
हाल ही में चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एक रिपोर्ट पेश की. इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में सबसे ज्यादा चुनावी चंदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी को 8,358 चुनावी चंदे से कुल 2243.94 करोड़ रुपये हासिल हुए.
दूसरे नंबर पर विपक्षी कांग्रेस रही, जिसे 1994 इलेक्टोरल डोनेशन से कुल 281.48 करोड़ रुपये की आय हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में बीजेपी को जितना चुनावी चंदा मिला, वो कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) और CPI(M) को मिले कुल चंदे से छह गुना ज्यादा था.
अप्रैल की 7 तारीख को पेश ADR की यह रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) के आंकड़ों पर आधारित है जिसे ADR ने कंपाइल किया है. इसमें वित्त वर्ष 2023-24 में देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को मिले 20 हजार रुपये से अधिक के चुनावी चंदे का विश्लेषण किया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पांच राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को, जिनमें बीजेपी और कांग्रेस भी शामिल हैं, उन्हें 2023-24 में 3755 कॉर्पोरेट घरानों से चुनावी चंदा मिला. इसके जरिए इन पार्टियों को कुल 2262.5 करोड़ रुपये की कमाई हुई. ADR के विश्लेषण के अनुसार, यह 2023-24 में इन दलों को मिले कुल चुनावी चंदे का करीब 89 फीसद है. रिपोर्ट में बताया गया है कि शेष राशि यानी 270.8 करोड़ रुपये निजी दानदाताओं के जरिए आई है.
देश में अभी कुल छह राष्ट्रीय पार्टियां हैं. इनमें बीजेपी और कांग्रेस के अलावा AAP, NPP, CPI (M) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) शामिल हैं. इनमें BSP ने घोषणा की है कि उसे 2023-24 के दौरान 20 हजार रुपये से अधिक का कोई चुनावी चंदा नहीं मिला.

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय दलों को अधिकतम दान (3,755) कॉर्पोरेट/बिजनेस सेक्टर से मिला, जिसकी राशि 2262.5 करोड़ (कुल दान का 88.9 फीसद) थी. इनमें सबसे ज्यादा कॉर्पोरेट डोनेशन बीजेपी को मिला. 2023-24 के दौरान कॉरपोरेट/बिजनेस सेक्टर से बीजेपी को 3,478 डोनेशन मिले, जिससे पार्टी को कुल 2064.58 करोड़ रुपये हासिल हुए. इसके अलावा 4,628 निजी दानदाताओं ने भगवा दल को चंदा दिया, जिससे पार्टी को 169.126 करोड़ रुपये मिले.
इस बीच, कांग्रेस को 2023-24 के दौरान कॉर्पोरेट/बिजनेस सेक्टर से कुल 190.3 करोड़ का चंदा मिला, और 1,882 निजी डोनरों के जरिए कुल 90.89 करोड़ रुपये हासिल हुए. रिपोर्ट के अनुसार, 2064.5 करोड़ रुपये के साथ बीजेपी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अन्य सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कॉर्पोरेट डोनेशन की कुल राशि से नौ गुना अधिक प्राप्त हुआ.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कंपनियों ने चुनावी चंदा दिया, उनमें से कम से कम पांच अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रही हैं. इन पांच में से चार ने बीजेपी को बड़ी रकम दान की है, जबकि हैदराबाद स्थित एक कंपनी ने कांग्रेस को चंदा दिया है.
नौ प्रमुख दलों - जिनमें बीजेपी, कांग्रेस, AAP, TDP, JD(U), TMC, DMK, YSRCP और BRS शामिल हैं - के टॉप 20 दानदाताओं के एनालिसिस से पता चलता है कि इन दलों को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट, ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट और जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट से सबसे अधिक 1,196 करोड़ रुपये का डोनेशन मिला. इन 9 दलों में से छह को इनसे पैसा हासिल हुआ. इलेक्टोरल ट्रस्ट असल में दानदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच पुल का काम करते हैं.
राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले टॉप-10 डोनर
ADR ने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को दान देने वाले जिन शीर्ष 10 डोनरों की सूची जारी की है, वे इस प्रकार हैं:
1. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट: इसने बीजेपी और कांग्रेस को मिलाकर कुल 880 करोड़ रुपये का दान दिया. जहां बीजेपी को इसने 723.6 करोड़ रुपये बतौर चुनावी चंदा दिया, जो पार्टी को मिले कुल फंड का 32.25 फीसद है, वहीं इसने कांग्रेस को कुल 156.4 करोड़ रुपये दान किए जो पार्टी को मिले कुल फंड का 55.56 फीसद हिस्सा है.
ECI की वेबसाइट पर मौजूद अक्टूबर 2024 की इलेक्टोरल ट्रस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को दिए जाने वाले योगदान में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड, आरपीएसजी वेंचर्स लिमिटेड, जीएमआर हॉस्पिटैलिटी एंड रिटेल लिमिटेड, टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं.
2. ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट: इसने बीजेपी को 127.50 करोड़ रुपये का दान दिया.
3. डेरिव इन्वेस्टमेंट्स: इसने बीजेपी को 50 करोड़ रुपये दिए, तो वहीं कांग्रेस को 3.2 करोड़ रुपये का दान दिया.
4. एक्मे सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड: इसने 51 करोड़ रुपये का दान दिया.
5. रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड: इसने 50 करोड़ रुपये का दान दिया.
6. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड: इसने 50 करोड़ रुपये का दान दिया.
7. आईटीसी इन्फोटेक इंडिया लिमिटेड: इसने 80 करोड़ रुपये का दान दिया.
8. दिनेश चंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड: इसने बीजेपी को 30 करोड़ रुपये का दान दिया.
9. दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड: इसने 29 करोड़ रुपये का दान दिया.
10. मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड: इसने 27 करोड़ रुपये का दान दिया.
ADR की रिपोर्ट बताती है कि इंफ्रा और निर्माण कंपनियां सबसे बड़ी दानदाता रही हैं. इनमें भी सबसे बड़ी इंफ्रा कंपनी अहमदाबाद स्थित दिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन था, जो गुजरात और उसके बाहर दर्जनों प्रमुख सरकारी परियोजनाओं में शामिल रही है. इसने अकेले बीजेपी को 30 करोड़ रुपये दिए, इसके बाद महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के स्वामित्व वाली मुंबई स्थित फर्म मैक्रोटेक डेवलपर्स ने 27 करोड़ रुपये दिए.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन 2016 से आयकर विभाग की जांच का सामना कर रहा है, जब अधिकारियों ने कंपनी के परिसर पर छापा मारा था. बाद में उसी मामले में 2021-22 में इसे टैक्स नोटिस दिया गया. अदालत में आयकर विभाग ने अपनी जांच में दलील दी थी कि "डीआरए समूह ने फर्जी सब-कॉन्ट्रेक्टरों के खर्चों की बुकिंग के जरिए बेहिसाब धन अर्जित किया है."
कंपनी ने 2023 में बीजेपी को चुनावी बॉन्ड के ज़रिए 15 करोड़ रुपये और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना को 3 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. कंपनी ने तब महायुति सरकार के तहत बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का 1,200 करोड़ रुपये का ठेका हासिल किया था.
केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में दिलीप बिल्डकॉन भी है, जो एक और इंफ्रा कंपनी है जिसने बीजेपी को चंदा दिया है. दिसंबर 2021 में, इस रियल एस्टेट फर्म के तीन सीनियर अधिकारियों को एक प्रोजेक्ट से संबंधित मंजूरी के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था.
इसके बाद एजेंसी ने कंपनी के परिसरों पर छापेमारी की. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI की FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. फरवरी 2023 में, ED ने मामले में इसकी 20 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क की. इंडियन एक्सप्रेस ने जवाब के लिए दोनों कंपनियों को ई-मेल किया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला.