राजस्थान में आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि चुनाव हारने के बाद विपक्षी पार्टियां एकदम शांत हो जाती हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस के साथ ऐसा नहीं दिखता. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई.
200 में से सिर्फ 69 सीटें मिलीं. इसके बावजूद पार्टी ने चुप बैठने की बजाए भाजपा की सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया दिखाया है. विधानसभा में हंगामे से लेकर बाहर तीखी बयानबाजी तक कांग्रेस सरकार को घेरने का कोई अवसर जाने नहीं दे रही.
ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने फिलहाल अपने बीच के मतभेदों को दरकिनार कर दिया है. गहलोत का आरोप है कि भाजपा सरकार उनके कार्यकाल में शुरू की गई जनकल्याण योजनाओं को खत्म कर रही है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली तो भाजपा पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए उसे घेरने में सफल नजर आते हैं.
मामला उस वक्त गरमाया जब भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने उस राम मंदिर में गंगाजल छिड़कवाया जहां कांग्रेस के कई नेताओं ने पूजा की थी. मंदिर जाने वालों में जूली भी थे, जो दलित हैं.
थोड़े समय के लिए रक्षात्मक मुद्रा में नजर आ रही भाजपा ने भी अब कांग्रेस पर पलटवार शुरू किए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस के दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. इनमें पहला नाम है प्रताप सिंह खाचरियावास का. उन्होंने मार्च में फिल्म अवॉर्ड समारोह पर राज्य सरकार के 100 करोड़ रुपए खर्च करने पर सवाल उठाए थे, लेकिन बात धीरे-धीरे बढ़ती हुई डिप्टी सीएम दीया कुमारी पर निजी टिप्पणियों तक जा पहुंची.
इसी दौरान उनके पुराने चिटफंड घोटाले का मामला भी फिर से सामने आ गया. दूसरा मामला है महेश जोशी का, जिन पर जल जीवन मिशन के तहत कुछ टेंडरों में अनियमितता की गंभीर शिकायतों को लेकर जांच चल रही है. मैदान सज चुका है और पक्ष-विपक्ष दोनों, अब पूरी तैयारी के साथ कूद चुके हैं.
खास बातें
> भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के दो पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उठाया.
> इससे पहले कांग्रेस के एकजुट नेताओं के भाजपा सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी थी.