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'मैं भारत और मोदी के बहुत करीब हूं...' भारत को लेकर ट्रंप के बदले रुख का क्या मायने हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वे भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीब हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
अपडेटेड 19 सितंबर , 2025

कई महीनों तक भारत को टैरिफ की धमकियां देने के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप के तेवर में नरमी दिख रही है. पिछले कुछ दिनों से ट्रंप लगातार पीएम मोदी के साथ अपनी दोस्ती पर जोर दे रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर दोस्ताना संदेश पोस्ट करने के एक दिन बाद 18 सितंबर को ट्रंप ने ब्रिटिश पीएम कीएर स्टारमर के सामने एक बार फिर पीएम मोदी के साथ अपने करीबी संबंधों का जिक्र किया.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "मैं भारत और भारत के प्रधानमंत्री के बहुत करीब हूं. मैंने पिछले दिनों फोन कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं." अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का भारत के प्रति दोस्ताना बयान तब आया, जब उन्होंने रूस से तेल खरीदने के लिए यूरोपीय देशों की भी आलोचना की है.

ट्रंप ने कहा, "पता चला है कि यूरोपीय देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, लेकिन मैंने नाटो देशों से कहा है कि रूसी तेल खरीदने वाले देशों (जैसे भारत) पर मैंने भारी टैरिफ लगाए हैं. चीन इस समय रूस से बहुत ज्यादा तेल खरीद रहा है, इसलिए नाटो को चीन पर 50-100 फीसद टैरिफ लगाने चाहिए. मैं आगे और भी कुछ करने वाला हूं, लेकिन तब नहीं जब जिनके लिए मैं लड़ रहा हूं, वे रूस से तेल खरीद रहे हों. अगर तेल की कीमतें कम हो जाती हैं, तो रूस आसानी से समझौता कर लेगा."

ट्रंप का भारत को लेकर दोस्ताना बयान रूस से तेल खरीद के कारण भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के बाद आया है. हालांकि, भारत का कहना है कि रूस के साथ उसका तेल व्यापार किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता. इस मामले में भारतीय अधिकारियों ने पश्चिमी देशों पर पाखंड का आरोप लगाया है, क्योंकि यूरोपीय संघ और अमेरिका अभी भी अरबों डॉलर मूल्य के रूसी सामान खरीदते हैं.

लगातार आलोचना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में G-7 शिखर सम्मेलन के बाद डिनर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा को भी रद्द कर दिया था, जहां उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना था.

हालांकि, पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्रंप भारत और पीएम मोदी के समर्थन में बयान दे रहे हैं. 50 फीसद टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार अमेरिकी अधिकारियों के साथ भारतीय अधिकारियों की ट्रेड डील और टैरिफ पर बात हुई है.

'हिंदुस्तान टाइम्स' को दिए इंटरव्यू में पूर्व भारतीय राजनयिक के.पी. फेबियन ने ट्रंप के बदले रुख को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा, "भारत पर 50 फीसद टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप को एहसास हो रहा है कि वे गलत थे. भारत एक ऐसा देश है, जो हर किसी के साथ दोस्ती और व्यापार करना चाहता है. लेकिन, भारत तानाशाही स्वीकार नहीं करता."

फेबियन के मुताबिक, ट्रंप का नरम रुख भारत की दृढ़ता और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर टैरिफ के उलट प्रभाव के कारण आया है. ट्रंप ने सितंबर 2025 के एक हालिया बयान में भारत को एक प्रमुख आर्थिक साझेदार बताया था. इतना ही नहीं यह भी कहा था कि हमारी साझेदारी बहुत सकारात्मक और आगे बढ़ने वाली है.

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