केरल के सनसनीखेज अभिनेत्री बलात्कार मामले में आठ साल और 10 महीने बाद आखिरकार फैसला आ गया. मगर यह फैसला वैसा नहीं था जिसकी कई लोगों को उम्मीद थी.
एर्णाकुलम के प्रधान सत्र न्यायाधीश हनी एम. वर्गीज ने आठवें आरोपी सुपरस्टार दिलीप (या गोपालकृष्ण पद्मनाभन) को साजिश के आरोपों से बरी कर दिया जबकि सुनीलकुमार उर्फ पल्सर सुनी और पांच अन्य को उसी अपराध के लिए दोषी ठहराया.
अदालत ने दिलीप को इसलिए बरी किया क्योंकि अभियोजन इस घिनौने मामले में उनकी भूमिका 'संदेह से परे साबित नहीं कर सका'. राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील करेगी.
फैसले ने अभियोजन पक्ष की इस कहानी की बखिया उधेड़ दी कि दिलीप ने पीड़िता (जो अभिनेत्री भी हैं) के खिलाफ लंबे वक्त से मन में इसलिए गांठ बांध रखी थी कि उसने उनके प्रेम संबंध के बारे में तब उनकी पत्नी अभिनेत्री मंजू वारियर को बता दिया था. 2014 में दोनों का तलाक हो गया और दिलीप ने 2016 में एक अन्य पूर्व अभिनेत्री काव्या माधवन से शादी कर ली.
मामला 17 फरवरी, 2017 का है, जब कोच्चि में सुनी की अगुआई में छह लोगों ने पीड़िता की कार को हाइजैक कर लिया और शहर भर में चलती गाड़ी के भीतर उन पर यौन हमला किया गया. अपराधियों ने इस बर्बर हरकत की वीडियोग्राफी भी की और फिर उन्हें रात में शहर के बाहरी इलाके कक्कनाड में उनके प्रोड्यूसर के घर के नजदीक छोड़ दिया.
दो दिन बाद 19 फरवरी को दिलीप की पूर्व पत्नी वारियर ने घटना के विरोध में जल्दबाजी में बुलाई गई एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) की बैठक को संबोधित करते हुए व्यापक षड्यंत्र की तरफ इशारा किया. उनके बयान ने दिलीप और इस मामले में उनकी कथित भूमिका को लोगों की नजरों में ला दिया.
इस बीच कोच्चि सिटी पुलिस ने कई गलतियां करके पूरे मामले को बिगाड़ दिया. वे कई दिनों तक दोषियों को पकड़ नहीं पाए, बावजूद इसके कि पीड़िता ने सुनी की पहचान (मुख्य संदिग्ध सहित उनमें से कई फिल्म उद्योग में छोटे-मोटे काम करने वाले लोग थे) उजागर कर दी थी. वे कभी सुनी का मोबाइल फोन तक नहीं ढूंढ पाए, वही फोन जिसका इस्तेमाल उसने पीड़िता का वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए किया था.
हालांकि उन्होंने वह मेमोरी कार्ड बरामद कर लिया जिस पर उसने इन दृश्यों की नकल तैयार की थी. केस की तहकीकात कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने दिलीप को पूछताछ के लिए तब बुलाया जब उनके नाम सुनी की जेल से लिखी एक चिट्ठी मिली जिसमें उसने काम पूरे कर देने के लिए 1.5 करोड़ रुपए की मांग की. उन्हें 10 जुलाई को गिरफ्तार किया गया और उन्होंने 85 दिन न्यायिक हिरासत में बिताए.
इतने वर्षों के दौरान मामले में कई उतार-चढ़ाव आए, जिनमें अभियोजन के दो अग्रणी वकीलों का मामले से हाथ खींच लेना, करीब 28 गवाहों का अपने बयानों से मुकर जाना, और इसके अलावा भी बहुत कुछ शामिल था. मामले में नई जान 2021 में तब आई जब छोटे-मोटे डायरेक्टर और दिलीप के पूर्व विश्वासपात्र दिवंगत बालाचंद्रकुमार सामने आए और आरोप लगाया कि उन्होंने घटना के कुछ दिन बाद फिल्मस्टार और कुछ अन्य लोगों को झुंड में साथ बैठकर सुनी का वीडियो देखते देखा था.
एसआइटी ने दावा किया कि उसके पास ऐसे सबूत थे कि दिलीप शूटिंग की सात लोकेशन पर सुनी से मिले थे, मगर ये प्रमाण अदालत में टिक न सके. हाइकोर्ट के वकील और सियासी विश्लेषक ए. जयशंकर कहते हैं, ''अदालतों को अकाट्य सबूत चाहिए होते हैं. दिलीप के खिलाफ षड्यंत्र का मामला कमजोर था.''
बरी होने के बाद अदालत से बाहर निकलते हुए दिलीप ने रिपोर्टरों से कहा कि यह उनकी पूर्व पत्नी का बयान और 'कुछ शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत' ही थी जिसने उन्हें फंसाने की साजिश रची. बाद में कोच्चि के पास अलुवा में अपने घर पर इंडिया टुडे से उन्होंने कहा, ''केरल पुलिस ने मीडिया के एक हिस्से के साथ मिलकर मेरे खिलाफ मनगढंत कहानियां गढ़ीं. वे मेरा करियर और मेरी निजी जिंदगी बर्बाद करना चाहते थे.''
दिलीप का बचाव करने वाली पांच सदस्यों की मूल टीम के प्रमुख और अव्वल आपराधिक वकील बी. रमन पिल्लै ने और एक कदम आगे बढ़कर आरोप लगाया कि बी. संध्या (आइजी जो उसके बाद सेवानिवृत्त हो गईं) ने उनके मुवक्किवल को फंसाया. इस 77 वर्षीय जाने-माने वकील ने कोच्चि में रिपोर्टरों से कहा, ''अपने पांच दशक लंबे कानूनी करियर में मैंने इतने बोदा आरोपों पर गढ़ा गया आरोपपत्र नहीं देखा. एसआइटी इस मामले में दिलीप को फंसाने के लिए काल्पनिक आरोपों का अंबार लगा रही थी.''
मॉलीवुड के सुपरस्टार के बचाव में कई प्रमुख लोग भी आए, जिनमें कांग्रेस सांसद अडूर प्रकाश और तिरुवनंतपुरम से भाजपा की मेयर पद की उम्मीदवार और पूर्व डीजीपी आर. श्रीलेखा भी थीं. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अलबत्ता एसआइटी का बचाव किया. उन्होंने कहा, ''हम पीड़िता के साथ हैं. वे (दिलीप) भले कहें कि पुलिस उन्हें फंसा रही थी, मगर उन्होंने विस्तृत जांच की थी और उसी के आधार पर कदम उठाए. सरकार फैसले के खिलाफ अपील करेगी.''
खास बातें
> करीब नौ साल बाद इस मामले में फैसला आया और सुनी तथा अन्य पांच आरोपियों को दोषी ठहराया गया
> अभिनेता दिलीप साजिश के आरोप से बरी हो गए. उन्होंने पूर्व पत्नी और अफसरों पर फंसाने का आरोप लगाया

