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कौन हैं अनिमेष कुजूर, जो बने देश के सबसे तेज धावक!

छत्तीसगढ़ के 22 वर्षीय आदिवासी युवा अनिमेष कुजूर ने 100 और 200 मीटर की दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है

अनिमेष कुजूर (Photo: PTI)
अनिमेष कुजूर (Photo: PTI)
अपडेटेड 18 जुलाई , 2025

उत्तरी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले का एक आदिवासी युवक, जो कभी आर्मी भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं के साथ दिनभर दौड़ लगाता था. अब उस युवक ने 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है.

5 जुलाई को तब इतिहास रचा गया, जब 22 वर्षीय अनिमेष कुजूर ने ग्रीस में आयोजित "ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट एंड रिले मीटिंग" एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 मीटर की दौड़ मात्र 10.18 सेकंड में पूरी कर ली. इस उपलब्धि के साथ अनिमेष ने गुरिंदरवीर सिंह के 10.20 सेकंड के पिछले भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया.

उत्तरी छत्तीसगढ़ के ओरांव आदिवासी समुदाय से आने वाले अनिमेष कुजूर ने 200 मीटर की दौड़ में भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. कुजूर ने मई में दक्षिण कोरिया के गुमी शहर में आयोजित “एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप” में 200 मीटर की दौड़ केवल 20.32 सेकंड में पूरी की थी.  

इतना ही नहीं, अनिमेष कुजूर उस टीम के भी हिस्सा हैं, जिसने 4x100 मीटर रिले में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. कुजूर के रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी बीच वे मोनाको में आयोजित “डायमंड लीग” में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय धावक बन गए हैं. हालांकि, 200 मीटर दौड़ में वे पोडियम फिनिश से मामूली अंतर से चूक गए.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिले जशपुर में जन्मे अनिमेष के पिता अमृत और मां रीना दोनों ही राज्य पुलिस सेवा में उपाधीक्षक (DSP) हैं.

भाला फेंक में चैंपियन बनने वाले नीरज चोपड़ा की तरह अनिमेष कुजूर का भी भारतीय सेना से एक विशेष जुड़ाव रहा है. बचपन में ही अनिमेष के माता-पिता ने उनका दाखिला अंबिकापुर के सैनिक स्कूल में करा दिया था.

इस स्कूल में पढ़ाई के दौरान अनिमेष ने दौड़ सहित अन्य खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया. स्कूल की ओर से उन्हें ट्रेनिंग मिली, जहां उनके खेल कौशल को निखारा गया. सैनिक स्कूल में अनिमेष ने क्रॉस-कंट्री दौड़ और एथलेटिक्स के अलावा फुटबॉल जैसे खेलों में विशेष रुचि दिखाई.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खेल अनिमेष को उनके परिवार से विरासत में मिला है. इसकी वजह यह है कि पुलिस सेवा ज्वॉइन करने से पहले उनके पिता अमृत हॉकी, फुटबॉल और एथलेटिक्स के अच्छे खिलाड़ी हुआ करते थे. इतना ही नहीं उनकी मां रीना भी बास्केटबॉल खिलाड़ी रही हैं.

कोरोना महामारी के दौरान अंबिकापुर में कुछ नौजवान सेना में भर्ती की तैयारी के लिए रोजना अभ्यास करते थे. इस समय अनिमेष भी इन युवकों के साथ दौड़ लगाते थे. हाल ही में उन्हें रिलायंस फाउंडेशन के “एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर” में भर्ती किया गया है, जहां वे ब्रिटिश कोच मार्टिन ओवेन्स के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

कोच मार्टिन ओवेन्स चाहते हैं कि अब कुजूर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर देश और दुनिया के सामने अपनी काबिलियत का प्रदर्शन करे. "ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट एंड रिले मीटिंग" एथलेटिक्स प्रतियोगिता के बाद कुजूर जर्मनी के राइन-रूहर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे.

इस प्रतियोगिता में वे कलिंगा विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में भाग ले रहे हैं. इसके बाद सितंबर में टोक्यो में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप उनके हिस्सा लेने की संभावना है.

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