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क्यों थप्पड़-घूंसों में बदलती जा रही है महाराष्ट्र की राजनीति?

एकनाथ शिंदे सेना के विधायक ने अपने ही रचे गड़बड़झाले को ढकने के लिए एक बार फिर मूल निवासी होने के पुराने सिद्धांत की दुहाई दी है

शिवसेना MLA संजय गायकवाड़ 9 जुलाई को कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारते हुए
अपडेटेड 21 अगस्त , 2025

दक्षिण भारतीय-विरोधी राजनीति नगाड़े की वह बिल्कुल पहली थाप थी, जिसके साथ शिवसेना का आधुनिक भारतीय राजनीति के मंच पर पदार्पण हुआ. वह ठसक उसमें साफ तौर पर अब भी कुछ बाकी है, खासकर यह देखते हुए कि किस अनोखे अंदाज में उसने हाल में सुर्खियों में जगह बनाई, टीवी के लिए गढ़ी गई एक विचारहीन हरकत के बाद उत्पन्न विचार के रूप में.

इसके मुख्य पात्र एकनाथ शिंदे सेना के विधायक संजय गायकवाड़ थे, जिनका मिजाज हर लिहाज से मुंबई के मौसम की आम रिपोर्ट से मिलता-जुलता है: मूसलाधार बारिश, हमेशा तेज गर्जना की संभावनाओं के साथ. गायकवाड़ का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे बनियान पहने और कमर पर तौलिया लपेटे नरीमन पॉइंट के विधायक हॉस्टल के एक अभागे कर्मचारी को घूंसे जड़ रहे थे.

हुआ यह कि इसका हश्र पहले से ही चौतरफा घिरे शिंदे के लिए झटके के रूप में सामने आया, जो अपने को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर ज्यादा से ज्यादा घिरता पा रहे हैं. अपने आदमियों को नियंत्रित कर पाने में उपमुख्यमंत्री के नाकारापन के प्रति काफी कठोर होती जा रही भाजपा फिर से बार-बार उनकी सेना को एक आंतरिक व्यवस्था और चेक-ऐंड-बैलेंस वाली राजनैतिक पार्टी के बजाए विधायकों का ढीला-ढाला गठबंधन करार देने लगी है.

वीडियो में बुल्ढाणा से दो बार के विधायक गायकवाड़ को हॉस्टल के एक कर्मचारी को घूंसे जड़ने से पहले एक कैरीबैग में रखी दाल सूंघने के लिए मजबूर करते देखा गया. दक्षिण मुंबई में मंत्रालय के ऐन सामने स्थित आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल का वह कर्मचारी नीचे गिर जाता है. गायकवाड़ का आरोप है कि कैंटीन का प्रबंधन बार-बार यह गलती दोहराता रहा है. बाद में महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कैंटीन का निरीक्षण किया और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया.

संयम नहीं बरतने के लिए आलोचनाओं से घिरे गायकवाड़ 'दक्षिण के लोगों के रवैये' पर मुंहजबानी गोलाबारी करते हुए अपनी बात पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि यह समुदाय ''महाराष्ट्र में डांस बार और लेडीज बार चलाता था'' और इसने ''यहां की संस्कृति और युवाओं को बर्बाद कर दिया''. उनकी खीझ और नाराजगी की जड़ जाहिरा तौर पर कैंटीन का ठेकेदार था, जो कर्नाटक का शेट्टी बताया जाता है.

मूल निवासी होने से जुड़ी शब्दावली का सहारा खुद अपने खराब आचरण से ध्यान भटकाने की पारदर्शी कोशिश था. उसका असर इस बात के चलते कम से कम हो गया कि इस शब्दावली का सहारा लेने वाले शख्स ने समान अवसर अपराधी के रूप में कुछ ख्याति अर्जित की है, यानी जो पीड़ित की नस्ल, जाति, लैंगिकता आदि की परवाह नहीं करता.

कुछ ही दिन पहले उन्होंने छत्रपति संभाजी के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी. मई में गायकवाड़ ने महाराष्ट्र पुलिस पर हमला बोलते हुए उसे ''भारत और दुनिया का सबसे नाकारा पुलिस महकमा'' करार दिया, जिसमें ''हफ्ता (जबरन वसूली)'' की जबरदस्त प्रवृत्ति भी है. इससे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी गुस्से से लाल हो गए थे. पिछले सितंबर में गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ''जीभ काट देने वाले'' शख्स को 11 लाख रुपए की पेशकश की थी. उन्होंने बाघ को मारने और उसका दांत गले में पहनने का दावा भी किया.

एआइएमआइएम के सांसद इम्तियाज जलील ने जब कैंटीन के कारनामे के लिए गायकवाड़ की आलोचना की तो उन्होंने जलील पर भी हमला करने की धमकी दे डाली. विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के तीन दिन बाद फडणवीस ने हस्तक्षेप किया और मरीन ड्राइव पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए असंज्ञेय अपराध का मामला दर्ज कर लिया. अलबत्ता यह शख्स अभी भी अवज्ञा पर अड़ा हुआ है.

खास बातें

> शिंदे सेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारा; वीडियो वायरल.

> बाद में वे दक्षिण भारतीयों पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहते हैं कि ये लोग महाराष्ट्र को बर्बाद कर रहे हैं.

> पिछले सितंबर में गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ''जीभ काट देने वाले'' शख्स को 11 लाख रुपए की पेशकश की थी.

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