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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की धमकी के बीच रूस दौरे पर क्यों गए NSA अजित डोभाल?

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल रूस के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए मॉस्को पहुंचे हैं

राष्ट्रपति पुतिन से मिलते अजित डोभाल (फाइल फोटो)
राष्ट्रपति पुतिन से मिलते अजित डोभाल (फाइल फोटो)
अपडेटेड 6 अगस्त , 2025

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल इन दिनों रूस की राजधानी मॉस्को में हैं. NSA का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूस से तेल नहीं खरीदने का दबाव बना रहा है.

डोभाल, भारत और रूस के बीच रक्षा और ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने के लिए मॉस्को पहुंचे हैं. हालांकि, यह उनका पहले से निर्धारित दौरा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूसी तेल खरीदना जारी रखने के लिए भारत की आलोचना की है. उन्होंने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी भी दी है.

सूत्रों के मुताबिक, डोभाल अपने इस यात्रा के दौरान दुनियाभर के भू-राजनीतिक परिस्थितियों (जियो-पॉलिटिकल सिचुएशन) और अमेरिका के साथ जारी तनाव पर भी चर्चा करेंगे. इसके अलावा, डोभाल रूसी तेल की भारत को आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी संबंधित अधिकारियों के साथ बात करेंगे.

इससे पहले 4 अगस्त 2025 को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी धमकी की आलोचना की. साथ ही भारत सरकार ने अमेरिका के इस व्यवहार को अनुचित बताया. मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने के लिए रूस से तेल खरीदने का समर्थन किया था.

मॉस्को में डोभाल S-400 मिसाइल प्रणालियों की संभावित खरीद पर बात कर सकते हैं. इसके अलावा रूसी हथियारों और साजो-सामान के भारत में रखरखाव संबंधी बुनियादी ढांचा स्थापित करने को लेकर भी डोभाल बात करेंगे.

इस दौरे में रूस के Su-57 समेत दूसरे लड़ाकू विमानों की खरीद पर भी बड़ी डील होने की संभावना है. डोभाल के इस यात्रा को भारत की स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने और राष्ट्रीय हितों पर आधारित साझेदारियां बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

डोभाल के ठीक बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी 27 और 28 अगस्त को रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं. उनकी यात्रा रक्षा, ऊर्जा और व्यापार चर्चाओं पर केंद्रित होगी.

जयशंकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वह तकनीकी और आर्थिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की सह-अध्यक्षता करने के लिए रूसी उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव से भी मिलेंगे.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस के साथ भारत के संबंध आपसी समझ पर आधारित है. इसलिए इसका मूल्यांकन या इसे प्रभावित करने की कोशिश अन्य देशों को नहीं करना चाहिए.

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