आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना अच्छी बात लगती है. ऐसा ही एक कदम पहलगाम के चार दिन बाद उठाया गया. लक्ष्य? अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत से दूरदराज रह रहे 6,500 से ज्यादा कथित अवैध बांग्लादेशी.
गुजरात पुलिस ने उन्हें सामूहिक हिरासत में लिया. दो दिन बाद अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने पुलिस को साथ लेकर शहर की मुस्लिम बस्तियों में से एक चंदोला तलाव के आसपास की 4,000 झुग्गियों को भी ध्वस्त कर दिया.
रातोरात करीब 25,000 रहवासियों को हटा दिया गया और इस तरह कुल चार लाख वर्ग मीटर इलाका खाली करा लिया गया.
झुग्गियों का छोटा-सा अतीत
2002 में गोधरा कांड के दंगों के बाद गुजरात के ग्रामीण इलाकों के मुसलमानों ने अपने घरबार और खेत छोड़ दिए और सुरक्षा की तलाश में शहर में बड़ी संख्या में शरण ली. इन गहरी और अंधेरी शहरी गलियों में दुबक जाना जीवित रहने की कवायद थी. इन वर्षों में अहमदाबाद में जुहापुरा, चंदोला तलाव, बॉम्बे होटल, सिटिजननगर, मिल्लतनगर और शाह-ए-आलम देखते ही देखते फैलते गए.
वडोदरा और सूरत में भी ठीक ऐसा ही हुआ. अंदर जाना मुश्किल, अंधेरे और अछूते इन इलाकों ने सबसे ज्यादा वंचित आकर्षित किए. स्थानीय गुंडों की मदद से सभी तरह के नेताओं ने इन लोगों के स्थानीय तंत्र में शामिल होने का लाभ उठाया. कोई नाम नहीं, कोई सड़क नहीं, कोई आधिकारिक बिजली, सीवरेज या पानी नहीं.
जिस समय पहलगाम की गोलियां पूरे भारत में गूंज रही थीं, यहां बेचैनी तेजी से फैली. 24 अप्रैल की रात को पुलिस वाले घरों में घुस गए: अहमदाबाद में 890, सूरत में 134 और वडोदरा में 200 लोगों को पकड़ा गया. 'अवैध बांग्लादेशी' होने का आरोप लगाया गया.
आधे लोगों को छोड़ दिया गया; कागजात से पता चला कि वे बिहार, यूपी, बंगाल के भारतीय थे. फिर चंदोला तलाव में भोर से पहले ही जेसीबी की कतार लग गई. लोगों ने अपना थोड़ा-बहुत सामान समेटा और भाग गए, कुछ अपने राज्यों में लौट गए, ज्यादातर लोग पास की बस्तियों में पहुंच गए.
खुफिया सूचनाओं ने अपराध का आधार तैयार किया: ''बांग्लादेशी विदेशियों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों को शरण देना, बड़े पैमाने पर वेश्यावृत्ति...नशीली दवाओं का धंधा, मनी लॉन्ड्रिंग, दस्तावेज की जालसाजी.'' राज्य की ओर से अदालत को बताया गया कि 'अल कायदा मॉड्यूल' से जुड़े चार बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है और दलील दी गई कि 'सार्वजनिक व्यवस्था' और 'राष्ट्रीय सुरक्षा' की रक्षा के लिए की गई कार्रवाई में 'प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत बाधा नहीं डाल सकते.'
दो गिरफ्तार लोगों को सरगना बताया गया: लल्लू बिहारी उर्फ महमूद पठान और बेटा फतेह. आरोप: जाली बिजली बिल और किरायानामा बनवाना (आधार कार्ड लेने में मदद के लिए), मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति और 'चंदोला लेक में अतिक्रमण.'
कार्यकर्ता मुजाहिद नफीस कहते हैं, ''यह तलाव के आगे के हिस्से पर आंख गड़ाने वाले रियल एस्टेट दिग्गजों का लालची कदम है. वे इसके लिए गरीब मुसलमानों को सता रहे हैं.'' अहमदाबाद नगर निगम ने 2025-26 के बजट में पीएम आवास योजना के 4,000 मकानों के साथ 600 करोड़ रुपए की वाटरफ्रंट विकास योजना का प्रावधान किया है. पहलगाम ने अनजाने में ही कई घर गिरा-बना दिए हैं.
खास बातें
> गुजरात पुलिस मुस्लिम बस्तियों में पहुंची; 6,500 लोग गिरफ्तार.
> कई रिहा हुए; कागजात से पता चला कि वे यूपी, बिहार और बंगाल के निवासी हैं, अवैध अजनबी नहीं.
> चंदोला तलाव में 12,500 झुग्गियां जमींदोज कर 4,00,000 वर्ग मीटर जमीन खाली कराई गई.
> खुफिया जानकारी में टेरर मॉड्यूल बताया गया लेकिन गतिविधियों से रियल एस्टेट की दिलचस्पी का संकेत.