रिटी सांसदों के टिकट काटने पर भी विचार किया जा रहा है. साथ ही कुछ नए सेलिब्रिटी को पार्टी में शामिल कराके उन्हें चुनाव लड़ाने की बात भी चल रही है. 

जिन नए लोगों को टिकट देने की चर्चा है, उनमें सबसे ज्यादा नाम फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का लिया जा रहा है.  लेकिन जिन सेलिब्रिटीज के टिकट कटने या सीट बदले जाने को लेकर चर्चा चल रही है, उनमें से तीन लोग दिल्ली की अलग-अलग सीटों से सांसद हैं.

गौतम पर गंभीर भाजपा!

पिछले दो लोकसभा चुनावों से पार्टी दिल्ली की सातों में से सात सीट जीत रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन के हिसाब से भी भाजपा को अपनी तैयारी करनी पड़ रही है. ऐसे में पार्टी के अंदर इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि दिल्ली की जिन सीटों पर सेलिब्रिटी सांसद हैं, उन सीटों पर पार्टी के अनुभवी लोगों को उतारना होगा. 

जिनके टिकट कटने की चर्चा भाजपा के अंदर चल रही है, उनमें पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट कमेंटेटर गौतम गंभीर का नाम भी शामिल है. गंभीर अभी पूर्वी दिल्ली से सांसद हैं. 2019 में महेश गिरी का टिकट काटकर भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था. पार्टी के अंदर यह बात चल रही है कि गौतम गंभीर से उनके संसदीय क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता खुश नहीं हैं. भाजपा के अंदर जो लोग गंभीर का टिकट काटने की वकालत कर रहे हैं, उनका आरोप है कि गौतम गंभीर के पास अपने संसदीय क्षेत्र के लिए समय ही नहीं है. ऐसे में उनके एक करीबी सहयोगी के पास संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी है और इनसे कार्यकर्ताओं की बनती नहीं है. 

भाजपा में चर्चा इस बात की है कि अगर उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और गायक मनोज तिवारी को बिहार की बक्सर सीट पर भेजा गया तो पूर्वी दिल्ली से पूर्वांचल के किसी नेता को टिकट दिया जा सकता है.

हंसराज हंस की पंजाब वापसी!

उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद हंसराज हंस के बारे में सुनने में आ रहा है कि इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में दिल्ली से उनका टिकट काटकर उन्हें पंजाब के जालंधर भेजा जा सकता है. गायकी से राजनीति की राह पकड़ने वाले हंसराज हंस पहले भी जालंधर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. बात 2009 की है. तब वे शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार थे. हालांकि, वे उस समय हार गए थे. 

भाजपा की दुविधा यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल उसके साथ थी. इस बार पंजाब में पार्टी को अकेले ही चुनाव में उतरना पड़ेगा इसलिए हंसराज हंस को दिल्ली से पंजाब भेजकर उनकी लोकप्रियता का लाभ लेने की बात चल रही है. इस विचार के समर्थन में यह तर्क भी दिया जा रहा है कि हंसराज हंस अनुसूचित जाति से हैं. इस वर्ग की पंजाब में अच्छी-खासी संख्या है. इसलिए अगर हंस पंजाब का रुख करते हैं तो भाजपा को इसका लाभ जालंधर के अलावा आस-पास की दूसरी सीटों पर भी मिल सकता है.

मनोज तिवारी जाएंगे दिल्ली से बक्सर!

उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी के बारे में भी सुनने में आ रहा है कि भाजपा इस सीट से इस बार उनका टिकट काट सकती है. 2014 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बनने वाले मनोज तिवारी भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष भी बने. पार्टी ने 2019 में उन्हें फिर से चुनाव में उतारा और वे जीत गए. लेकिन इस बार उनकी उम्मीदवारी को लेकर तरह-तरह की बातें भाजपा के अंदर हो रही हैं.

एक चर्चा ये भी है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली से टिकट काटकर उन्हें उनके गृह राज्य बिहार में चुनाव लड़ने के लिए भेजा जाए. मनोज तिवारी के बारे में ये चर्चा है कि वे नई लोकसभा सीट की तलाश में है क्योंकि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी टिकट पक्की नहीं लग रही. 

पार्टी में कानाफूसी तो ये चल रही है कि तिवारी की नजर बिहार की बक्सर लोकसभा सीट पर है. यहां से अभी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सांसद हैं. अश्विनी चौबे 71 साल के हो गए हैं और उम्र की वजह से हो सकता है इस बार उन्हें लोकसभा टिकट न मिले. वहीं मई, 2023 में जब बाबा बागेश्वर बिहार की राजधानी पटना गए तो वहां मनोज तिवारी उनके सारथी के तौर पर उनकी कार चलाते दिखे. बाबा बागेश्वर के साथ उनकी सक्रियता को भी बक्सर सीट से टिकट पाने की उनकी कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.

हेमा मालिनी 

बॉलीवुड में ड्रीम गर्ल की पहचान रखने वाली हेमा मालिनी दो बार से उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीत रही हैं. 2019 में उन्होंने इस सीट पर तकरीबन 2.9 लाख से अधिक वोटों के अंतर से राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के उम्मीदवार को हराया था. आरएलडी के मौजूदा अध्यक्ष जयंत चौधरी को भी हेमा मालिनी ने मथुरा सीट पर 2014 में तीन लाख से अधिक वोटों के अंतर से पटखनी दी थी. हेमा मालिनी को लेकर मथुरा के लोगों की यह शिकायत रही है कि वे चुनाव जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं आती हैं. ऐसे में भाजपा में इस बात की चर्चा है कि दो बार की सांसद हेमा मालिनी को पार्टी इस बार टिकट न दे. 

हेमा मालिनी का टिकट काटने के पक्ष में एक तर्क उनकी उम्र का भी दिया जा रहा है. बीते साल हेमा मालिनी 75 वर्ष की हो गईं. भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर जो रणनीति इस बार बनाई जा रही है, उसमें 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को अपवाद के तौर पर ही टिकट देने की बात की जा रही है. मथुरा सीट पर हेमा मालिनी का टिकट अगर कटता है तो इस सीट पर मथुरा से दो बार के भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा की नजर है. 2022 में योगी मंत्रिमंडल में उन्हें दोबारा जगह नहीं मिली. ऐसे में शर्मा के बारे में ये चर्चा है कि वे अब केंद्र की राजनीति में आने के लिए प्रयासरत हैं.  

सनी देओल

हेमा मालिनी के ही परिवार के दूसरे सांसद सनी देओल के बारे में भी चर्चा है कि पंजाब के गुरदासपुर से उनका टिकट भाजपा काट सकती है. देओल अप्रैल, 2019 में भाजपा में शामिल ही इसलिए कराए गए थे कि उन्हें गुरदासपुर से चुनाव लड़ाया जा सके. दरअसल, इस सीट पर भाजपा की तरफ से मशहूर फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना चार बार लोकसभा चुनाव जीते हैं. 2014 में भी विनोद खन्ना इस सीट से सांसद चुने गए थे. लेकिन 2017 में उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई. उपचुनाव में भाजपा ने स्वर्ण सलारिया को उम्मीदवार बनाया. लेकिन वे कांग्रेस के सुनील जाखड़ से 1.93 लाख से अधिक वोटों के भारी अंतर से चुनाव हार गए और यह सीट भाजपा के हाथ से निकल गई. इसी पृष्ठभूमि में 2019 में सनी देओल को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. 

2019 में सनी देओल ने जिन सुनील जाखड़ को तकरीबन 80,000 वोटों से हराया था, वही सुनील जाखड़ 2024 में देओल के लिए चुनौती बन गए हैं. कांग्रेस में रहे सुनील जाखड़ मई, 2022 में भाजपा में शामिल हो गए और अभी वे पंजाब भाजपा के अध्यक्ष हैं.  भाजपा में चर्चा इस बात की है कि खुद सुनील जाखड़ गुरदासपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं और ऐसी स्थिति में सनी देओल के लिए इस सीट पर फिर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है.
 

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