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लोकसभा चुनाव 2024 : बीजेपी ने खर्च किया था कांग्रेस से तीन गुना ज्यादा पैसा! लेकिन हिसाब-किताब देने में क्यों हुई देर?

30 जनवरी को ECI ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया कि बीजेपी ने 2024 के आम चुनावों में कितना पैसा खर्च किया था

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान की एक तस्वीर
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान की एक तस्वीर
अपडेटेड 31 जनवरी , 2025

अमेरिका और भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चुनावों में एक बात एक जैसी है कि खर्च के मामले में हर नया चुनाव पुराने वाले को पीछे छोड़ देता है. दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के मुताबिक 2019 में देश में हुए आम चुनावों में करीब 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे, वहीं पिछले साल जून में जब 2024 का लोकसभा चुनाव हुआ, तो यह खर्च दोगुना से भी ज्यादा होकर करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये जा पहुंचा.

देश में अलग-अलग प्रमुख पार्टियों की भी कमोबेश यही कहानी रही है. 30 जनवरी को केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक 2024 के आम चुनावों में बीजेपी ने कुल 1,737.68 करोड़ रुपये खर्च किए. यह पार्टी द्वारा 2019 के आम चुनावों में खर्च की गई कुल रकम से करीब 37 फीसद ज्यादा है.

बीजेपी की व्यय रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कुल 1,264.33 करोड़ रुपये खर्च किए थे. उस चुनाव में बीजेपी को कुल 303 सीटों पर जीत मिली थी और पार्टी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था. 2024 के आम चुनावों में पार्टी की सीटें घटकर 240 रह गईं. लेकिन जहां तक चुनाव प्रचार और अभियानों पर खर्च की बात है तो यह 2019 की तुलना में 37 फीसद ज्यादा रहा.

2024 के आम चुनाव में कांग्रेस का कुल खर्च 584.65 करोड़ रुपये था. इसमें केवल आम चुनाव ही नहीं, बल्कि मार्च से जून 2024 के बीच चार और राज्यों के भी चुनाव शामिल थे. यानी चार राज्यों और लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का कुल खर्च 584.65 करोड़ रुपये था. इस तरह तुलना करें तो बीजेपी ने कांग्रेस के बरक्स आम चुनावों में तीन गुना ज्यादा रकम खर्च की. बीजेपी ने जो 1,737.68 करोड़ रुपये खर्च किए, उनमें से 1,492.39 करोड़ रुपये 'सामान्य पार्टी प्रचार' और अपने उम्मीदवारों पर कुल 245.29 करोड़ रुपये खर्च किए.

बीजेपी ने अपने कुल खर्च का 35 फीसद हिस्सा यानी 611.50 करोड़ रुपये प्रचार अभियानों पर खर्च किया. ये रुपये इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज पर विज्ञापनों पर खर्च किए गए. रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञापन पर खर्च की गई कुल राशि का करीब 30 फीसद हिस्सा अकेले गूगल इंडिया को गया. रुपये में जोड़ें तो यह करीब 156.95 करोड़ रुपये बैठता है. वहीं फेसबुक को भी प्रचार करने के लिए 24.63 करोड़ रुपये मिले.

इसके अलावा कुल व्यय में से करीब 168.92 करोड़ रुपये स्टार प्रचारकों की यात्रा पर खर्च किए गए. इन स्टार प्रचारकों में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं. पार्टी ने होर्डिंग्स, कट-आउट, स्टिकर, हैंडबिल, टोपियां, झंडे और साड़ियों सहित प्रचार सामग्री पर 55.75 करोड़ रुपये खर्च किए.

बीजेपी ने सार्वजनिक सभाओं के आयोजन पर 19.84 करोड़ रुपये खर्च किए. रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने दो सर्वेक्षणों पर 19.58 करोड़ रुपये और 'नमो स्टॉल' पर 1.79 करोड़ रुपये खर्च करने की भी बात कही है.

इधर कांग्रेस की बात करें तो 2024 आम चुनावों में पार्टी के कुल व्यय का 70 फीसद हिस्सा विज्ञापनों पर खर्च हुआ था. पार्टी ने अगस्त 2024 में चुनाव आयोग को अपनी व्यय रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने 2024 में मार्च से जून तक हुए लोकसभा और आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के चुनावों के लिए प्रिंट, टेलीविजन, ऑनलाइन और एसएमएस सहित मीडिया विज्ञापनों पर 409.96 करोड़ रुपये खर्च किए.

इसके अलावा पार्टी ने स्टार प्रचारकों की यात्रा पर 104.42 करोड़ रुपये और पोस्टर और होर्डिंग्स जैसी प्रचार सामग्री पर 68.61 करोड़ रुपये खर्च किए. पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को कुल 11.20 करोड़ रुपये दिए.

लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने एक विवाद के सिलसिले में कांग्रेस के कुछ खातों को फ्रीज कर दिया था और करीब 3,500 करोड़ रुपये की मांग भी की थी. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो आयकर विभाग ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव खत्म होने तक कोई सख्त कदम नहीं उठाएगा. तब कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर उसके अभियान को बाधित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

बीजेपी ने ECI को व्यय रिपोर्ट सौंपने में क्यों की देरी?

ECI के नियमों के मुताबिक, लोकसभा चुनावों की समाप्ति के तीन महीने के भीतर पार्टियों को अपने खर्च का ब्योरा केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपना होता है. कांग्रेस ने अगस्त 2024 में ये ब्योरा ECI को दे दिया था जबकि बीजेपी उस समय ऐसा नहीं कर सकी.

इस गुरुवार यानी 30 जनवरी को जब ECI ने बीजेपी की व्यय रिपोर्ट जारी की, तो उसमें रिपोर्ट सब्मिशन की तारीख 22 जनवरी लिखी है. रिपोर्ट के साथ कवर लेटर में बीजेपी ने लिखा, "हमें जानकारी जमा करने में हुई देरी के लिए खेद है."

चुनाव आयोग ने 16 मार्च, 2024 को लोकसभा और चार विधानसभाओं के चुनावों की घोषणा की थी. सात चरणों के चुनाव 4 जून, 2024 को मतों की गिनती के साथ संपन्न हुए. इसमें एनडीए सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई.

बीजेपी और कांग्रेस, कौन कितनी अमीर पार्टी

ECI के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी देश की सबसे अमीर पॉलिटिकल पार्टी भी है. 31 मार्च 2024 तक पार्टी के पास 7,113.80 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस मौजूद था. वहीं, देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पास बैंक बैलेंस के तौर पर अभी 857.15 करोड़ रुपये हैं.

चुनाव आयोग को उनकी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी को 2023-24 के दौरान चुनावी बॉन्ड के जरिए 1,685.69 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक योगदान हासिल हुआ, जबकि 2022-23 में यह 1,294.15 करोड़ रुपये रहा था. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में चुनावी बॉन्ड पर बैन लगा दिया था.

चुनाव आयोग को सौंपी गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कांग्रेस ने 2023-24 के दौरान कुल 1,225.11 करोड़ रुपये का योगदान हासिल किया, जिसमें अनुदान, दान और योगदान के जरिए 1,129.67 करोड़ रुपये शामिल हैं. इसमें 31 मार्च, 2024 तक इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त 828.36 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.

पार्टी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में यह भी कहा कि उसने 2023-24 के दौरान पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा-2 पर 49.63 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 2022-23 के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक उनके द्वारा की गई भारत जोड़ो यात्रा पर 71.84 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

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