प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन लोगों की पहचान करने की है जो पिछले दिनों उन स्थानों से आए हैं जहां कोरोना का प्रकोप अपेक्षाकृत अधिक है. स्वास्थ्य विभाग के एक बड़े अधिकारी बताते हैं “होली के बाद बड़ी संख्या में लोग सउदी अरब से यूपी में आए हैं. शुरुआती जांच में इनमें कोई लक्षण तो नहीं दिखे थे लेकिन समय बीतने के साथ अब ये कोरोना मरीज के रूप में चिन्हित हुए हैं.
खास बात यह है कि ये मरीज शहरों के नहीं बल्कि दूरदराज के कस्बों से हैं और कोरोना के लक्षण प्रकट होने से पहले ये कई लोगो के संपर्क में आ चुके हैं.” अब ऐसे लोगों की पहचान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यलय ने सीधे प्रधानों को फोन करके उनसे जानकारी लेनी शुरू की है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में चल रहे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की मदद ली जा रही है. अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी बताते हैँ कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 से 10 हजार प्रधानों को फोन किया गया है और पिछले दो हफ्तों में बाहर से आये लोगों की जानकारी ली गई है.
ताकि जो भी संदिग्ध व्यक्ति है उसकी चेकिंग और मॉनिटरिंग कराई जा सके. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति अब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर भी स्वास्थ्य से जुड़ी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. यही नहीं हर जिले में डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रुम बनाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है, जिसके संबंध में जल्द ही जानकारी दी जाएगी. अवस्थी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में भी सभी विधायक, एमएलसी, मंत्री अपनी निधि से मेडिकल साधनों के लिए धनराशि उपलब्ध कराएंगे. यही नहीं लॉक डाउन के वक्त पूरे प्रदेश में एक सफाई अभियान चलाए जाने का भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है.
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद बताते हैँ कि प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड चिन्हित किए जा चुके हैं. वहीं अभी दूसरे राज्यों और प्रांतों से जो लोग लौटकर आए हैं उन्हें 15 दिन तक अपने घर पर ही रहने की अपील की गई है. होम क्वारनटाइन के दौरान अगर किसी व्यक्ति को कोरोना से जुड़े कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो वो स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर फोन करे.
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं. प्रमुख सचिव ने बताया कि कोरोना के उपचार को लेकर सरकार की तरफ से तीन स्तरीय व्यवस्था की जा रही है. जिलों में सीएचसी को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है. जिले स्तर पर जो अस्पताल हैं उन्हें लेवल 2 का अस्पताल बनाया जा रहा है. तीसरे लेवल के लिए चिकित्सा शिक्षा द्वारा बनाए गए विशिष्ट अस्पतालों को शामिल कराया जा रहा है.
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