जून की 12 तारीख को एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171 अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुई, जिसमें 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई.
इस हादसे के बाद यह समझने की कोशिश की जाने लगी कि आखिर विमान दुर्घटना की असल वजह क्या थी? हालांकि, इस बार यह जांच सिर्फ सरकारी एजेंसियां नहीं कर रही थीं, बल्कि अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म X, यूट्यूब और रेडिट पर भी 'जांच' समानांतर चल रही थी.
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर की जा रही इस नई तरह की जांच में कई विमानन विशेषज्ञ, इंजीनियर, और शैक्षणिक शोधकर्ता शामिल थे. इन्होंने विमान हादसे से जुड़ी हर सार्वजनिक जानकारी जैसे CCTV फुटेज, चश्मदीदों के वीडियो और रडार सिग्नल आदि के जरिए हादसे की संभावित वजहों की एक कहानी बनाई.
इस तरह अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हादसे को लेकर जो कुछ भी बताया जा रहा था, वह कुछ-कुछ ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस और फॉरेंसिक एनालिसिस जैसा था.
इसमें से कुछ बेहद वास्तविक लगता है, जबकि कुछ केवल अटकलें लगती हैं. सच्चाई तो सरकारी जांच समिति की रिपोर्ट से ही सामने आएगी, लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हो रही इस जांच ने हवाई दुर्घटनाओं पर चर्चा करने के हमारे तरीके को बदल दिया है.
अब इस तरह के हादसे के बाद ‘ब्लैक बॉक्स’ के मिलने और उसके जरिए हकीकत पता करने से पहले ही काफी कुछ लोगों के सामने होता है. मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में ड्रीमलाइनर विमान को टेक ऑफ के बाद तय ऊंचाई तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते हुए देखा गया था.
इसे देखकर ऐसा लगता है कि इसका लैंडिंग गियर वापस नहीं लगाया गया था और इस विमान के पंख अजीब तरीके से अकड़ गए थे. सिडनी में एयरोस्पेस शिक्षाविद डॉ. सोन्या ब्राउन के मुताबिक, एयर इंडिया विमान में उड़ान भरने के तुरंत बाद ही पावर ऑफ हो गया था. इससे विमान के इंजन को उड़ान भरने के लिए पर्याप्त ताकत नहीं मिल रही थी. यह शायद इंजन में आई खराबी की वजह से हो सकता है.
जिस तरह विमान टेकऑफ के बाद कुछ समय हवा में रहा और फिर नीचे की ओर गिरने लगा, उसे देखकर डॉ. सोन्या ब्राउन का दावा वास्तविकता के काफी करीब लगता है. कुछ एक्सपर्ट विमान के थ्रस्ट और इंजन की खराबी के बजाय हादसे से पहले एयरक्राफ्ट के कॉन्फिगरेशन (विमान की संरचना) की ओर ध्यान दिलाते हैं.
अमेरिकन एयरलाइंस के पायलट रहे कैप्टन स्टीव शीबनर ने एक वीडियो को ध्यान से देखने के बाद हादसे से पहले विमान के पंखों की असामान्य हलचल पर ध्यान दिलाया. शीबनर का कहना है कि शायद को-पायलट ने अचानक दबाव में आकर इस महत्वपूर्ण क्षण में विमान के फ्लैप्स उठाने और लैंडिंग गियर को बाहर निकालने के बजाय इस प्रोसेस को गलती से उलटा कर दिया.
शीबनर के मुताबिक संभव है कि को-पायलट की इस भूल से विमान की लिफ्ट खत्म हो गई. यह भले ही एक साधारण गलती हो, लेकिन इस क्षण यह गलती घातक साबित हुई.
पायलट पैट्रिक स्मिथ ने इस हादसे की संभावित वजह को लेकर कहा, “रैम एयर टरबाइन (RAT) इस हादसे से जुड़ा एक अहम सुराग हो सकता है. RAT तब निकलता है जब विमान की सारी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक पावर खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति तो तब आती है, जब विमान के दोनों इंजन पूरी तरह बंद हो जाते हैं. क्रैश के वीडियो में RAT घूमता हुआ दिखाई देता है.”
इसके अलावा उन्होंने दूषित ईंधन से लेकर ड्रीमलाइनर के डिजिटल इंजन कंट्रोल सिस्टम की खामियों जैसे कई विषयों पर भी बात की. शीबनर ने भी "पायलट की गलती" वाली बात को सुधारते हुए पैट्रिक स्मिथ की बात से सहमति जताई.
हालांकि, बकिंघमशायर न्यू यूनिवर्सिटी से जुड़े विमान एक्सपर्ट मार्को चान ने विमान के ‘फ्लैप्स’ के वापस लेने को हादसे का कारण मानने से इनकार कर दिया.
इस तरह एक ओर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ओपन-सोर्स थ्योरी के जरिए कुछ एक्सपर्ट हादसे की संभावित वजहों को जानने और बताने की कोशिश कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसके समानांतर हादसे को लेकर अलग-अलग थ्योरी बता रहे थे. इन थ्योरी में विशेषज्ञता न के बराबर थी. इनमें ज्यादातर थ्योरी शक के आधार पर बुनी गई थी, और भ्रामक थीं.
यूट्यूब चैनलों और रेडिट के कमेंट सेक्शन में कुछ लोग हादसे की वजह विमान के पार्ट्स से छेड़छाड़ को बता रहे थे. वहीं, कुछ लोग रिमोट तरीके से इलेक्ट्रॉनिक छेड़छाड़ की थ्योरी को भी हादसे की वजह बता रहे थे.
कुछ यूजर्स का कहना था कि यह हादसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाई-प्रोफाइल G7 दौरे से ठीक पहले हुआ था. ऐसे में हादसे के समय को लेकर भी अलग-अलग थ्योरी बताई जा रही थी.
कई पोस्ट में एयर इंडिया की उड़ानों को कुछ समय पहले मिली धमकियों का जिक्र था. गुजरात की राजनीति से परिचित कुछ लोगों ने आंतरिक तोड़फोड़ की आशंका जताई.
रातोंरात कुछ तथाकथित विमानन विशेषज्ञ उभर आए, लेकिन ‘फ्लाइंग बीस्ट’ यूट्यूब चैनल के पूर्व पायलट गौरव तनेजा ने दोनों इंजनों के फेल होने की थ्योरी का समर्थन किया.
उन्होंने नई सिमुलेशन और मेडे कॉल में कही गई बातों "कोई थ्रस्ट नहीं, पावर खो रही है, उठ नहीं पा रहे" का विश्लेषण किया. दरअसल, ये मैसेज पायलटों ने हादसे से ठीक पहले ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को भेजा था.
कुछ लोग बर्ड स्ट्राइक (पक्षी से टकराने) की थ्योरी पर भी बात कर रहे थे, लेकिन रनवे के CCTV फुटेज में टेकऑफ के दौरान इंजन के आसपास कोई पक्षी नहीं दिखा. जब यह बात पता चली कि एयर इंडिया ने अपने ड्रीमलाइनर के रखरखाव के लिए कुछ कर्मचारियों को आउटसोर्स से हायर किया था, तो आलोचकों ने हादसे की असल वजह निगरानी की कमी को बताया.
दूसरी ओर, बोइंग के पूर्व शीर्ष प्रबंधक एड पियर्सन ने बयान दिया कि बोइंग की 787 में पहले भी कई शिकायतें मिलती रही हैं.
इन सबके बीच, टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस हादसे के बाद लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, "लोगों में मानवीय गलती, एयरलाइन, इंजन, और रखरखाव को लेकर कई तरह की अटकलें हैं. लेकिन मैं अभी इतना कह सकता हूं कि इस विमान, AI-171, का इतिहास अच्छा रहा है. इसका एक इंजन मार्च 2025 में ही नया लगाया गया था. दूसरा इंजन 2023 में आखिरी बार सर्विस किया गया था और दिसंबर 2025 में इसकी नियमित सर्विस होनी थी. दोनों इंजनों में कोई टेक्निकल समस्या नहीं थी.
टाटा ग्रुप की मालिकाना हक वाली एयर इंडिया ने भी बड़े पैमाने पर ईमेल भेजकर अपनी बात रखी. एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने ईमेल में लिखा, "विमान का रखरखाव अच्छा था. जून 2023 में विमान की अच्छी तरह से सर्विसिंग हुई थी और अगली सर्विसिंग दिसंबर 2025 में होनी थी. विमान और दोनों इंजनों की नियमित निगरानी होती थी और उड़ान से पहले कोई समस्या नहीं थी."
अब आज के समय में इस तरह के विमान हादसे के बाद यह अहम सवाल नहीं होता है कि हादसा कैसे हुआ? दरअसल, असल में ओपन-सोर्स विश्लेषण की सटीकता ने इस हादसे को एक टर्निंग पॉइंट बना दिया है.
पहले, विशेषज्ञों को डेटा के लिए हफ्तों इंतजार करना पड़ता था. अब, हाई-डेफिनिशन कैमरों और रडार-ट्रैकिंग जैसी तकनीकों के कारण वैश्विक विमानन क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट ने कुछ ही घंटों में सच्चाई का अनुमान लगाना शुरू कर दिया.
इस विमान हादसे को लेकर एक मुख्य थ्योरी यह है कि थ्रस्ट की भयानक कमी या विंग फ्लैप्स का जल्दी वापस लेना विमान के गिरने का कारण बना. अगर यह सही है तो संभव है कि ऐसा कॉकपिट में बैठे पालयटों में भ्रम, सॉफ्टवेयर बग, मैकेनिकल खराबी या रखरखाव में चूक के कारण हुआ होगा. इसकी सच्चाई केवल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से पता चलेगा.
जब तक सरकारी जांच पूरी होकर फ्लाइट AI171 के हादसे से जुड़ी आखिरी रिपोर्ट नहीं आ जाए तब तक यह एक त्रासदी है और साथ ही ऐतिहासिक विमानन घटना भी.