यह तय कर पाना बेहद मुश्किल है कि किस मुखौटे के पीछे कौन सा चेहरा है. सहज दिख रहे किस चेहरे के पीछे एक दरिंदे का चेहरा छिपा है. लेकिन हाव-भाव की पड़ताल कर हम कुछ हद तक अपने बच्चों को इन दरिंदों से बचाने में कामयाब हो सकते हैं.
1. ऐसे लोगों से सचेत रहें जो गुस्से से फट पड़ते हैं, बिना किसी उकसावे के मौखिक या शारीरिक हिंसा का प्रदर्शन करते हैं.
2. ऐसे वयस्क पुरुषों से सावधान रहें जो बच्चों का बहुत ध्यान रखते हों, उन्हें उपहार, पार्टी देते हों या ऐसी जगहों पर घुमाने ले जाते हों जहां बच्चों को आनंद आता हो या उन्हें खास सुविधाएं देते हों.
3. रिश्तेदारों, परिचितों, पड़ोसियों, शिक्षकों और कोच आदि के द्वारा बच्चों को छूने वाले मौकों-गले मिलने और थपथपाने, कुश्ती लडऩे, गुदगुदी करने, अंधेरे में लुकाछुपी खेलने, बच्चों का गीला शरीर तौलिये से पोछने, मसाज करने, शारीरिक खेल खेलने, लिपटने आदि पर नजर रखें. यदि आपको किसी के अपने बच्चे के साथ अतिरिक्त समय देने में कुछ अटपटा लग रहा हो तो अपने विवेक का इस्तेमाल करें.
4. बच्चों से छेड़छाड़ करने वाले अक्सर बच्चों को तस्वीर उतारने और उनके खेल वगैरह में दिलचस्पी लेते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहें जो दूसरों केबच्चे की तस्वीर उतारने में मशगूल रहते हैं.
5. ध्यान रखें, अगर कोई बच्चे को अकेले ले जाने पर जोर दे रहा हो या उसे दूसरों से अलग ले जाने की बात कर रहा हो या खेल के लिए या कुछ खोजने के लिए बच्चे को अलग ले जा रहा हो.
6. बच्चों को अकेले में पाने के लिए ऑनलाइन सेवाओं केजरिए वे खतरनाक स्थितियों में ले जाते हैं. वे शुरुआत में सहज बातचीत करते हैं लेकिन धीरे-धीरे यौन हरकतों पर उतर आते हैं
7. यह सबसे आम तरकीब होती है कि बच्चे के परिवार के साथ कोई हादसा या आपात स्थिति पैदा हो गई है. या ऐसे ही किसी बहाने से वह बच्चे को उठा लेता है.
8. ध्यान रखें कि कहीं आपका बच्चा शारीरिक स्पर्श से घबरा तो नहीं रहा, रात में उसे बुरे सपने तो नहीं आ रहे या वह नींद में उठकर बैठ तो नहीं रहा, अचानक मौन तो नहीं रहने लगा है.
***