राष्ट्रपति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ लगातार बैठकों के बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की चर्चा सोशल मीडिया पर चल रही है. इसके अलावा, शाह ने जम्मू-कश्मीर के कुछ नेताओं और राज्य के बीजेपी प्रमुख के साथ भी बैठकें की हैं.
ये बैठकें 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 रद्द करने की वर्षगांठ से कुछ दिन पहले हुईं. इसके चलते अटकलबाजी ने जोर पकड़ा है. 3 अगस्त को, प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी. दिलचस्प बात यह है कि इस बैठक का विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया. आमतौर पर, ऐसी बैठकों के बाद पीआईबी का एक बयान जारी होता है. कुछ घंटों बाद, अमित शाह ने राष्ट्रपति के साथ आमने-सामने की बैठक की.
5 अगस्त, 2019 को, अनुच्छेद 370 को रद्द करने के अलावा, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख - में विभाजित कर दिया गया था.
इसने न केवल जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया, बल्कि उपराज्यपाल के माध्यम से प्रशासन को केंद्र के नियंत्रण में भी कर दिया.
तब से, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह, दोनों ने कई मौकों पर बिना कोई समय-सीमा बताए, जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया है.
दिसंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखते हुए, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा "जल्द से जल्द" और "जितनी जल्दी हो सके" बहाल करने का निर्देश दिया था. सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.