
बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने बिहार में अश्लील गानों और अश्लील फिल्मों के खिलाफ जंग छेड़ दी है. उन्होंने सबसे पहले हनी सिंह के नए गाने मैनिएक के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में पीआईएल दायर की. अब वे बिहार पुलिस के साथ मिलकर अश्लील गानों और अश्लील फिल्मों का प्रसारण रोकने और उनका बॉयकॉट करने की मुहिम चला रही हैं.
हाल में 18 मार्च को वे बिहार पुलिस के एक कार्यक्रम उड़ान में भाग लेने पटना के पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन पहुंचीं. वहां उन्होंने राज्य की चुनिंदा महिला पुलिसकर्मियों से कहा कि गानों और फिल्मों में अश्लीलता को रोकने में उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है, बस भारतीय न्याय संहिता 296/79 का सही ढंग से पालन करना है, जो अश्लील गानों के प्रसारण के खिलाफ कानूनी हथियार है.
मैनिएक दरअसल भोजपुरी और पंजाबी का फ्यूजन है. यूट्यूब पर इसके ऑफिशियल वीडियो के अब तक करीब 11 करोड़ व्यूज हैं. पंजाबी की तरह भोजपुरी गाने भी खासे लोकप्रिय होते हैं. बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भोजपुरी गानों की मास अपील इतनी है कि इनके सिंगर फटाफट स्टार बन जाते हैं.

इंडिया टुडे से बातचीत में चंद्रा कहती हैं, ''मैं पिछले 14 साल से अपने तरीके से वल्गर मास कल्चर के खिलाफ काम कर रही थी. इसी कोशिश के तहत बिहार की भाषाओं में अच्छी फिल्में बना रही थीं. मैंने भोजपुरी में देसवा और करियट्ठी और मैथिली में मिथिला मखान तथा जैक्सन हॉल्ट जैसी फिल्में बनाईं.
देसवा को कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में भी दिखाया गया. मिथिला मखान को नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. जैक्सन हॉल्ट और करियट्ठी को प्रसार भारती अपने प्लेटफॉर्म पर दिखा रही है. इन फिल्मों में मैंने हरिहरन, श्रेया घोषाल, सोनू निगम, स्वानंद किरकिरे, मीका, भरत व्यास और शारदा सिन्हा सरीखे प्रतिष्ठित गायकों से गीत गवाए. मैं अस्सी से ज्यादा गाने प्रोड्यूस कर चुकी हूं, इन्हें पूरे परिवार से साथ देखा जा सकता है.’’
उनका कहना है कि विकल्प खड़ा करने की इस कोशिश में उनके भाई नितिन चंद्रा उनका साथ दे रहे थे. ''मगर जब हनी सिंह ने मैनिएक गाने में भोजपुरी की अश्लीलता को शामिल कर लिया तो वह मेरे लिए ट्रिगर पॉइंट साबित हुआ.’’

इस बीच 7 मार्च, 2025 को बिहार सरकार ने भी अश्लील गानों के प्रसारण के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया. जद (यू) विधायक गोपाल मंडल अश्लील गानों पर ठुमके लगाते नजर आए तो उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाई गई.
नीतू के शब्दों में, "मेरे इस अभियान का मकसद है बिहार की भाषाओं को अश्लीलता के टैग से मुक्ति दिलाना. ऐसे गाने बंद होंगे तो बिहार में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध में भी कमी आएगी."
कई लोग मानते हैं कि नीतीश कुमार का महिला वोटरों को अपने पाले में करने का यह एक और मास्टर स्ट्रोक है. वे पहले भी शराबबंदी लागू कर महिला वोटरों की सहानुभूति अपनी तरफ कर चुके हैं. खैर, वजह जो हो, अब अभिनेत्री नीतू चंद्रा बिहार में अश्लील गानों के खिलाफ चल रही जंग में मैदान में उतर गई हैं, और वे इस कैंपेन में बिहार सरकार की साझीदार हैं. देखना है कि इस साझेदारी से बिहार में खासकर भोजपुरी गाने अश्लीलता से मुक्त हो पाते हैं या नहीं.