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लंगड़ा त्यागी, इरफ़ान और विशाल भारद्धाज

2013 में यानि हैदर बनने से पहले लंगड़ा त्यागी एपिसोड और विशाल से तनातनी के बारे में पूछने पर इरफ़ान के शब्द थे, ''शिकवा तो मेरा तब भी नहीं था. शुरू-शुरू में ऐसी मेरी इच्छा थी कि मैं वो किरदार करूँ. लेकिन (बाद में) जब मैंने फिल्म देखी तो लगा की सैफ वाज़ अ राइट चॉइस. उसने अच्छा किया, बहुत अच्छा किया. अगर रोल अच्छा नहीं किया होता तो शायद ग्रज (शिकवा) रहता.''

फोटो साभार-इंडिया टुडे
फोटो साभार-इंडिया टुडे
अपडेटेड 11 मई , 2020

विशाल भारद्धाज ने भी आखिरकार इरफ़ान को याद कर ही लिया, थोड़ा अलग अंदाज़ में. यह अपेक्षित भी था. इरफ़ान ने उनकी तीन फिल्मो में काम किया था: मक़बूल (2003), 7 खून माफ़ (2011) और हैदर (2014). याद भी उन्होंने स्क्रिप्ट के फॉर्मेट में किया है, कब्रिस्तान पहुँचने, वहाँ इरफ़ान को कन्धा देने और उन पर मिटटी डाले जाने के बीच-बीच में 'कट-टू' के अंदाज़ में उन्होंने फ़्लैश बैक में उनके साथ बिठाये दिनों का मोंटाज बनाया है. ज़ाहिर है, रिश्ता लम्बा था.

पर यह रिश्ता आसान कभी नहीं रहा. एक इशारा विशाल ने भी किया है कि इरफ़ान ने उनके प्रोडक्शन की फिल्म इश्किया (2010) में काम न करने पर उनकी नाराजगी को लेकर कहा कि 'कितने दिन नाराज रहिएगा?' लेकिन विशाल ने इस पूरे अफ़साने में लंगड़ा त्यागी के एपिसोड का ज़िक्र नहीं किया. गौरतलब है कि शेक्सपियर के नाटक ओथेलो पर आधारित फिल्म ओमकारा (2006) में खल चरित्र इयागो के किरदार को विशाल ने लंगड़ा त्यागी की शक्ल में ढाला था. इसे अभिनेता सैफ अली खान ने यादगार बना दिया.

मुमकिन है, सैफ के इसे मना करने पर वह पेशकश इरफ़ान के पास आती. इरफ़ान पहले भी विशाल की पहली पसंद नहीं रहे थे. मैकबेथ पर आधारित उनकी मकबूल के मुख्य किरदार को निभाने से कई एक्टर्स ने मना कर दिया था क्योंकि नायक अंत में मर जाता है. 2011 में आयी रस्किन बांड की एक कहानी पर आधारित विशाल की 7 खून माफ़ का तो खुद विशाल ही जिक्र कर रहे हैं कि प्रियंका चोपड़ा के किरदार के एक शौहर का रोल करने को कोई तैयार नहीं हो रहा. इस पर इरफ़ान का कहना था कि 'मुझे छोड़कर'. उन्होंने उसे किया.

लेकिन लंगड़ा त्यागी को जीने की कसक रह गयी. इसे लेकर इरफ़ान काफी पैशनेट थे. सालों तक दोनों में खासी तनातनी रही. 2009 में एक इंटरव्यू के दौरान विशाल का नाम लेने पर इरफ़ान भड़क गए थे.

जाहिर है, वक़्त के साथ दोनों में दूरियां मिटीं और 2014 में शेक्सपियर के नाटकों की trilogy के रूप में हैमलेट पर आधारित उनकी हैदर फिल्म में इरफ़ान फिर आये. विशाल की स्क्रिप्ट में तो दीपिका पादुकोण के साथ इरफ़ान की एक और फिल्म की शूटिंग के बाकायदा मेकअप की फोटो है. हालाँकि आगे उस फिल्म के स्टेटस का कोई जिक्र नहीं है.

2013 में यानि हैदर बनने से पहले लंगड़ा त्यागी एपिसोड और विशाल से तनातनी के बारे में पूछने पर इरफ़ान के शब्द थे, ''शिकवा तो मेरा तब भी नहीं था. शुरू-शुरू में ऐसी मेरी इच्छा थी कि मैं वो किरदार करूँ. लेकिन (बाद में) जब मैंने फिल्म देखी तो लगा की सैफ वाज़ अ राइट चॉइस. उसने अच्छा किया, बहुत अच्छा किया. अगर रोल अच्छा नहीं किया होता तो शायद ग्रज (शिकवा) रहता.''

विशाल के साथ जो अनुभव हुवा, उस पर आगे उनका कहना था कि ''हम जिस लाइन में हैं, उसमे इस तरह सिचुऎशन्स बार-बार बार-बार आती हैं. और हम उनसे डील करना सीख लेते हैं. उसके रास्ते निकाल लेते हैं. शिकवे शिकायतें लम्बी रहेंगी तो इस लाइन में रहना मुश्किल हो जायेगा.''

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