मई की 8 तारीख को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का बयान आया है. इसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने इस मामले में किसी भी सीधे अमेरिकी दखल से इनकार करते हुए कहा है, “ दोनों देशों के बीच चल रहे इस संघर्ष में अमेरिका का कोई काम नहीं है.".
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में जे.डी. वेंस ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका कूटनीति के माध्यम से तनाव कम करने को प्रोत्साहित करेगा, लेकिन वह सैन्य रूप से इसमें शामिल नहीं होगा.
उपराष्ट्रपति ने कहा, "हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि इन लोगों से बात कर इन्हें तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. इसके अलावा हम ऐसे युद्ध में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, जिससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है."
इन दोनों देशों पर अमेरिकी प्रभाव की बात को स्वीकार करते हुए उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा, "अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता और न ही हम पाकिस्तानियों से हथियार डालने के लिए कह सकते हैं. इसलिए हम कूटनीतिक माध्यम से इस मामले का हल निकालने की कोशिश करते रहेंगे."
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष और ज्यादा बढ़ सकता है. इसके आगे उन्होंने कहा, "हमारी उम्मीद और अपेक्षा यही है कि भगवान न करे कि दोनों देशों के बीच की यह लड़ाई किसी बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाए. कहीं यह जंग इतनी ज्यादा व्यापक न हो जाए कि इससे परमाणु संघर्ष का खतरा मंडराने लगे. हालांकि, हमें नहीं लगता कि अभी ऐसा होने वाला है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर क्या कहा है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारत और पाकिस्तान संघर्ष पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने दोनों देशों की शत्रुता पर चिंता व्यक्त की और आवश्यकता पड़ने पर मध्यस्थता की पेशकश की.
ट्रंप ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, " यह बहुत भयानक है. अमेरिका की स्थिति यह है कि हम दोनों के साथ मिलकर काम करते हैं. मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और मैं उन्हें इस मामले को खुद से सुलझाते हुए देखना चाहता हूं. अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं, तो मैं वहां मौजूद रहूंगा."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष जल्दी ही समाप्त हो जाएगा. ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान विवाद पर आगे कहा, "यह शर्मनाक है. हमने इसके बारे में तब सुना जब हम अपने दफ्तर ओवल के लिए जा रहे थे. मुझे लगता है कि इन दोनों देशों के लोगों को उनके अतीत के आधार पर शायद पहले से पता था कि कुछ बड़ा होने वाला है. वे लंबे समय से लड़ रहे हैं. अगर आप वास्तव में इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं. मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए.”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी दोनों देशों के तनाव पर क्या कहा?
8 मई को दोनों देशों की ओर से हवाई हमला तेज होने पर अमेरिकी के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की. उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान को उसका दोहरा संदेश है. तनाव कम करें और बातचीत जारी रखें.”
दोनों देशों के नेता से अमेरिका विदेश मंत्री की हुई बातचीत की जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, "विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से बात की. दोनों बातचीत के दौरान विदेश मंत्री ने तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और हिंसा को समाप्त करने का आह्वान किया. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी समर्थन की बात भी कही है.”