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एपीयू में लगी आग, रनवे पर फिसला प्लेन... एयर इंडिया के साथ ये क्या हो रहा है!

अभी तक अहमदाबाद हादसे से उबर नहीं पाई एयर इंडिया के विमानों में सुरक्षा चूकों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और इनके चलते उसकी साख पर बुरा असर पड़ रहा है

डीजीसीए ने पिछले छह महीनों में सुरक्षा उल्लंघन से जुड़े पांच मामलों में एयर इंडिया को नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए थे
अपडेटेड 25 जुलाई , 2025

एयर इंडिया इस समय वाकई एक मुश्किल दौर से गुजर रही है. फ्लाइट एआइ-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण एयरलाइन पहले ही संकट में घिरी है, और एक के बाद एक सुरक्षा चूक से जुड़ी घटनाएं सामने आने से उसकी साख लगातार खराब ही हो रही है.

22 जुलाई को एयर इंडिया के यात्री हांगकांग से आई फ्लाइट एआइ-315 से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतर ही रहे थे कि तभी विमान के टेल एरिया में सहायक पावर यूनिट (एपीयू) में आग लग गई. विमान को अगली उड़ान से रोक दिया गया और मामले की सूचना विमानन अधिकारियों को दी गई.

एयर इंडिया ने एक बयान में कहा, “विमान को थोड़ी क्षति पहुंची है. हालांकि यात्री और चालक दल के सदस्यों को सामान्य रूप से उतार लिया गया और सभी सुरक्षित हैं. विमान को आगे जांच तक रोक दिया गया और नियामक को सूचना दे दी गई है.”

ताजा घटनाओं ने सवालिया निशानों में घिरी देश के सबसे भरोसेमंद व्यावसायिक घरानों में एक टाटा के स्वामित्व वाली एयरलाइन की साख पर एक और काला धब्बा लगा दिया. शुरुआत 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली उड़ान एआइ-171 बोइंग-787 ड्रीमलाइनर के उड़ान भरते ही भयानक दुर्घटना से हुई जिसमें 260 लोगों की जान गई.

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में इंजन में समस्या और कॉकपिट में चालक दल के सदस्यों के बीच भ्रम की स्थिति का संकेत मिला. हालांकि, अभी तक इसका कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड और भारत के वायु दुर्घटना जांच ब्यूरो के जांचकर्ता यह पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर गड़बड़ी कहां हुई थी.

लेकिन अपनी छवि बदलने की कोशिश में जुटी एयरलाइन के लिए इससे ज़्यादा बुरा शायद कुछ हो भी नहीं सकता था. जैसा अनुमान था, पूरे मामले की गूंज संसद में भी सुनाई दी, जहां मानसून सत्र अभी शुरू ही हुआ है. राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने सांसदों को आश्वासन दिया कि जांच जारी है और इसमें पूरी पारदर्शिता अपनाई जाएगी.

नायडू ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सामने आई चिंताओं पर बात की, जिसमें कहा गया कि संभवत: फ्यूल कंट्रोल स्विच गलती से बंद हो गया था और इस कारण विमान के इंजनों की पॉवर सप्लाई बाधित हो गई. लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही कुछ देर स्थगित रही.

राज्यसभा में आगे भी चर्चा हुई क्योंकि सरकार ने विदेशी मीडिया रिपोर्ट में लगाई गई अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि दुर्घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की कोई योजना नहीं है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस पर तीखे सवालों का सामना करना पड़ा कि क्या इस मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के निर्देशों की अनदेखी की गई, खासकर हादसे से पहले एयर इंडिया को नौ सुरक्षा नोटिस जारी किए जाने को देखते हुए.

डीजीसीए ने पिछले छह महीनों में सुरक्षा उल्लंघन से जुड़े पांच मामलों में एयर इंडिया को नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. अभी तक, इनमें से केवल एक पर विचार किए जाने की सूचना है.

उड़ान संख्या एआइ-315 के एपीयू में आग लगने से एक ही दिन पहले एयर इंडिया का ए320- एयरबस का सिंगल-एसल नैरो-बॉडी विमान- भारी बारिश के बीच मुंबई में रनवे से फिसल गया था. विमान मुख्य रनवे से लगभग 16-17 मीटर दूर जाकर एक खाली जगह में घुस गया और फिर बगल के टैक्सीवे पर रुका. रुकने के बाद विमान घास पर फिसलने गया. इससे तीन टायर फट गए और इंजन का कवर क्षतिग्रस्त हो गया. कोई हताहत नहीं हुआ, यही गनीमत रही. विमान को निरीक्षण के लिए सेवाओं से हटा दिया गया.

डीजीसीए की तरफ से हाल ही में सभी एयरलाइंस को 21 जुलाई तक अपने बोइंग जेट विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच कराने का निर्देश दिए जाने के बाद एयर इंडिया ने बताया कि उसने एफसीएस के लॉकिंग उपकरण का स्वैच्छिक निरीक्षण किया और अपने बी-787 और बी-737 बेड़े की ‘सामान्य सुरक्षा समीक्षा’ भी की है, और लॉकिंग गियर में कोई समस्या नहीं पाई गई है.

फ्लाइट एआइ-171 मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद से ही फ्यूल स्विच पर खास ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि इसमें संकेत मिला है कि उड़ान भरते समय स्विच शायद गलती से बंद हो गया, जिसने हो सकता है कि ईंधन की आपूर्ति रोक दी हो. पायलट पॉवर सप्लाई बहाल करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

भारत के पायलट संघों की मांग है कि इस दुर्घटनाग्रस्त विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की पूरी ऑडियो रिकॉर्डिंग पारदर्शिता के हित में जारी की जाए ताकि फ्लाइट एआइ-171 के पायलटों पर जताए जा रहे संदेहों को दूर किया जा सके.

इस बीच, एपीयू में आग लगने और रनवे पर फिसलने जैसी घटनाओं के कारण एयर इंडिया की सुरक्षा चिंताएं और ज्यादा बढ़ गई हैं. इन्हें बस यूं ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. एक भयावह हादसे के बाद यात्रियों के उतरते समय विमान में आग लगना और रनवे पर एक विमान के फिसलने जैसी घटनाएं जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी हैं. जाहिर है, एयरलाइन को विमानों के नए बेड़े या किसी नए रंग-रोगन के बजाय सबसे पहले सुरक्षा, दक्षता और भरोसा बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.

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