
बीते शुक्रवार, 10 मई को दिल्ली में आंधी आई थी. इस वाक्य को आप रूपक मानें या अक्षरशः सही, दोनों चलेगा. दरअसल 10 मई को कथित शराब नीति घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी गई. जैसी उम्मीद थी, जेल से बाहर आते ही उन्होंने भाजपा पर बिलकुल अनदेखा एक तीर चलाया और नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट की बात कह दी.
दिल्ली के सीएम ने कहा कि भाजपा में 75 सालों के बाद तो नेता रिटायर करने की परंपरा है, तो क्या नरेंद्र मोदी, जो 2025 में 75 वर्ष के हो जाएंगे, प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे? केजरीवाल ने अमित शाह के पुराने बयान तक गिना दिए जिसमें वे 75 में भाजपा नेताओं की रिटायरमेंट की बात कर रहे हैं. अगर ऐसा है तो बीजेपी में 75 साल पर रिटायर होने का नियम या परंपरा कब से शुरू हुई?
11 मई को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित मंदिर में बजरंग बली के दर्शन करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस को संबोधित किया और कहा, "बीजेपी वाले 'इंडिया गठबंधन' से उनके चेहरे के बारे में पूछते हैं, मैं भाजपा से पूछता हूं कि उनका प्रधानमंत्री कौन होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं. उन्होंने नियम बनाया था कि 75 साल की उम्र वालों को ‘रिटायर’ कर दिया जाएगा. उन्होंने आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन को रिटायर कर दिया."
मैं देश के लोगों को आगाह करता हूँ:
— AAP (@AamAadmiParty) May 11, 2024
मोदी जी अपने लिए Vote नहीं माँग रहे हैं, वो Amit Shah को प्रधानमंत्री बनाने के लिए Vote माँग रहे हैं।
मैं Modi-Amit Shah से पूछना चाहता हूँ कि ये मोदी की गारंटी पूरी कौन करेगा?
जो भी BJP को Vote देने जाये तो वो ये सोच कर जाना कि आप मोदी को… pic.twitter.com/jf5NjrBHRV
केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के मुद्दों का रुख बदलते हुए सीधा सत्तारूढ़ बीजेपी से सवाल करते हुए कहा, "मोदी जी अगले साल रिटायर हो जाएंगे. वे अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं. क्या अमित शाह मोदी जी की गारंटी पूरी करेंगे?"
इस बयान के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्टीकरण देना पड़ा कि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और पूरे इंडिया ब्लॉक को बताना चाहूंगा कि आपको इस बात से खुश होने की कोई जरूरत नहीं है कि मोदी जी 75 वर्ष के हो रहे हैं. भाजपा के संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि आपको रिटायर होना है. मोदी जी कार्यकाल पूरा करेंगे और देश का नेतृत्व करते रहेंगे. इस पर बीजेपी में कोई भ्रम नहीं है."
HM Shri @AmitShah addresses press conference in Hyderabad, Telangana.
— BJP (@BJP4India) May 11, 2024
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इस बात की पुष्टि करने के लिए हमने बीजेपी का संविधान भी खोलकर पढ़ा तो वाकई उसमें कहीं भी पार्टी के नेताओं को 75 की उम्र में रिटायर होने जैसी बात नहीं दर्ज थी. तो फिर आखिर यह बात शुरू कहां से हुई और यह अघोषित नियम बीजेपी के साथ कैसे जुड़ गया?

22 जनवरी, 2013 को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भ्रष्टाचार के आरोप पर इस्तीफा दिया और 24 जनवरी को राजनाथ सिंह पार्टी के नए अध्यक्ष बने थे. इसी महीने 29 जनवरी को दुबई के अंग्रेजी अख़बार गल्फ न्यूज की वेबसाइट पर भाजपा के सूत्रों के हवाले से एक खबर छपी जिसमें 75 की उम्र से ऊपर के सभी बीजेपी नेताओं को रिटायर करने के कयास लगाए गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, "पार्टी सूत्रों ने बताया कि नवनिर्वाचित भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह 75 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नेताओं को पार्टी में पद और 2014 के आम चुनाव में नामांकन से वंचित करने की आरएसएस प्रायोजित रणनीति का खुलासा कर सकते हैं."
पत्रकार अजय झा की इस रिपोर्ट में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, शांता कुमार, राम जेठमलानी, डॉ. सी.पी. ठाकुर और करिया मुंडा जैसे कुछ नेताओं के नाम भी लिखे गए थे जो इस 75 लिस्ट में शामिल हो सकते हैं. कुछ ही महीनों बाद 13 सितम्बर, 2013 को बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जिससे आडवाणी की निराशा की बातें मीडिया में चलने लगीं.
2014 में जब नरेंद्र मोदी की पहली बार केंद्र में सरकार बनी तब पीएम ने 75 पार के नेताओं को कैबिनेट में नहीं रखा था. वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तक को मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया. भाजपा की ओर से यह प्रचारित करने की कोशिश की गई कि यह नया भारत है और इसमें नए लोगों की बात होनी चाहिए.
2016 में पीआरएस ने इंडियास्पेंड का डाटा जारी करते हुए बताया, "वर्तमान लोकसभा में 70 वर्ष से अधिक आयु के भाजपा सांसदों की संख्या, जो 15वीं लोकसभा में 14.2% थी, अब घटकर 8.8% हो गई है. इसके अलावा 25 से 40 वर्ष की आयु के सांसदों की संख्या 5.8% से बढ़कर 7.8% हो गई है."
भले ही बीजेपी ने कभी भी इस 75 पार वाले नियम को लिखित में दर्ज नहीं किया, मगर अघोषित तरीके से पार्टी में यह बात 2014 से ही मौजूद थी. 2016 में इसी आधार पर गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजराती में लिखी एक फेसबुक पोस्ट में पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए क्योंकि वे नवंबर में 75 वर्ष की होने वाली थीं.

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "मैंने दो महीने पहले ही अपने पद से मुक्त किए जाने की मांग की थी...पद छोड़ना बेहतर है क्योंकि मैं नवंबर में 75 साल की हो जाऊंगी. नए नेतृत्व को वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन और 2017 में विधानसभा चुनावों पर ध्यान देना चाहिए."
2016 में भी आनंदीबेन पटेल के फैसले को पार्टी नेतृत्व के 75 साल से अधिक उम्र के नेताओं को रिटायर करने के अघोषित नियम से जोड़कर देखा जा रहा था. इससे पहले जुलाई, 2016 में नजमा हेपतुल्ला ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, जो तब 76 साल की थीं. इनके अलावा यशवंत सिन्हा, उत्तराखंड के पूर्व सीएम बीसी खंडूरी, जसवंत सिंह, अरुण शौरी, लालजी टंडन, कल्याण सिंह, केशरी नाथ त्रिपाठी समेत कई नेता उम्र की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर कर दिए गए.
2019 के लोकसभा चुनावों से पहले जब तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि क्या इस बार 75 वर्ष की उम्र से अधिक के लोगों को पार्टी टिकट देगी, तो उनका जवाब था कि अभी तक यही विचार है कि 75 से ऊपर के लोगों को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी.
भाजपा की नीतियों की सबसे कठोर व्याख्या के अनुसार भी 73 वर्षीय नरेंद्र मोदी अभी तो लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य हैं. लेकिन अगर प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के कई प्रमुख सदस्य (रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित) सत्ता में आए तो अपने कार्यकाल के दौरान 75 वर्ष के हो जाएंगे. इसी चीज को मुद्दा बनाते हुए जहां केजरीवाल ने पहला तीर चलाया तो दूसरे विपक्षी नेता भी इसमें शामिल हो गए.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "जून में केंद्र में एक नई सरकार सत्ता में आएगी. क्या बीजेपी एक व्यक्ति की वजह से अपवाद बनाएगी? वैसे भी, हमें सितंबर 2025 तक इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है, जून 2024 के बाद मोदी पीएम नहीं होंगे."
इसी तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उन्होंने (नरेंद मोदी) भाजपा में एक निर्वाचित प्रतिनिधि के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 75 वर्ष तय की है. इसी तरह उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ जबरदस्ती फैसले लिए हैं. अब जब नरेंद्र मोदी 74 साल पार करने जा रहे हैं, मैं नरेंद्र मोदी से यही सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या आप 75 साल की उम्र में रिटायर होने के लिए तैयार हैं?"
BJP और नरेंद्र मोदी ने खुद ही नियम बनाया था कि पार्टी में जो व्यक्ति 75 वर्ष का हो जाएगा, वह रिटायर हो जायेगा। वह चुनाव नहीं लड़ेगा।
— AAP (@AamAadmiParty) May 11, 2024
इसी नियम के तहत बीजेपी ने लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुमित्रा महाजन समेत कई बड़े नेताओं को किनारे लगा दिया। कई सांसदों के टिकट काट दिए।… pic.twitter.com/znSAm9oXM9
अमित शाह की तरफ से सफाई दिए जाने के बाद कि नरेंद्र मोदी ही तीसरे कार्यकाल में भाजपा के प्रधानमंत्री होंगे, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कह दिया, "अमित शाह सहित दूसरे भाजपा नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी ने जो भी नियम बनाया है, वह अन्य नेताओं पर लागू किया जाएगा, लेकिन मोदी पर नहीं."
पहले से ही उम्मीद की जा रही थी कि अगर अरविंद केजरीवाल जेल से निकलते हैं तो चुनाव प्रचार का वोल्टेज थोड़ा बढ़ेगा. इन्हीं उम्मीदों पर खरा उतरते हुए दिल्ली सीएम ने ऐसा तार छेड़ा है कि महंगाई, बेरोजगारी को छोड़ सब ये जानने में लगे हैं कि नरेंद्र मोदी 75 की उम्र में इस्तीफा देंगे कि नहीं.