भारत ने 10 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अफगानिस्तान के अंदर किए गए हवाई हमलों को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की. भारत ने कहा कि पाकिस्तान सेना के इन हमलों में महिलाएं, बच्चे और यहां तक कि स्थानीय क्रिकेटर भी मारे गए थे. ऐसे में ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं.
UN में भारत का ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच इस सप्ताह की शुरुआत में नए सिरे से झड़प शुरू हो गईं हैं. हालांकि, पिछले महीने दोनों पक्षों ने अस्थिर सीमा पर लड़ाई को रोकने के लिए युद्धविराम पर सहमति जताई थी. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर युद्धविराम समझौता तोड़ने का आरोप लगाया है.
भारत ने तालिबान सरकार को लेकर UN में क्या कहा है?
भारत ने UN में अफगानिस्तान को चलाने वाली तालिबान सरकार के साथ व्यावहारिक संबंध बनाने की बात की है. भारत ने कहा है कि अगर दुनिया के देश तालिबान के खिलाफ केवल दंड देने वाला हथकंडा अपनाएगा, तो अफगानिस्तान में कुछ नहीं बदलेगा. दरअसल, बुधवार, 10 दिसंबर को अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद की बैठक हो रही थी, जिसमें भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने अपनी बात रखी है.
अफगानिस्तान-पाकिस्तान के संबंधों पर भारत ने क्या कहा है?
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे घेरा है. पार्वथानेनी हरीश ने पड़ोसी देश के जरिए अफगानिस्तान के साथ व्यापार और बॉर्डर को पूरी तरह बंद करने की भी आलोचना की है और उसे आतंकवाद का नाम दिया है.
पार्वथनेने हरीश ने कहा, "हम ट्रेड और ट्रांजिट आतंकवाद' की प्रथा पर भी गंभीर चिंता के साथ ध्यान देते हैं, जो अफगानिस्तान के लोगों को भूमि से घिरे देश तक पहुंच बंद करने के कारण झेलनी पड़ रही है. वहां के लोग कई सालों से खराब हालात का सामना कर रहे हैं. ये काम विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मानदंडों का उल्लंघन हैं. अफगानिस्तान के खिलाफ युद्ध की ऐसी खुली धमकियां और कार्रवाई UN चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है."
पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर ताजा अपडेट क्या है?
5 दिसंबर को एक बार फिर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के बीच सीमा पर गोलीबारी हुई. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. दोनों पक्षों ने कतर की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम के उल्लंघन के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक, यह झड़प पाकिस्तान के चमन और तोरखम क्रॉसिंग के जरिए अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की राहत सामग्री पहुंचाने पर सहमति जताने के एक दिन बाद हुई है.
अक्तूबर 2025 में काबुल में हुए विस्फोटों के बाद हुई झड़पों के बाद से पाक अफगान सीमा पर तनाव बढ़ गया है, जिसमें कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. तालिबान ने इन विस्फोटों के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया था. हालांकि कतर की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम से हिंसा में कमी आई है लेकिन इस्तांबुल में आगे की बातचीत विफल रही.
2 महीने पहले भी भारत UN में उठा चुका है पाकिस्तान का मुद्दा
इससे पहले अक्तूबर 2025 में भारत ने UN में पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला था. तब पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद भारत ने UNSC में कश्मीर को लेकर झूठे प्रचार करने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी. डिबेट के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा था कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो अपने ही लोगों पर बम गिराता है और नरसंहार करता है.
हरीश ने तब बलूचिस्तान में कराए गए पाकिस्तान सरकार के हमले का जिक्र करते हुए कहा था कि जो अपने लोगों पर बम गिराए और 4 लाख महिलाओं के साथ रेप जैसा अमानवीय अपराध करे, उसे दूसरों को सिखाने का कोई अधिकार नहीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का ध्यान भटकाने और गुमराह करने के लिए झूठ और बढ़ा-चढ़ाकर बातें करता है.

