scorecardresearch

आइआइटी के सौजन्य से अब मिलेगा शाकाहारी अंडा और चिकन

नई सोच और अविष्कारों को बढ़ावा देकर आइआइटी दिल्ली देश में उद्योग को बढ़ावा देकर न केवल रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है बल्कि पर्यावरण बदलाव, प्रदूषण, पानी की कमी, वेस्ट मैनेजमेंट जैसी देश की कई समस्याओं के समाधान भी सुझा रहा है.

आइआइटी दिल्ली में शाकाहारी अंडा भुर्जी की प्रदर्शनी
आइआइटी दिल्ली में शाकाहारी अंडा भुर्जी की प्रदर्शनी
अपडेटेड 19 सितंबर , 2019

दुनिया भर में ‘‘बींग विगन’’ ‘‘यानी शाकाहारी’’ आंदोलन बढ़ रहा है. मांसाहार के शौकीन लोग भी शाकाहार की तरफ रुख कर रहे हैं. ऐसे में अगर शाकाहारी अंडे से बनी भुर्जी मिल जाए तो फिर शाकाहारी बनने के लिए बेताब मांसाहारी लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प होगा. इतना ही नहीं चिकन, मछली, सुअर के मांस (पोर्क) से बनीं अलग-अलग डिशेज के स्वाद और गुण दोनों शाकाहारी उत्पाद में ही मिल जाएं तो कम से कम शाकाहारियों के पास मांसाहार के स्वाद को चखने और मांसाहारियों के पास शाकाहार को चुनने का विकल्प मौजूद हो जाएगा. क्या ऐसा संभव है? आइआइटी दिल्ली में 18 सितंबर को लगी एक प्रदर्शनी ने लोगों को यूं ही चौंकाया. फोर पर्स्यूट कंपनी बिजनेस मैनेजर कार्तिकेय बताते हैं, ‘‘ पर्यावरण जिस तरह से बर्बाद हो रहा है, उसमें बीफ या बफ की अहम भूमिका है. दुनियाभर में वीगन यानी शाकाहारी होने को लेकर कई आंदोलन चल रहे हैं. ऐसे में अगर मांसाहार का विकल्प पेश किया जाए तो यह पर्यावरण को बचाने की मुहिम में शामिल होने जैसा होगा.’’ वे कहते हैं फोर पर्स्यूट कंपनी लगातार इस तरह की खोज में लगी है. हमने अभी शाकाहारी अंडा भुर्जी बनाई है...लेकिन एक साल के भीतर हम कई और मांसाहार के उत्पादों का विकल्प पेश करने की तैयारी कर चुके हैं.

शाकाहारी अंडा भुर्जी की प्रदर्शनी से नजर हटाते ही सामने दिखता है ड्रोन. इसे बनाया बोटलैब्स डायनेमिक्स कंपनी ने. इस कंपनी का दावा है कि इस ड्रोन के सॉफ्टवेयर पूरी तरह से भारतीय हैं. हालांकि अभी इस ड्रोन के पार्ट्स बाहर से ही आयात किए जाते हैं. खास बात यह है कि इसमें लगी स्वार्म टेक्नोलोजी (एक ड्रोन से दूसरे ड्रोन से संपर्क करने की तकनीक) और कंप्यूटर विजन (यानी आब्जेक्ट डिटेक्टर, मसलन अगर बाढ़ पीड़ित इलाके में कोई ड्रोन ऊपर उड़ रहा है तो किसी डूबते व्यक्ति को देखकर वह इसकी जानकारी मास्टर ड्रोन को भेज सकता है.) ड्रोन की प्रदर्शनी से नजर उठाएंगे तो विकलांगों की सहायता के लिए फ्लक्समों क्रेज की प्रदर्शनी दिख जाएगी. इसके सामने चावल के भूसे बने कप और प्लेट की प्रदर्शनी दिख जाएगी.

आइआइटी दिल्ली ने 21 सितंबर को आयोजित होने वाले उद्योग दिवस के बारे में जानकारी देने के लिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान आइआइटी दिल्ली और उनकी मदद से किए गए स्टार्टअप और अविष्कारों के बारे में बताने के लिए प्रदर्शनी भी आयोजित की गईं. इस मौके पर संस्थान के लिए उद्योग दिवस के बारे में बोलते हुए आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने कहा, ‘‘ एक आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए, हमें एक राष्ट्र के रूप में अपनी चुनौतियों पर काम करना चाहिए और अपनी ताकत का निर्माण करना चाहिए. आइआइटी दिल्ली का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कई औद्योगिक भागीदारी के साथ इस राष्ट्रीय दृष्टिकोण के लिए काम कर रहा है.’’ 21 सितंबर को आइआइटी दिल्ल में कई आयोजित होने वाले उद्योग दिवस में नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया समेत कई और पूर्व आइआइटीयंस मौजूद रहेंगे.

***

Advertisement
Advertisement