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क्या दिल्ली विधानसभा में 'टिफिन घर' को केजरीवाल ने बना दिया 'फांसी घर'?

दिल्ली विधानसभा में BJP और AAP के बीच 'फांसी घर' और 'टिफिन घर' को लेकर विवाद हो गया. बीजेपी के विधायकों ने दिल्ली की पुरानी सरकार पर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप भी लगाया.

दिल्ली विधानसभा में फांसी घर (फाइल फोटो)
दिल्ली विधानसभा में फांसी घर (फाइल फोटो)
अपडेटेड 7 अगस्त , 2025

दिल्ली विधानसभा में 5 अगस्त 2025 को BJP और AAP विधायकों के बीच तीखी बहस हुई. यह बहस तब शुरू हुई, जब विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि विधानसभा कैंपस में कभी कोई ‘फांसी घर’ नहीं था.

उन्होंने कहा, “2022 में सीएम अरविंद केजरीवाल ने काफी धूमधाम से जिस ‘फांसी घर’ का उद्घाटन किया था, वह वास्तव में अंग्रेजों के समय में 'टिफिन घर' हुआ करता था. दिल्ली विधानसभा का निर्माण 1912 में कराया गया था."

विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने यह दावा 2011 के नक्शे का हवाला देते हुए किया. इसी नक्शे के हवाले से दिल्ली विधानसभा भवन का निर्माण हुआ है. उन्होंने कहा कि विधानसभा कैंपस से लाल किले तक सुरंग होने का दावा भी गलत है. BJP ने सदन को गुमराह करने के लिए AAP प्रमुख केजरीवाल से माफी मांगने की मांग की.

वहीं, AAP विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर इस वक्त ऐसा मुद्दा उठाने को लेकर सवाल उठाया, खासकर जब राष्ट्रीय राजधानी कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है. इस मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस तब हुई, जब ब्रिटिश संसद की उपाध्यक्ष नुसरत घानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली विधानसभा पहुंचा था.

विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “नक्शे को देखकर यह भी पता चलता है कि वर्तमान अध्यक्ष का कमरा पहले सदस्यों का पुस्तकालय था और उपसभापति का कमरा ब्रिटिश शासन के दौरान वायसराय का दफ्तर था.” उन्होंने कहा कि पुराने समय में यहां धूम्रपान कक्ष भी था.

9 अगस्त 2022 को 'भारत छोड़ो आंदोलन' की वर्षगांठ पर टिफिन रूम को "फांसी-घर" के रूप में उद्घाटन करने को लेकर उन्होंने पिछली AAP सरकार की आलोचना की.

उन्होंने कहा, "इतिहासकारों के साथ एक बैठक भी हुई, जिसमें बताया गया कि तथाकथित फांसीघर और उससे जुड़ी संरचना वास्तव में एक टिफिन रूम और एक लिफ्ट थी. हमें उपलब्ध कराए गए राष्ट्रीय अभिलेखागार के दस्तावेजों से भी यह बात साबित हुई है."

विधानसभा स्पीकर ने कहा कि उन्होंने एक्सपर्ट कमेटी बुलाई और ASI की टीम ‘फांसी घर’ को लेकर रिपोर्ट दी. जेएनयू और डीयू के एक्सपर्ट से भी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इतिहास में इसे लेकर ऐसा कोई विवरण नहीं मिलता है.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, "विधानसभा से लालकिला तक सुरंग होने का दावा भी गलत है. इतिहासकारों का कहना है कि पुराने जमाने में ऐसी इमारतों में भूमिगत वेंटिलेशन नालियां होती थीं. पुराने संसद भवन में भी ऐसी जगह है."

BJP के मुख्य सचेतक अभय वर्मा ने कहा कि तथाकथित "फांसीघर" दरअसल रस्सी से चलने वाली एक लिफ्ट प्रणाली थी जो "टिफिन रूम" के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एक कमरे के पास थी.

BJP विधायकों ने मांग की है कि AAP सुप्रीमो और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठे दावों से लोगों को गुमराह करने और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए माफी मांगें.

इस मामले पर एक बयान में पूर्व सीएम आतिशी ने सत्तारूढ़ दल BJP पर हमला करते हुए कहा, "आज विधानसभा में इस विषय पर चर्चा का क्या मतलब है? दिल्ली विधानसभा का एक सत्र चलाने में हर घंटे लाखों रुपये खर्च होते हैं. यह दिल्ली के लोगों, करदाताओं के मेहनत की कमाई से चलती है. ऐसे में इन मुद्दों पर समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है."

उन्होंने आगे कहा, "आप झुग्गियों, स्कूलों, अस्पतालों में दवाओं की कमी या बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चर्चा की अनुमति नहीं देंगे. इसके बजाय, BJP केवल 'फांसीघर' के बारे में बात करना चाहती है."

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