छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने की मांग शुरू कर दी है. जगह-जगह पर्चे बांटे जा रहे हैं और बैनर लगाए जा रहे हैं. इन बैनर और पर्चों में विधानसभा चुनाव 2018 को फर्जी बताया जा रहा है. इनमें राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर निशाना लगाने के साथ ही आरएसएस को भी मुर्दाबाद कहा गया है.

राजनीतिक दलों के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का भी प्रयोग किया गया है. इतना ही नहीं नक्सलवाद के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों को गरीबों और आदिवासियों के खिलाफ भी बताया है.
सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशनों के दौरान हुई मुठभेड़ों के बारे में विस्तार से लिखे गए कुछ पर्चे भी बांटे गए हैं.
इसमें इन मुठभेड़ों को नरसंहार का नाम दिया गया है. रमनसिंह सरकार को गरीब और आदिवासी विरोधी बताते हुए बस्तर के संसाधनों को कार्पोरेट जगत को बेचने का आरोप लगाया है.

मुठभेड़ में मारे गए सभी नक्सलियों को शहीद कहकर संबोधित किया गया है. सूत्रों की मानें तो चुनाव के ठीक पहले किसी बड़ी नक्सली घटना की योजना भी बनाई जा रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ प्रशासन पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आश्वास्त है.
चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, नक्सलियों के हमले और सरकार द्वारा इनके खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन की संख्या भी बढ़ रही है.
***

