महाराष्ट्र में 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद रखने की मांग जोर पकड़ रहा है. अलग-अलग मौकों पर देश के कई शहरों में मांस बेचने की मांग की जाती रही है.
ऐसे में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (PFI) ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर ड्राई-डे कैलेंडर की तरह ही राष्ट्रीय स्तर पर मांस बिक्री कैलेंडर बनाने की मांग की है. इससे साफ हो जाएगा कि किस दिन मांस बेचना है और किस दिन नहीं बेचना है.
फेडरेशन ने कहा कि इस तरह के उपाय से धार्मिक त्योहारों के दौरान मांस बिक्री को लेकर होने वाले विवाद सुलझ जाएंगे. इसका एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि पोल्ट्री फेडरेशन को होने वाले वित्तीय नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को यह पत्र महाराष्ट्र में 15 अगस्त के दिन मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बीच लिखा गया है. दरअसल, महाराष्ट्र के कई नगर निकायों ने स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया.
परंपरागत रूप से राम नवमी, महाशिवरात्रि, गांधी जयंती और वाल्मिकी जयंती जैसे त्योहारों पर कई शहरों में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. अपने पत्र में पोलेट्री फेडरनेशन ने बताया कि अक्सर आखिरी समय में इस तरह से बैन लगाने की मांग से इस इंडस्ट्री से जुड़े व्यवसायियों के लिए अपने बिजनेस को चलाने और उसके मैनेजमेंट में मुश्किलों का सामना करना होता है.
उन्होंने मांस-मछली बेचने के पेशे से जुड़े लाखों लोगों के सामने आने वाली मुश्किलों को उजागर किया है. इनमें दिहाड़ी मजदूरों से लेकर इस व्यवसाय से जुड़े मालिक तक शामिल हैं. इस तरह से बैन लगाने से इनकी आजीविका सीधे प्रभावित होती है.
पोल्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष रणपाल ढांडा ने मांग की कि मांस की दुकानों को बंद करने की सूचना कम से कम तीन महीने पहले दी जाए और मांस-मछली के पेशे से जुड़े क्षेत्रों में सार्वजनिक नोटिस जारी किए जाएं.
पत्र में लिखा गया है कि सरकार इस तरह के मामले में किसी भी फैसले लेने के लिए अगर समिति बनाती है, तो उसमें पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक प्रतिनिधि को भी शामिल करना चाहिए. पत्र में सुझाव दिया गया है कि सावन के महीने में बिक्री पर प्रतिबंध केवल मंदिरों के आसपास ही लगाया जाए.
बता दें कि महाराष्ट्र में कम से कम पांच नगर निकायों ने 15 अगस्त को मांस की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है. विपक्षी दलों समेत सरकार में शामिल अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
हालांकि, भाजपा ने 1988 के राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए इसका बचाव किया है, जिसमें नगर निकायों को ऐसे प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है.
नागपुर, नासिक, मालेगांव, छत्रपति संभाजीनगर और कल्याण-डोंबिवली नगर निगमों ने भी इसी तरह के निर्देश जारी किए हैं. छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने घोषणा की है कि आगामी त्योहारों के मद्देनजर शहर की सीमा के भीतर स्थित बूचड़खाने, मांस की दुकानें और मांस बेचने वाली दुकानें दो दिन 15 अगस्त और 20 अगस्त को बंद रहेंगी.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को लोगों के खान-पान के विकल्पों को नियंत्रित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद करने को लेकर उठे विवाद को एक अनावश्यक विवाद बताया. भाजपा ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने की नीति पहली बार 1988 में लागू की गई थी, जब NCP(सपा) अध्यक्ष शरद पवार मुख्यमंत्री थे. इस तरह मांस बेचने पर लगाए जाने वाले बैन का जिम्मेदार BJP ने शरद पवार को बताने की कोशिश की. उन्होंने सवाल किया कि क्या विपक्षी दल के नेता भी इस वरिष्ठ नेता को इसके लिए जवाबदेह ठहराऐंगे?
हालांकि, सत्तारूढ़ सहयोगी अजित पवार ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए इस प्रतिबंध को "लागू करना गलत" बताया है. उन्होंने कहा, "बड़े शहरों में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं. अगर यह भावनात्मक मुद्दा है, तो लोग पर्व-त्योहार के मौकों पर इस तरह के प्रतिबंध को एक दिन के लिए स्वीकार कर लेते हैं. लेकिन, अगर आप महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ऐसे आदेश लागू करते हैं, तो यह मुश्किल हो जाता है."
इस कदम का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया. शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, “केडीएमसी कमिश्नर को निलंबित कर देना चाहिए क्योंकि शाकाहारी या मांसाहारी भोजन पर फैसला करना उनका काम नहीं है. स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाना है और क्या नहीं, यह हमारा फैसला है. हम मांसाहारी भोजन तो जरूर खाएंगे. कमिश्नर को सड़कों पर गड्ढों की समस्या का समाधान करना चाहिए.”
NCP (शरद) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि वह KDMC के लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में मांसाहारी भोजन का सेवन करेंगे. महाराष्ट्र के अलावा, हैदराबाद ने भी स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस बीच, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में पशु वध और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.