scorecardresearch

मध्य प्रदेश: कटियामारों के लिए कैसे आफत बनी बिजली विभाग की स्कीम?

मध्य प्रदेश में पड़ोस की लाइन से बिजली चुराने वालों की जानकारी देने वालों को इनाम दिया जा रहा है

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
अपडेटेड 2 दिसंबर , 2025

इसे दूसरे तरीकों से सत्ता का विकेंद्रीकरण कहिए. देश में सार्वजनिक क्षेत्र की कई वितरण कंपनियों की तरह मध्य प्रदेश की पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (ईजेडपीडीसी) भी लंबे वक्त से घाटों से हलकान रही है.

मगर अब यह अपने कुल जमा तकनीकी और व्यावसायिक (एटीऐंडसी) घाटों को कम करने के लिए एक नया तरीका लेकर आई है. इसकी सूझ निश्चित तौर पर वोल्टेज में आए उछाल से मिली.

कंपनी ने 1 जुलाई को ऐप आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली शुरू की, जिसमें व्हिसलब्लोअर की पहचान गुप्त रखी जाती है. इसका छोटा नाम वी-मित्रा जितना बांका है, उतना ही अजीब इसका पूरा नाम है: संसाधनों के ऑडिट के जरिए अनियमितताओं का शमन (मिटिगेशन ऑफ इररेगुलरिटीज थ्रू रिसोर्स ऑडिट).

जबरदस्त प्रतिक्रिया
इसमें अनोखा क्या है? भारत में पहली बार अनियमितताओं की जानकारी देने वालों को सीधे पुरस्कृत किया जाएगा, बेशक उचित सत्यापन करने के बाद. दूसरी योजनाओं में पुरस्कार केवल तभी दिया जाता है जब उल्लंघन करने वाले बिल या जुर्माना अदा कर देते हैं. यह ऐप ईजेडपीडीसी ने खुद ही विकसित किया है और इसमें उन कर्मचारियों पर भी जुर्माना आयद करने का प्रावधान है जो बताए गए कदाचरण से जुड़े पाए जाते हैं.

नतीजे चौंकाने वाले रहे. बीते 100 दिनों में ऐप पर 30,000 शिकायतों की बाढ़ आ गई! इनमें से 17,000 की जांच की गई. कामयाबी की दर अलबत्ता मामूली दिखाई देती है. केवल 4,000 शिकायतें खरी थीं. मगर यह कोई शून्य योग खेल नहीं है: उल्लंघन करने वालों को 5 करोड़ रुपए के बिल थमाए गए; 25 लाख रुपए वसूले गए; 15 लाख रुपए के इनाम बांटे गए. खास तौर पर समाज-हितैषी एक शख्स ने इनाम के तौर पर 50,000 रुपए कमाए. कंपनी को उसकी आमदनी से टीडीएस तक काटना पड़ा!

मोबाइल फोन के जरिए कोई भी नागरिक इस ऐप पर रजिस्टर कर सकता है, आइडेंटिटी बना सकता है और (इनाम की धनराशि के लिए) बैंक के ब्योरे साझा कर सकता है. ग्यारह प्रकार की अनियमितताओं की फेहरिस्त दी गई है, जिनमें बुनियादी बिजली चोरी और लोड कम बताना (जिससे बिल पर सब्सिडी मिल जाती है) शामिल है. शिकायतकर्ता को बस इतना करना होता है कि इनमें से कोई एक चुने, साइट पर फोटो अपलोड करे और गुमराह उपभोक्ता को जगह या इंटरएक्टिव वॉइस रेस्पॉन्स सिस्टम के जरिए जियोटैग कर दे.

कंपनी ने 'कमतर कामकाज' और 'गलत मीटर रीडिंग' के लिए ऐसे करीब 2,000 कर्मचारियों को भी हटा दिया जिन्हें काम आउटसोर्स किया जाता था. उन्हें अब नए सिरे से व्हिसलब्लोअर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

खास बातें

> मध्य प्रदेश की बिजली वितरण कंपनी ने राज्य में बिजली चोरी रोकने का नया तरीका निकाला.

> शिकायत अगर सही पाई गई तो चोरी करने वाले से वसूली गई जुर्माने की आधी राशि शिकायतकर्ता को दी जाती है.

Advertisement
Advertisement