scorecardresearch

पहला अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग या हनुमान जी? इसका जवाब क्यों है दोहरी चिंता की वजह?

BJP सांसद अनुराग ठाकुर ने 23 अगस्त को एक स्कूल में भाषण देते हुए कहा था कि हनुमान जी दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री थे

अनुराग ठाकुर. (Photo- Screengrab)
अनुराग ठाकुर. (Photo- Screengrab)
अपडेटेड 25 अगस्त , 2025

"अंतरिक्ष की यात्रा करने वाला पहला व्यक्ति कौन था?" भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 23 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के ऊना में स्थित एक स्कूल में बच्चों से यह सवाल किया. बच्चों ने एक स्वर में चिल्लाते हुए जवाब दिया, "नील आर्मस्ट्रांग!"

इसके बाद बच्चों के जवाब सुनने के बाद अनुराग ठाकुर ने कहा, "मुझे लगता है हनुमान जी अंतरिक्ष जाने वाले पहले व्यक्ति थे." हालांकि, बच्चों और अनुराग ठाकुर दोनों के जवाब गलत थे.

सोशल मीडिया पर अब अनुराग ठाकुर का बयान तेजी से वायरल हो रहा है. हैरान करने वाली बात तो ये है कि एक ओर जहां छात्रों को इस बुनियादी सवाल का जवाब नहीं पता था. वहीं दूसरी तरफ एक सांसद राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर पौराणिक कथाओं को इतिहास के रूप में पेश कर रहे थे. इस लिहाज से यह दोहरी चिंता की बात है.

दरअसल अंतरिक्ष में जाने वाले पहले इंसान सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन थे. वे 1961 में स्पेस गए थे. 1969 में अमेरिका के आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे.

अनुराग ठाकुर ने जो बयान दिया है, वे न सिर्फ गलत है बल्कि वैज्ञानिक सोच और तथ्य-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के भी खिलाफ है. संविधान का अनुच्छेद 51 ए (H) के मुताबिक, राज्य की जिम्मेदारी है कि वह वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे. शायद यही वजह है कि कानून बनाने वाले एक निर्वाचित सांसद का बयान अब बहस का मु्द्दा बन गया है.

हालांकि, संभव है कि अनुराग ठाकुर का इरादा युवा मन को उपनिवेशवाद से मुक्त करना और स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करना रहा होगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के औपनिवेशिक अवशेषों को खत्म करने और भारत के सनातन मूल्यों के गौरव बहाल करने की कोशिशों के अनुरूप है. लेकिन, उपनिवेशवाद से मुक्ति और अपनी संस्कृति पर गर्व का अर्थ विज्ञान और इतिहास के नाम पर पौराणिक कथाओं को प्रस्तुत करना नहीं है.

इस कार्यक्रम में 50 वर्षीय सांसद को यह कहते सुना गया, "हम आज भी खुद को वैसे ही देखते हैं जैसे हम अभी हैं. इसलिए मैं प्रधानाचार्य और आप सभी से अनुरोध करना चाहूंगा कि आप पाठ्यपुस्तकों से बाहर निकलकर अपने देश, अपनी परंपराओं और अपने ज्ञान पर गौर करें. अगर आप इस नजरिए से देखेंगे तो आपको बहुत सी नई चीजें देखने को मिलेंगी."

Advertisement
Advertisement