राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर विवाद का कोई नया बहाना खोज ही लेते हैं. महिलाओं की ड्रेस, पाठ्यक्रम में बदलाव और आदिवासियों की डीएनए जांच जैसे कई विवादों के बाद अब वे खुद से जुड़े तीन विभागों में विदेशी सामान की खरीद पर रोक लगाने को लेकर चर्चा में हैं.
दिलावर ने 6 अगस्त को एक अहम बैठक के दौरान शिक्षा, पंचायती राज और संस्कृति शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को यह नसीहत दी कि वे भविष्य में कोई भी विदेशी सामान न खरीदें.
उन्होंने महिला शिक्षकों से आग्रह किया कि वे रक्षाबंधन पर चीनी राखियां न खरीदें और मेकअप के सामान भी देशी कंपनियों का बनाया हुआ ही लें. उन्होंने पुरुष कर्मचारियों को भी विदेशी कंपनियों के सेविंग ब्लेड और टूथपेस्ट आदि न लेने की हिदायत दे डाली. इतना ही नहीं मंत्री दिलावर ने कहा कि विदेशी समान खरीदने पर कर्मचारियों से व्यक्तिगत वसूली होगी.
शिक्षा मंत्री का यह बयान आने के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर उन विदेशी सामान की सूची आने लगी जो मंत्री और उनसे जुड़े विभागों के कर्मचारी काम में लेते हैं.
दिलावर ने महिलाओं के लिए स्वदेशी मेकअप के सामान की वकालत तो की मगर बाजार में उपलब्ध मेकअप का अधिकांश सामान विदेशी कंपनियां ही बनाती हैं. मसलन, महिलाओं के मेकअप के लिए फाउंडेशन, पाउडर, ब्लश, आइशैडो, आइलाइनर, लिपस्टिक, लिप लाइनर आदि.
वहीं, शिक्षाविद् विजय गोयल कहते हैं, ''जिस तरह शिक्षा मंत्री काम कर रहे हैं उससे लगता है कि आने वाले समय में प्रदेश के स्कूलों में विदेशी सामान ही नहीं बल्कि न्यूटन, डार्विन जैसे विदेशी वैज्ञानिकों के पाठ पढ़ाने पर भी रोक लग जाएगी. क्या बच्चों को अब ग्लोब की जगह मिट्टी में नक्शा बनाकर भूगोल पढ़ाया जाएगा और कंप्यूटर की जगह चौपाल में बैठकर 'आंख-मिचौनी' खेलकर कोडिंग सिखाई जाएगी?''
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दिलावर पर तंज कसा, ''मदन दिलावर बौद्धिक रूप से बीमार हैं, उन्हें किसी अच्छे अस्पताल में इलाज और आराम की सख्त जरूरत है. वे हर दिन अपने बेतुके बयानों और निर्णयों से शिक्षा व्यवस्था का बेड़ा गर्क करने में लगे हैं.''
खास बातें
> शिक्षा मंत्री ने अपने विभाग के लोगों को विदेशी सामान का उपयोग न करने की हिदायत दी.
> यहां तक कि उन्होंने महिला शिक्षकों से मेकअप के सामान भी स्वदेशी खरीदने का आग्रह किया.