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'बाला साहेब' के विरासत को बचाने एकजुट हुए ठाकरे बंधु; क्या मराठी मानुस का मिलेगा साथ?

भाषा की लड़ाई के लिए उद्धव और राज ठाकरे आखिरकार फिर एकजुट हुए और इसका एक रूप जल्द ही मुंबई के नगर निकाय चुनावों में देखने को मिलेगा.

5 जुलाई को मुंबई में रैली के दौरान राज ठाकरे और उद्धव
अपडेटेड 11 अगस्त , 2025

जब भाइयों का झगड़ा बंधुत्व के रिश्ते या भाईचारे में बदल जाता है, तो अमूमन ऐसा नहीं होता कि इससे किसी तरह के राजनैतिक माहौल में बदलाव का संकेत मिले. लेकिन ऐसा ही एक नया आसमान दो दशक बाद खुला और एक दूसरे से विमुख ठाकरे बंधुओं —उद्धव और राज—ने महाराष्ट्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलने के लिए एक मंच साझा किया.

मेल-मिलाप के इस मौके को और भी ज्यादा मौजूं बनाने के लिए जो मुद्दा चुना गया, वह था—कक्षा एक से हिंदी शुरू करने का कदम, जिसे अब रद्द कर दिया गया है. मराठी अस्मिता के उनके साझा शिवसेनाई जीन के लिहाज से इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था. अब जो दौर आने वाला है, वह दिलचस्प है. सबसे अहम निकाय चुनाव—जिनमें भारत के सबसे धनी नगर निकाय, मुंबई का बीएमसी भी शामिल है—ज्यादा दूर नहीं हैं.

हिंदी के प्रति असहमति मूल रूप से शिक्षाविदों और नागरिक समाज समूहों ने प्रकट की थी. लेकिन ठाकरे बंधुओं के पुनर्मिलन की आशंका ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को डरा दिया. वैसे, यह मिलन हो भी गया है और अब संभावना है कि यह राज्य की राजनीति की संरचना को बदल सकता है.

2024 के विधानसभा चुनाव में सेना यूबीटी और मनसे दोनों को करारी हार का झटका लगा था. उद्धव की शिवसेना 20 विधायकों पर सिमट गई जबकि 2019 में एक सीट जीतने वाली मनसे का सफाया हो गया; यहां तक कि राज ठाकरे के बेटे अमित भी माहिम सीट हार गए. वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को 57 सीटें मिलीं, जिससे 'असली शिवसेना' होने का उनका दावा पुख्ता हो गया.

एक पॉडकास्ट में राज ने कहा कि वे अपने बड़े चचेरे भाई के साथ सुलह के लिए तैयार हैं. हिंदी ने दोनों को एक मजबूत सीढ़ी दे दी. एक और कारण बीएमसी है, जो पुरानी शिवसेना की राजनीति और उसकी 'पुरस्कार अर्थव्यवस्था' का केंद्र थी. 6 जुलाई को वर्ली की रैली में राज ने कहा, ''फडणवीस ने हमें एक कर दिया, जो बालासाहेब भी नहीं कर पाए थे.'' उद्धव ने कहा कि वे ''एक साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं.''

मराठी अस्मिता
पुरानी सेना को 'भावनाओं वाली पार्टी' के रूप में निरूपित किया जाता रहा है, इसलिए एक संयुक्त अभियान उसके मराठी वोट आधार को बढ़ा सकता है. बताया जाता है कि भाषा संबंधी यह कदम फडणवीस के दिमाग की उपज था, जिसका मकसद ताकतवर हिंदी लॉबी को खुश करने का प्रयास था ताकि राष्ट्रीय स्तर पर अपना कद बढ़ाया जा सके. लेकिन लगता है कि यह उल्टा पड़ गया.

अपने सीमित चुनावी अवसरों के बावजूद राज का कुछ इलाकों में मजबूत असर है. शहरी युवाओं में उनका प्रभाव और स्वीकार्यता है, साथ ही उन्हें दिलेर माना जाता है. देखने वाली बात यह है कि क्या एमएनएस की ताकत शिवसेना (यूबीटी) के समर्थन आधार में इजाफा कर सकती है जिसमें मुसलमान का एक तबका भी शामिल है.

यूबीटी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि गठबंधन सहज स्वाभाविक है. वे कहते हैं, ''हालांकि, भाजपा राज को लुभाने की पूरी कोशिश करेगी. गौर करिए कि रैली के बाद भाजपा नेताओं ने उद्धव पर जमकर हमला बोला, लेकिन राज के प्रति उनका रुख नरम रहा है.'' गठबंधन की सूरत में बड़े भाई उद्धव को काफी एडजस्टमेंट करने होंगे. मुंबई में मनसे का न तो कोई विधायक है और न ही कोई पार्षद. दोनों का परेल, दादर, माहिम, सेवरी और भांडुप जैसे इलाकों में साझा प्रभाव क्षेत्र भी है जिससे सीटों का बंटवारा मुश्किल हो सकता है.

मुंबई बनाम शेष
इसके खिलाफ एक ढाल है—गैर-मराठियों की लामबंदी. एक राज्य मंत्री का कहना है कि गुजराती, राजस्थानी और हिंदी भाषियों को मिला दें तो उनकी संख्या ज्यादा हो जाती है—और वे ''पूरी तरह से भाजपा समर्थक'' हैं. महाराष्ट्रियन मुंबई की आबादी का करीब 35-40 फीसद हैं जो पार्टियों में बंटे हुए हैं. विश्लेषकों का मानना है कि मुसलमान, जिन्होंने शिवसेना यूबीटी को मुंबई में जीती लगभग सभी 10 विधानसभा सीटों पर साख बचाने में मदद की, निर्णायक कड़ी के रूप में उभर सकते हैं. एक भाजपा नेता का कहना है कि ठाकरे बंधु ''तिनके पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं.'' लेकिन दूसरी ओर पत्रकार निखिल वागले जैसे लोग भी हैं जो कहते हैं कि उनकी एकता शिंदे के लिए आखिरी कील साबित होगी.

खास बातें

> ठाकरे चचेरे भाई लगभग दो दशक की दूरी के बाद फिर एकजुट हुए; राज ने इसका श्रेय फडणवीस की हिंदी नीति को दिया.

> पैसे से मालामाल बीएमसी और अन्य निकायों के चुनावों के लिए गठबंधन की भविष्यवाणी.

> अगर साथ मिलकर लड़ते हैं, तो पुरानी शिवसेना के जनाधार को वापस पा सकते हैं.

> गैर-मराठी समुदायों का काउंटर-मोबिलाइजेशन सबसे बड़ा जोखिम.

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